सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)
मुंबई:
सचिन तेंदुलकर का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना हमेशा हमेशा के लिए रहस्य ही बना रहेगा. भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता ने इस मामले पर इतना कहकर राज को और गहरा दिया है कि कुछ बातें कही नहीं जाती हैं, वे गोपनीय होती हैं, उन्हें वैसे ही रहने देना चाहिए.
मुंबई में सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम चयन के बाद संदीप पाटिल ने कहा " चयनकर्ता होने का एक ही दर्द है कि आपके कई साथी आपसे अलग हो जाते हैं. बतौर मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल की चार साल की पारी खत्म हो गई लेकिन उनका यह जवाब कई सवाल छोड़ता है. खासकर टेस्ट क्रिकेट में मास्टर ब्लास्टर के संन्यास पर.
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने आखिरी टेस्ट में 74 रन बनाए. टीम ने वेस्टइंडीज को मात दी और सचिन का करियर हमेशा-हमेशा के लिए क्रिकेट की किताब का हिस्सा भर रह गया. हालांकि इस मैच के कई दिनों पहले से सचिन का बल्ला हांफने लगा था. जनवरी 2011 से उनके बल्ले से शतक नहीं निकला था. आलम यह था कि अपने करियर के आखिरी दो सालों में 19 टेस्ट मैचों में सचिन ने 956 रन बनाए, 31.86 के औसत से. यह उनके लगभग 54 के करियर औसत से बहुत नीचे था.
शिखर, विराट, रोहित, पुजारा जैसे बल्लेबाजों की आमद से सचिन के बल्लेबाजी क्रम पर भी कई सवाल उठे. उस वक्त खबर यह भी आई कि सचिन को सम्माजनक तरीके से विदाई देने की योजना बन गई है, उनके घरेलू मैदान पर. बतौर चयनकर्ता अपनी आखिरी पारी में पाटिल ने इस सवाल पर सस्पेंस बनाए रखा. उन्होंने कहा " कुछ बातें चयनकर्ता और बोर्ड के बीच होती हैं, वे बोली नहीं जातीं ... कुछ चीजें गोपनीय होती हैं उन्हें वैसे ही रहने देना चाहिए ... हमारी जिम्मेदारी बीसीसीआई के साथ होती है. कुछ चर्चा बोर्ड और चयनकर्ताओं के बीच होती हैं, हम उन्हें साझा नहीं कर सकते.''
कई अंतरराष्ट्रीय टीमों में उनके स्टार खिलाड़ियों के लिए रिटायरमेंट की प्लानिंग होती है ... लेकिन भारतीय क्रिकेट में सितारों पर कई सवाल उठे हैं, जिनके जवाब राज की शक्ल में ही दफन हो जाते हैं.
मुंबई में सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम चयन के बाद संदीप पाटिल ने कहा " चयनकर्ता होने का एक ही दर्द है कि आपके कई साथी आपसे अलग हो जाते हैं. बतौर मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल की चार साल की पारी खत्म हो गई लेकिन उनका यह जवाब कई सवाल छोड़ता है. खासकर टेस्ट क्रिकेट में मास्टर ब्लास्टर के संन्यास पर.
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने आखिरी टेस्ट में 74 रन बनाए. टीम ने वेस्टइंडीज को मात दी और सचिन का करियर हमेशा-हमेशा के लिए क्रिकेट की किताब का हिस्सा भर रह गया. हालांकि इस मैच के कई दिनों पहले से सचिन का बल्ला हांफने लगा था. जनवरी 2011 से उनके बल्ले से शतक नहीं निकला था. आलम यह था कि अपने करियर के आखिरी दो सालों में 19 टेस्ट मैचों में सचिन ने 956 रन बनाए, 31.86 के औसत से. यह उनके लगभग 54 के करियर औसत से बहुत नीचे था.
शिखर, विराट, रोहित, पुजारा जैसे बल्लेबाजों की आमद से सचिन के बल्लेबाजी क्रम पर भी कई सवाल उठे. उस वक्त खबर यह भी आई कि सचिन को सम्माजनक तरीके से विदाई देने की योजना बन गई है, उनके घरेलू मैदान पर. बतौर चयनकर्ता अपनी आखिरी पारी में पाटिल ने इस सवाल पर सस्पेंस बनाए रखा. उन्होंने कहा " कुछ बातें चयनकर्ता और बोर्ड के बीच होती हैं, वे बोली नहीं जातीं ... कुछ चीजें गोपनीय होती हैं उन्हें वैसे ही रहने देना चाहिए ... हमारी जिम्मेदारी बीसीसीआई के साथ होती है. कुछ चर्चा बोर्ड और चयनकर्ताओं के बीच होती हैं, हम उन्हें साझा नहीं कर सकते.''
कई अंतरराष्ट्रीय टीमों में उनके स्टार खिलाड़ियों के लिए रिटायरमेंट की प्लानिंग होती है ... लेकिन भारतीय क्रिकेट में सितारों पर कई सवाल उठे हैं, जिनके जवाब राज की शक्ल में ही दफन हो जाते हैं.
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