विज्ञापन
This Article is From Oct 30, 2013

लाहली में दिखा सचिन तेंदुलकर का रंग

लाहली में दिखा सचिन तेंदुलकर का रंग
फाइल फोटो
लाहली:

हरियाणा के साथ बंसीलाल स्टेडियम में जारी रणजी ट्रॉफी मुकाबले की पहली पारी में पांच रनों पर आउट होने का अफसोस जितना सचिन को नहीं हुआ होगा, उससे कहीं अधिक अफसोस लाहलीवासी कर रहे थे क्योंकि वे इस 'मास्टर' का 'क्लास' देखने से चूक गए थे।

क्रिकेट भारी अनिश्चितताओं का खेल है। ऐसा भी हो सकता था कि दूसरी पारी में सचिन को बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिलता और लाहलीवासियों की सचिन के बल्ले से रन निकलते देखना हसरत हमेशा के लिए अधूरी रह जाती क्योंकि वह अपने रणजी करियर का अंतिम मैच उनके घर में खेल रहे थे।

इसके बाद सचिन अपने करियर के अंतिम दो टेस्ट मैच खेलेंगे और फिर हमेशा के लिए सक्रिय क्रिकेट से दूर हो जाएंगे। रोहतक के पास स्थित छोटे से गांव लाहली के लोगों की किस्मत में इतिहास का हिस्सा बनना लिखा था लेकिन मोहित शर्मा ने सचिन को पहली पारी में सस्ते में निपटाकर अपने ही प्रदेशवासियों को एक महान बल्लेबाज की बल्लेबाजी देखने से महरूम कर दिया था।

सचिन ने हालांकि दूसरी पारी में लाहलीवासियों को निराश नहीं किया और शुरुआती घंटे में संघर्ष करने के बाद लय में आ गए। सचिन 55 रनों पर नाबाद लौटे और अब उनके कंधों पर मुम्बई को जीत दिलाने की जिम्मेदारी है। सचिन ने अपनी 122 गेंदों की पारी में चार चौके लगाए हैं।

मुम्बई का पारी की शुरुआत में वसीम जाफर का विकेट गिरने के साथ ही लोगों को उम्मीद बंधी कि अब उन्हें सचिन की बल्लेबाजी देखने को मिलेगी। इसी कारण वे बड़ी संख्या में स्टेडियम पहुंचने लगे। स्टेडियम से लगे हाइवे पर हर आने-जाने वाली बस रुकती और उनमें से बड़ी संख्या में लोग उतरते और स्टेडियम पहुंचते।

इन लोगों को हालांकि सचिन को मैदान में आते देखने के लिए भोजनकाल के बाद तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि दूसरे विकेट के लिए अजिंक्य रहाणे और कौस्तुभ पवार ने अच्छी साझेदारी निभाई। रहाणे का विकेट 87 रनों पर गिरने के बाद सचिन बल्लेबाजी के लिए आए।

मैदान में आते ही हरियाणा के खिलाड़ियों ने कप्तान अजय जडेजा के नेतृत्व में पवेलियन छोर पर ही खड़े होकर सचिन को सैल्यूट किया। सबके चेहरों पर मुस्कान थी और आंखों में इस महान खिलाड़ी के लिए सम्मान था लेकिन हमेशा जमीन से जुड़े रहने वाले सचिन सम्मान के इस क्षण पर भी झेंपते से नजर आए।

हरियाणा के खिलाड़ियों से पहले दर्शकों ने सचिन का जोरदार गर्जना के साथ स्वागत किया। सचिन ने अपने करियर के पहले रणजी मैच में नाबाद शतक लगाया था। वह 1988 में गुजरात के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में 100 पर नाबाद रहे थे।

वह प्रथण श्रेणी मैचों में शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय बने थे। उस समय उनकी उम्र 15 साल थी। अब देखना यह है कि क्या सचिन अपने अंतिम रणजी पारी में भी नाबाद लौट पाते हैं या नहीं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सचिन तेंदुलकर, सचिन तेंदुलकर का सन्यास, लाहली में सचिन, Sachin Tendulkar
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com