नई दिल्ली:
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद सदस्य के रूप में नामित किए जाने को वह सम्मान समझते हैं, लेकिन वह एक क्रिकेटर हैं और वह अपने खेल पर ध्यान देंगे।
तेंदुलकर ने कहा कि वह सही समय पर विभिन्न मसलों पर निश्चित रूप से संसद में भी अपनी बात रखेंगे। तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं रातों-रात बदलाव नहीं ला सकता और इसमें कई चीजें शामिल हैं।’
तेंदुलकर ने कहा कि वह अपने बेटे अर्जुन या बेटी सारा पर कभी दबाव नहीं बनाएंगे और उन्हें अपनी पसंद का करियर चुनने की छूट देंगे। अर्जुन को मुंबई के स्कूली मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद हाल में मुंबई की अंडर-14 टीम में चुना गया।
तेंदुलकर ने कहा, ‘अर्जुन क्रिकेट का दीवाना है जबकि सारा को दवाइयों से लगाव है। प्रत्येक इंसान अलग होता है। मैं उनका मार्गदर्शन और सहयोग करना चाहता हूं। मैं उनको किसी क्षेत्र में जाने के लिए नहीं कहूगा। मैं चाहूंगा कि वे अपनी पसंद का करियर चुनें। मैं उन्हें केवल शुभकामनाएं दूंगा और उनसे कहूंगा कि वे जो भी करें, उसका पूरा लुत्फ उठाएं।’
तेंदुलकर ने कहा कि वह सही समय पर विभिन्न मसलों पर निश्चित रूप से संसद में भी अपनी बात रखेंगे। तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं रातों-रात बदलाव नहीं ला सकता और इसमें कई चीजें शामिल हैं।’
तेंदुलकर ने कहा कि वह अपने बेटे अर्जुन या बेटी सारा पर कभी दबाव नहीं बनाएंगे और उन्हें अपनी पसंद का करियर चुनने की छूट देंगे। अर्जुन को मुंबई के स्कूली मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद हाल में मुंबई की अंडर-14 टीम में चुना गया।
तेंदुलकर ने कहा, ‘अर्जुन क्रिकेट का दीवाना है जबकि सारा को दवाइयों से लगाव है। प्रत्येक इंसान अलग होता है। मैं उनका मार्गदर्शन और सहयोग करना चाहता हूं। मैं उनको किसी क्षेत्र में जाने के लिए नहीं कहूगा। मैं चाहूंगा कि वे अपनी पसंद का करियर चुनें। मैं उन्हें केवल शुभकामनाएं दूंगा और उनसे कहूंगा कि वे जो भी करें, उसका पूरा लुत्फ उठाएं।’
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