मुंबई:
मुंबई को ‘चैम्पियन’ टीम करार देते हुए सचिन तेंदुलकर ने टीम के 40वें रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खिताब का श्रेय ‘टीम वर्क’ को दिया और कप्तान अजित अगरकर की तारीफों के पुल बांधे।
तेंदुलकर ने रणजी फाइनल में सौराष्ट्र पर पारी और 125 रन की जीत दर्ज करने के बाद कहा, हम 40वीं बार जीते। मुंबई ने एक बार फिर दिखाया कि वह चैम्पियन टीम है। हमारी टीम अच्छी है, जिसमें युवाओं और सीनियर खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है। उन्होंने कहा, यह मुंबई क्रिकेट के लिए शानदार लम्हा है, खिलाड़ियों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रशासकों के लिए भी। यह सामूहिक प्रयास है और मैं इस मौके पर सभी को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि यह जारी रहेगा। हाल में एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले 39 वर्षीय तेंदुलकर ने मुश्किल समय में भी एकजुट रहने के लिए टीम के अपने साथियों की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ऐसा समय आया जब स्थिति मुश्किल थी, लेकिन तब टीम एकजुट रही और शानदार प्रदर्शन किया। मुझे बेहद खुशी है विशेषकर अजित अगरकर के लिए जिनका पिछला सत्र अच्छा नहीं रहा था। उसके लिए काफी मुश्किल समय था। तेंदुलकर ने कहा, लेकिन इस सत्र में उन्होंने आगे बढ़कर अगुआई की और टीम की कमान शानदार तरीके से संभाली। उसने तब प्रदर्शन किया जब जरूरत थी। तेंदुलकर की मौजूदगी में मुंबई ने छह में से पांच बार रणजी फाइनल जीता है। उनकी मौजूदगी में एकमात्र बार मुंबई को 1990..91 में हरियाणा के हाथों दो रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
तेंदुलकर ने रणजी फाइनल में सौराष्ट्र पर पारी और 125 रन की जीत दर्ज करने के बाद कहा, हम 40वीं बार जीते। मुंबई ने एक बार फिर दिखाया कि वह चैम्पियन टीम है। हमारी टीम अच्छी है, जिसमें युवाओं और सीनियर खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है। उन्होंने कहा, यह मुंबई क्रिकेट के लिए शानदार लम्हा है, खिलाड़ियों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रशासकों के लिए भी। यह सामूहिक प्रयास है और मैं इस मौके पर सभी को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि यह जारी रहेगा। हाल में एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले 39 वर्षीय तेंदुलकर ने मुश्किल समय में भी एकजुट रहने के लिए टीम के अपने साथियों की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ऐसा समय आया जब स्थिति मुश्किल थी, लेकिन तब टीम एकजुट रही और शानदार प्रदर्शन किया। मुझे बेहद खुशी है विशेषकर अजित अगरकर के लिए जिनका पिछला सत्र अच्छा नहीं रहा था। उसके लिए काफी मुश्किल समय था। तेंदुलकर ने कहा, लेकिन इस सत्र में उन्होंने आगे बढ़कर अगुआई की और टीम की कमान शानदार तरीके से संभाली। उसने तब प्रदर्शन किया जब जरूरत थी। तेंदुलकर की मौजूदगी में मुंबई ने छह में से पांच बार रणजी फाइनल जीता है। उनकी मौजूदगी में एकमात्र बार मुंबई को 1990..91 में हरियाणा के हाथों दो रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
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