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IND vs ENG: 'यह शुभमन गिल की टीम है, कोच की नहीं...', सुनील गावस्कर के 'गंभीर' आरोप, मचा बवाल

Sunil Gavaskar angry on Gautam Gambhir: भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया की रणनीति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. टीम इंडिया के फैसलों पर सवाल उठाते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भी आश्चर्य जताया कि अंतिम फैसला कौन ले रहा है- कप्तान गिल या मुख्य कोच गौतम गंभीर.

IND vs ENG: 'यह शुभमन गिल की टीम है, कोच की नहीं...', सुनील गावस्कर के 'गंभीर' आरोप, मचा बवाल
Sunil Gavaskar big Statement on Gautam Gambhir:
  • चौथे टेस्ट मैच में कुलदीप यादव को भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया, जिसका टीम को नुकसान हुआ.
  • सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम के माहौल और कप्तान-कोच के संयोजन पर विचार व्यक्त किए.
  • गावस्कर ने बताया कि उनके समय में टीम के पास आधिकारिक कोच नहीं थे, केवल पूर्व खिलाड़ी सलाह देते थे.
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Sunil Gavaskar angry on Team India: चौथे टेस्ट मैच में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को भारतीय इलेवन (India Playing 11) में शामिल नहीं किया गया जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा है. जिसको लेकर अब पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने भी रिएक्ट किया है. गावस्कर ने एक बड़ा बयान दिया है जिसमें उन्होंने टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर चर्चा की. दरअसल, सोनी स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कमेंटेटर हर्षा भोगले ने एक सवाल किया जिसपर गावस्कर ने बड़ा बयान दिया, जिसने अब फैन्स के बीच सुर्खियां बटोर ली है. हर्षा भोगले ने सोनी स्पोर्ट्स परगावस्कर से सवाल करते हुए पूछा, "शुभमन गिल के लिए गौतम गंभीर या किसी कोचिंग स्टाफ के पास जाकर यह कहना कि "जेंटलमैन, यह मेरी टीम है" कितना आसान या मुश्किल होगा? 

सुनील गावस्कर ने इस सवाल पर रिएक्ट करते हुए कहा,  " देखिए हमारे पास कोच नहीं थे.. हमारे पास टीम के मैनेजर या सहायक मैनेजर के रूप में पूर्व खिलाड़ी ही थे. वे ऐसे लोग थे जिनके पास जाकर आप बात कर सकते थे, वे आपको लंच के समय, दिन के खेल के अंत में या मैच की पूर्व संध्या पर कुछ सलाह देते थे."

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Photo Credit: PTI

गावस्कर ने जवाब देते हुए आगे कहा, "इसलिए, मेरे लिए कप्तान और कोच के संयोजन को समझना मुश्किल है. जब मैं कप्तान था, तब हमारे पास कोई भी पूर्व खिलाड़ी नहीं था. सच कहूं तो, हमारे पास विंग कमांडर दुर्रानी, राज सिंह डूंगरपुर जैसे खिलाड़ी थे.  केवल एक बार हमारे पास इरापल्ली प्रसन्ना थे और वह शानदार थे."

पूर्व भारतीय कप्तान ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "मुद्दा यह है कि आखिरकार यह एक कप्तान की टीम है, जैसा कि नासिर ने कहा.. आप ऐसा नहीं कह सकते, वह किसी को नहीं चाहते थे, शार्दुल ठाकुर या कुलदीप यादव के मामले में - उन्हें टीम में होना चाहिए था. वह कप्तान हैं. लोग उनके और उनकी कप्तानी के बारे में बात करेंगे. इसलिए, यह वास्तव में उनका फैसला है. मुझे पता है कि सब कुछ ठीक-ठाक दिखाने के चक्कर में ये बातें शायद सामने न आएं. सच तो यह है कि कप्तान ही ज़िम्मेदार है.. वही इन सबका नेतृत्व करने वाला है."

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