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This Article is From Oct 02, 2018

शेन वॉर्न ने की स्‍टीव वॉ की जमकर आलोचना, कहा-वे स्‍वार्थी थे, हर बात पर टोकते थे...

शेन वॉर्न ने की स्‍टीव वॉ की जमकर आलोचना, कहा-वे स्‍वार्थी थे, हर बात पर टोकते थे...
शेन वॉर्न ने पुस्‍तक में लिखा है, कप्‍तान बनने के बाद स्‍टीव वॉ के रवैया खराब हो गया था (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
किताब ‘नो स्पिन’में किए टीम और साथियों के बारे में अहम खुलासे
कहा-कप्‍तान बनने के बाद स्‍टीव वॉ का रवैया बेहद खराब हो गया था
कहा-मुझे ‘बैगी ग्रीन’ कैप के प्रति अंधभक्त्ति दिखाने पर चिढ़ होती थी
लंदन:

ऑस्‍ट्रेलिया के महान लेकिन विवादास्‍पद स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न ने अपनी शीघ्र जारी होने वाली किताब ‘नो स्पिन’ में अजेय ऑस्ट्रेलियाई टीम के ड्रेसिंग रूम में बिताये अपने समय के दौरान हुई घटनाओं और टीम के साथी खिलाड़ि‍यों के साथ बिताए गए क्षणों के बारे में कुछ अहम खुलासे किए हैं. शेन वॉर्न को स्टीव वॉ ‘सबसे ज्यादा स्वार्थी’ लगते हैं तथा ‘बैगी ग्रीन’ कैप के प्रति अंधभक्ति दिखाने से उन्हें चिढ़ होती है. इस किताब के कुछ अंश ‘द टाइम्स’ अखबार में छपे हैं जिसमें इन दावों और खुलासों के बारे में बताया गया है.

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 वार्न ने लिखा, ‘ऑस्ट्रेलियाई टीम की जितनी पूजा की जाती है जिसमें जस्टिन लैंगर, मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट शामिल थे जिनकी इसके प्रति इतनी श्रद्धा थी, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं था.’ उन्होंने लिखा, ‘वे टीम को पसंद करते थे लेकिन ईमानदारी से कहूं तो आधे समय तो वे मुझे इससे खिन्न करते थे. मेरा मतलब है कि कौन क्रिकेट टीम की कैप विंबलडन में पहनता है? यह शर्मसार करने वाला था. मार्क वॉ को भी ऐसा ही लगता था. मुझे यह साबित करने के लिये ‘बैगी ग्रीन’ कैप की जरूरत नहीं थी कि मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलना कितनी अहमियत रखता है या फिर हमें देख रहे लोगों के लिये यह कितनी अहमियत रखता है.’

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स्‍टीव वॉ के बारे में बात करते हुए वार्न ने उस समय के बारे में लिखा है जब उन्हें फॉर्म में नहीं होने का हवाला देते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान 1999 में टीम से बाहर कर दिया गया था. अपने कप्तान का समर्थन नहीं मिलने से वॉर्न को लग रहा था कि उन्हें नीचा दिखाया गया. उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा, ‘मैं उप कप्तान था और साधारण गेंदबाजी कर रहा था और टुगा (स्‍टीव वॉ) ने चयन बैठक में शुरुआत की. कोच ज्योफ मार्श ने कहा, ‘वार्नी, मुझे नहीं लगता कि तुम्हें अगले टेस्ट में खेलना चाहिए.’वॉर्न ने याद करते हुए लिखा, ‘चुप्पी छा गई. फिर मैंने कहा, ‘क्यों?’ मुझे जवाब मिला, ‘मुझे नहीं लगता कि तुम बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहे हो.’मैंने कहा, ‘हां...सही फैसला.’

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वॉर्न किताब में लिखते हैं, फिर मैंने कहा, ‘मेरा कंधा सर्जरी के बाद ज्यादा समय ले रहा है जबकि मैंने ऐसा नहीं सोचा था लेकिन मैं फॉर्म में वापसी करने करीब हूं. फार्म धीरे-धीरे वापस आ रहा है और फिर लय भी आ जाएगी. मैं चितिंत नहीं हूं.’वॉर्न ने लिखा, ‘निराशा इतना ज्यादा कड़ा शब्द नहीं है. जब मुश्किल का दौर आया तो टुगा ने मेरा समर्थन नहीं किया और उस व्यक्ति ने मुझे नीचा दिखाया जिसका मैंने इतने समय तक समर्थन किया था और जो मेरा अच्छा दोस्त भी था.’इस स्पिनर को लगता है कि कप्तान बनने के बाद वॉ का रवैया बहुत खराब हो गया था. उन्होंने लिखा, ‘मेरे प्रदर्शन के अलावा भी कुछ और घटनाएं हुईं - मुझे लगता है कि यह ईर्ष्या थी. उसने मेरी हर चीज पर टोकाटाकी शुरू कर दी, मुझे मेरी डाइट देखने को कहा और मुझे कहता कि मुझे ज्यादा समय इस बात पर लगाना चाहिए कि मैं अपनी जिंदगी में कैसा व्यक्ति बनना चाहता हूं, किस तरीके से पेश करना चाहता हूं- इस तरह की चीजें. मैंने उससे कहा, ‘दोस्त, तुम अपने बारे में सोचो.’ (इनपुट: एजेंसी)

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