BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर (दाएं) और सचिव अजय शिर्के बर्खास्त हो गए हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट की ओर से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के शीर्ष पदाधिकारियों अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त किए जाने का कई पूर्व खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रशासन से जुड़े लोगों ने भी स्वागत किया है. प्रतिक्रिया देने वालों में हटाए गए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के, बीसीसीआई में सुधारों की सिफारिश करने वाली कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस लोढा, राजनेता शरद पवार, क्रिकेट में सुधारों के लिए संघर्ष कर रहे पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में लड़ाई लड़ रहे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य वर्मा भी शामिल हैं.
अनुराग ठाकुर ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद एक वीडियो ट्वीट करके इस पर अपनी राय दी. पेश है इसका सार...
ठाकुर ने कहा, 'मेरे लिए यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह बोर्ड की स्वायत्तता की लड़ाई थी. मैं सुप्रीम कोर्ट का देश के अन्य नागरिकों की तरह ही सम्मान करता हूं. यदि सुप्रीम कोर्ट के जजों को लगता है कि बोर्ड रिटायर हो चुके जजों के नेतृत्व में अच्छा कार्य कर सकता है, तो उनको मेरी शुभकामनाएं'. देखें Video...
यह फैसला बिल्कुल न्यायसंगत : जस्टिस लोढा
जस्टिस आरएम लोढ़ा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि अनुराग ठाकुर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद से हटाना न्यायसंगत है. लोढ़ा ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जुलाई को समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद इन्हें लागू किया जाना चाहिए था. यह न्यायसंगत है." जस्टिस लोढा पैनल में दो और जज थे, जिन्होंने अहम सिफारिशें की थीं (फाइल फोटो)
न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि यह फैसला भारत में खेल की और विशेषकर क्रिकेट की जीत है. लोढ़ा ने कहा, "मुझे आशा है कि यह फैसला अन्य खेल संघों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा."
ऐतिहासिक फैसला, बहस में नहीं पड़ना : बेदी
इस बीच पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने कहा कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत ही अहम फैसला है और इससे क्रिकेट में काफी सुधार आएगा. (इन वजहों से बेदखल हुए अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के, साथ ही पढ़ें क्या है पूरा मामला )
बेदी ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा है और इससे क्रिकेट सही राह पर आ जाएगा. अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है और हम सुप्रीम कोर्ट के शुक्रगुजार हैं. मैं बहस में नहीं पड़ना चाहता. यह अंतिम और सर्वमान्य है. भारतीय खेलों और क्रिकेट के लिए यह अच्छी खबर है.’ बिशन सिंह बेदी (दाएं) डीसीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर भी आवाज उठाते रहे हैं (फाइल फोटो)
मुंबई के लिए अच्छा नहीं : पवार
एनसीपी अध्यक्ष और मुंबई क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह मुंबई के लिहाज से अच्छा फैसला नहीं है. गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में मुंबई क्रिकेट संघ का अध्यक्ष पद छोड़ा था. शरद पवार मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं (फाइल फोटो)
पवार ने कहा, 'मैं सिर्फ मुंबई के बारे में बोल सकता हूं. मुंबई ने 46 में से 44 बार रणजी ट्रॉफी जीती है, कई बड़े खिलाड़ी देश को दिए हैं. ये फ़ैसला मुंबई के लिए ठीक नहीं है.'
बॉस की छुट्टी, मिली सीख : वर्मा
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य वर्मा तो इस फैसले से खासे खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि इन पदाधिकारियों की जिद के कारण बोर्ड की आज यह हालत है.
वर्मा ने कहा, 'बॉस की छुट्टी. आज सीख मिली है. अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के तो गए ही बोर्ड को भी डुबा ले गए. इससे अहंकारी खेल पदाधिकारियों को सबक मिला है.'
मुझे कोई परेशानी नहीं : शिर्के
बर्खास्त बोर्ड सचिव अजय शिर्के ने फैसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें पद से हटाए जाने के फैसले से उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां प्रशासनिक बदलाव का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीसीसीआई की स्थिति पर नहीं पड़ेगा.
शिर्के ने न्यायालय के फैसले के बाद कहा, ‘इस फैसले पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. यदि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि मैं सचिव नहीं रहूं तो इससे आसान बात और क्या हो सकती है. बीसीसीआई में मेरा काम खत्म हो गया है.’ अजय शिर्के को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई सचिव पद से हटा दिया है (फाइल फोटो)
यह पूछने पर कि बोर्ड अगर लोढा समिति के सुझावों को लागू कर देता, तो क्या इस स्थिति से बचा जा सकता था, शिर्के ने कहा कि इस मसले से दूसरी तरह से निपटने का कोई सवाल ही नहीं था.
