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This Article is From May 27, 2013

वास्तविकता का सामना करना होगा, IPL से संन्यास का सही समय : सचिन

वास्तविकता का सामना करना होगा, IPL से संन्यास का सही समय : सचिन
कोलकाता: मुंबई इंडियन्स के इंडियन प्रीमियर लीग चैम्पियन बनने के साथ इस टूर्नामेंट से संन्यास लेने वाले सीनियर भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि यह इस ट्वेंटी प्रतियोगिता से संन्यास लेने का सही समय है, क्योंकि 40 बरस का होने के बाद उन्हें ‘वास्तविकता का सामना’ करना होगा।

तेंदुलकर ने ईडन गार्डन्स में मुंबई इंडियन्स के चेन्नई सुपरकिंग्स को 23 रन से हराकर अपना पहला आईपीएल खिताब जीतने के बाद कहा, मुझे लगता है कि यह आईपीएल खेलना बंद करने का सही समय है। मैं 40 बरस का हूं। मुझे वास्तविकता का सामना करना होगा। मैंने फैसला किया था कि यह मेरा अंतिम सत्र होगा और अब इसका अंत परफेक्ट है। इस दिग्गज बल्लेबाज ने 78 आईपीएल मैचों में 34.83 के बेहद प्रभावी औसत के साथ 2334 रन बनाए। तेंदुलकर सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ लीग मैच में बाएं हाथ में लगी चोट से उबरने में नाकाम रहने के कारण फाइनल में भी नहीं खेल पाए।

आईपीएल में एक शतक और 13 अर्धशतक जड़ने वाले तेंदुलकर ने आईपीएल छह में 14 मैचों में 22.07 की औसत से 287 रन बनाए, जिसमें 54 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा।

तेंदुलकर ने मुंबई की टीम की खिताबी जीत के बाद कहा, विश्व कप के लिए मुझे 21 साल इंतजार करना पड़ा और इसके लिए (आईपीएल) 6 साल। इसलिए कभी काफी देर नहीं होती। यह मेरा अंतिम आईपीएल है। यह इसका अंत करने का बेहतरीन तरीका है। उन्होंने कहा, यहां मुझे वास्तविकता का सामना करना था। मैंने मुंबई इंडियन्स के साथ अपने छह सत्र का लुत्फ उठाया। यह शानदार यात्रा रही। यह सत्र बेजोड़ रहा। हमने सोचा कि हमारा तीसरा सत्र सर्वश्रेष्ठ था, लेकिन यह सोने पर सुहागा था। तेंदुलकर ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वह अक्तूबर में चैम्पियन्स लीग ट्वेंटी20 टूर्नामेंट में मुंबई के लिए खेलेंगे या नहीं।

उन्होंने कहा, मैं इस ट्रॉफी को थामने के लिए इंतजार नहीं कर सकता। मैंने 6 साल इंतजार किया। मैं कभी प्रशंसकों को पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकता। क्रिकेट का लुत्फ उठाने वाले सभी प्रशंसकों को धन्यवाद। क्रिकेट की जीत हुई और हम यहां शानदार क्रिकेट खेलने में सफल रहे। यह पूछने पर कि 40 बरस की उम्र में खेलते हुए कैसे लगता है, तेंदुलकर ने कहा, अनिल (कुंबले) ने कहा कि 40 सिर्फ एक संख्या है। हमने एक साथ मिलकर कड़ी मेहनत की। काफी यात्रा करने के बावजूद वैकल्पिक अभ्यास के लिए भी सभी आते थे। वानखेड़े स्टेडियम में अगले साल मुंबई इंडियन्स के शुरुआती मैच में खेलना लुभावना है या नहीं, इस पर तेंदुलकर ने कहा, यह लुभावना है। लेकिन यह सर्वश्रेष्ठ बिंदू है। धन्यवाद, अब मैं ट्रॉफी छूने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता।

यह दूसरा प्रारूप है, जिससे तेंदलुकर ने संन्यास की घोषणा की है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शृंखला से ठीक पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। तेंदुलकर ने 463 एकदिवीय मैचों में 44.83 के औसत के साथ 18426 रन बनाए। उन्होंने इस प्रारूप में 49 शतक जड़े, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। वह वन-डे अंतरराष्ट्रीय मैचों में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज थे।

तेंदुलकर अगर चैम्पियन्स लीग में नहीं खेलते हैं तो क्रिकेट प्रेमियों को साल के अंत में दक्षिण अफ्रीका में होने वाली तीन टेस्ट की शृंखला में उन्हें मैदान पर खेलने हुए देखने का मौका मिल सकता है। इस शृंखला में उनके टेस्ट मैचों का दोहरा शतक पूरा करने की भी उम्मीद है।

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