बीसीसीआई प्रमुख शशांक मनोहर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
शशांक मनोहर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट अगर लागू होती है तो विदर्भ क्रिकेट संघ का वोट हट जाएगा और उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है। इसके साथ ही मनोहर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) अध्यक्ष पद की रेस में भी हैं। आईसीसी में भी 'एक व्यक्ति एक पद' का नियम लागू है।
कुशल प्रशासक और ईमानदार छवि
ईमानदार छवि वाले शशांक मनोहर 2008 से 2011 के बीच पहली बार बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे। पेशे से वकील मनोहर पिछले साल अक्टूबर में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद दोबारा बोर्ड अध्यक्ष बने। मनोहर ने अध्यक्ष बनने के बाद दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में बदलाव की मुहिम शुरू की। हाल ही में डिस्कवरी चैनल में काम कर चुके राहुल जौहरी को बीसीसीआई का पहला सीईओ बनाया गया।
सुप्रीम कोर्ट का दबाव
बीसीसीआई पर जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने का दबाव है। सुप्रीम कोर्ट चाहती है कि बीसीसीआई में एक राज्य, एक वोट का सिद्धांत लागू हो। अभी महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में 3-3 क्रिकेट संघ हैं जबकि बिहार और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों की बीसीसीआई में नुमाइंदगी ही नहीं है।
बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं शरद पवार
मनोहर के बाद MCA के अध्यक्ष शरद पवार बीसीसीआई अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है। पवार 2005 से 2008 के बीच भी बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं। पवार 2010 से 2012 तक आईसीसी के भी अध्यक्ष थे। हालांकि आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला फ़िलहाल इसे कयास बता रहे हैं।
यह हैं लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशें
1. सरकारी अफ़सर और मंत्री बीसीसीआई से बाहर रहें
2. एक आदमी एक पद का नियम बीसीसीआई में हो
3. सट्टेबाज़ी को देश में कानूनी बनाया जाए
4.चयन समिति में पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ही शामिल हों
5. मुख्य चयनकर्ता सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने वाला हो
6. राज्य संघों में प्रॉक्सी वोटिंग पर पाबंदी लगाई जाए
7. बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाया जाए
8. रेलवे, सर्विस और एआईयू को वोटिंग अधिकार नहीं
9. इससे केंद्र सरकार के 3 वोट हट जाएंगे
10. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव की उम्र सीमा हो
11. अधिकारी की अधिकतम उम्र 70 साल की हो
12. लगातार दो बार कोई अध्यक्ष नहीं बनाया जाए
13. तीन टर्म से ज्यादा कोई पदाधिकारी नहीं रह सकता
14. खिलाड़ियों का संघ बनाया जाए
15. खिलाड़ियों के संघ का नुमाइंदा काउंसिल में शामिल हो
16. रोज़मर्रा के काम के लिए CEO की नियुक्ति की जाए
बीसीसीआई एक हलफ़नामे के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट को ये समझाने की कोशिश में लगी है कि लोढ़ा कमेटी की सिफ़ारिशों को लागू करने में कई दिक्कतें हैं। शशांक मनोहर पर दबाव तो है ही साथ ही नए अध्यक्ष के सामने भी ये बड़ी चुनौती होगी।
कुशल प्रशासक और ईमानदार छवि
ईमानदार छवि वाले शशांक मनोहर 2008 से 2011 के बीच पहली बार बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे। पेशे से वकील मनोहर पिछले साल अक्टूबर में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद दोबारा बोर्ड अध्यक्ष बने। मनोहर ने अध्यक्ष बनने के बाद दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में बदलाव की मुहिम शुरू की। हाल ही में डिस्कवरी चैनल में काम कर चुके राहुल जौहरी को बीसीसीआई का पहला सीईओ बनाया गया।
सुप्रीम कोर्ट का दबाव
बीसीसीआई पर जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने का दबाव है। सुप्रीम कोर्ट चाहती है कि बीसीसीआई में एक राज्य, एक वोट का सिद्धांत लागू हो। अभी महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में 3-3 क्रिकेट संघ हैं जबकि बिहार और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों की बीसीसीआई में नुमाइंदगी ही नहीं है।
बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं शरद पवार
मनोहर के बाद MCA के अध्यक्ष शरद पवार बीसीसीआई अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है। पवार 2005 से 2008 के बीच भी बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं। पवार 2010 से 2012 तक आईसीसी के भी अध्यक्ष थे। हालांकि आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला फ़िलहाल इसे कयास बता रहे हैं।
यह हैं लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशें
1. सरकारी अफ़सर और मंत्री बीसीसीआई से बाहर रहें
2. एक आदमी एक पद का नियम बीसीसीआई में हो
3. सट्टेबाज़ी को देश में कानूनी बनाया जाए
4.चयन समिति में पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ही शामिल हों
5. मुख्य चयनकर्ता सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने वाला हो
6. राज्य संघों में प्रॉक्सी वोटिंग पर पाबंदी लगाई जाए
7. बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाया जाए
8. रेलवे, सर्विस और एआईयू को वोटिंग अधिकार नहीं
9. इससे केंद्र सरकार के 3 वोट हट जाएंगे
10. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव की उम्र सीमा हो
11. अधिकारी की अधिकतम उम्र 70 साल की हो
12. लगातार दो बार कोई अध्यक्ष नहीं बनाया जाए
13. तीन टर्म से ज्यादा कोई पदाधिकारी नहीं रह सकता
14. खिलाड़ियों का संघ बनाया जाए
15. खिलाड़ियों के संघ का नुमाइंदा काउंसिल में शामिल हो
16. रोज़मर्रा के काम के लिए CEO की नियुक्ति की जाए
बीसीसीआई एक हलफ़नामे के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट को ये समझाने की कोशिश में लगी है कि लोढ़ा कमेटी की सिफ़ारिशों को लागू करने में कई दिक्कतें हैं। शशांक मनोहर पर दबाव तो है ही साथ ही नए अध्यक्ष के सामने भी ये बड़ी चुनौती होगी।
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