शिर्के ने उम्मीद जताई कि बोर्ड पहले की तरह ही वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखेगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नये पदाधिकारी बीसीसीआई का अच्छा काम जारी रखेंगे. उम्मीद है कि बोर्ड वैश्विक स्तर पर अपना रुतबा बरकरार रखेगा.’
(इनपुट भाषा से भी)
अनुराग ठाकुर ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद एक वीडियो ट्वीट करके इस पर अपनी राय दी. पेश है इसका सार...
ठाकुर ने कहा, 'मेरे लिए यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह बोर्ड की स्वायत्तता की लड़ाई थी. मैं सुप्रीम कोर्ट का देश के अन्य नागरिकों की तरह ही सम्मान करता हूं. यदि सुप्रीम कोर्ट के जजों को लगता है कि बोर्ड रिटायर हो चुके जजों के नेतृत्व में अच्छा कार्य कर सकता है, तो उनको मेरी शुभकामनाएं'. देखें Video...
My statement on the Supreme Court @BCCI verdict. pic.twitter.com/cXvEx6eIU4
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) January 2, 2017
यह फैसला बिल्कुल न्यायसंगत : जस्टिस लोढा
जस्टिस आरएम लोढ़ा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि अनुराग ठाकुर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद से हटाना न्यायसंगत है. लोढ़ा ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जुलाई को समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद इन्हें लागू किया जाना चाहिए था. यह न्यायसंगत है."
न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि यह फैसला भारत में खेल की और विशेषकर क्रिकेट की जीत है. लोढ़ा ने कहा, "मुझे आशा है कि यह फैसला अन्य खेल संघों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा."
ऐतिहासिक फैसला, बहस में नहीं पड़ना : बेदी
इस बीच पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने कहा कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत ही अहम फैसला है और इससे क्रिकेट में काफी सुधार आएगा. (इन वजहों से बेदखल हुए अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के, साथ ही पढ़ें क्या है पूरा मामला )
बेदी ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा है और इससे क्रिकेट सही राह पर आ जाएगा. अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है और हम सुप्रीम कोर्ट के शुक्रगुजार हैं. मैं बहस में नहीं पड़ना चाहता. यह अंतिम और सर्वमान्य है. भारतीय खेलों और क्रिकेट के लिए यह अच्छी खबर है.’
मुंबई के लिए अच्छा नहीं : पवार
एनसीपी अध्यक्ष और मुंबई क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह मुंबई के लिहाज से अच्छा फैसला नहीं है. गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में मुंबई क्रिकेट संघ का अध्यक्ष पद छोड़ा था.
पवार ने कहा, 'मैं सिर्फ मुंबई के बारे में बोल सकता हूं. मुंबई ने 46 में से 44 बार रणजी ट्रॉफी जीती है, कई बड़े खिलाड़ी देश को दिए हैं. ये फ़ैसला मुंबई के लिए ठीक नहीं है.'
बॉस की छुट्टी, मिली सीख : वर्मा
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य वर्मा तो इस फैसले से खासे खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि इन पदाधिकारियों की जिद के कारण बोर्ड की आज यह हालत है.
वर्मा ने कहा, 'बॉस की छुट्टी. आज सीख मिली है. अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के तो गए ही बोर्ड को भी डुबा ले गए. इससे अहंकारी खेल पदाधिकारियों को सबक मिला है.'
मुझे कोई परेशानी नहीं : शिर्के
बर्खास्त बोर्ड सचिव अजय शिर्के ने फैसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें पद से हटाए जाने के फैसले से उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां प्रशासनिक बदलाव का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीसीसीआई की स्थिति पर नहीं पड़ेगा.
शिर्के ने न्यायालय के फैसले के बाद कहा, ‘इस फैसले पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. यदि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि मैं सचिव नहीं रहूं तो इससे आसान बात और क्या हो सकती है. बीसीसीआई में मेरा काम खत्म हो गया है.’
यह पूछने पर कि बोर्ड अगर लोढा समिति के सुझावों को लागू कर देता, तो क्या इस स्थिति से बचा जा सकता था, शिर्के ने कहा कि इस मसले से दूसरी तरह से निपटने का कोई सवाल ही नहीं था.
शिर्के ने उम्मीद जताई कि बोर्ड पहले की तरह ही वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखेगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नये पदाधिकारी बीसीसीआई का अच्छा काम जारी रखेंगे. उम्मीद है कि बोर्ड वैश्विक स्तर पर अपना रुतबा बरकरार रखेगा.’
(इनपुट भाषा से भी)
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बीसीसीआई Vs लोढा पैनल, शरद पवार, आदित्य वर्मा, बिशन सिंह बेदी, अनुराग ठाकुर, अजय शिर्के, BCCI Vs Lodha Panel, Sharad Pawar, Bishan Singh Bedi, Aditya Verma, Anurag Thakur, Ajay Shirke