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This Article is From Mar 03, 2014

इक्के-दुक्के रन लेने से दुविधा में आ जाता हूं : शाहिद अफरीदी

इक्के-दुक्के रन लेने से दुविधा में आ जाता हूं : शाहिद अफरीदी
मीरपुर:

शाहिद अफरीदी को बखूबी पता है कि टीम के लिए उनका टिककर खेलना कितना जरूरी है, लेकिन एशिया कप में भारत पर जीत के सूत्रधार रहे इस हरफनमौला ने कहा कि एक और दो रन के लिए दौड़ने से वह दुविधा में आ जाते हैं।

अफरीदी ने आखिरी ओवर में दो छक्के लगाकर पाकिस्तान को भारत पर एक विकेट से जीत दिलाई।

इस 34 वर्षीय धुरंधर ने स्वीकार किया कि बड़े शॉट खेलने की उनकी ललक कई बार टीम को मुश्किल हालात में ले जाती रही है।

उन्होंने 18 गेंद पर 34 रन की पारी के बाद कहा, मैंने पिछले मैचों में कुछ बेवकूफाना शॉट खेले। मुझे पता है कि मेरी बल्लेबाजी टीम के लिए बहुत अहम है, लिहाजा मुझे लगातार अच्छा खेलना होगा। इससे टीम को फायदा होगा। उन्होंने कहा, यदि मेरे पास बल्लेबाजी के लिए 15 से 25 ओवर हैं तो कप्तान मुझे एक दो रन लेकर पारी को आगे बढ़ाने के लिए कहते हैं। मैं दुविधा में पड़ जाता हूं। यह मेरा स्वभाव नहीं है। मैं कम ओवरों में बेहतर खेल पाता हूं, क्योंकि एक तरह से सोचता हूं। इससे मैं सहज महसूस करता हूं। कल की पारी के बारे में अफरीदी ने कहा कि उन्हें आखिरी ओवर फेंकने वाले आर अश्विन की गेंद पर बड़े शॉट खेलने का यकीन था।

उन्होंने कहा, मुझे पता था कि मैं उसकी कैरम बाल को मार सकता हूं। मैंने उसकी गेंद को भांप लिया था। उसने ऑन साइड पर फील्ड लगाई थी और मुझे लगा कि एक्स्ट्रा कवर में शॉट खेला जा सकता है।

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