मीरपुर:
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले विश्व के एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने कहा कि विश्व कप में मिली खिताबी जीत के तत्काल बाद वह यदि संन्यास ले लेते यह उनका निजी स्वार्थ होता।
सचिन ने शुक्रवार को मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए एशिया कप के लीग मुकाबले में शतक जड़कर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का सौवां शतक पूरा किया था। इसके बाद से पूरे क्रिकेट जगत में उनकी इस उपलब्धि पर जश्न मनाया जा रहा है।
सचिन ने कहा, "मेरा मानना है कि जब मुझे लगता है कि मैं टीम में योगदान दे सकता हूं, मैं मानसिक तौर पर मैदान पर रह सकता हूं तो मुझे खेलते रहना चाहिए। जब आप शीर्ष पर हो तो संन्यास लेना स्वार्थी रुख होगा। आप जब शीर्ष पर होते हैं तो आपको देश की सेवा करनी चाहिए। जब मुझे लगेगा कि मैं देश की सेवा करने के सांचे में फिट नहीं बैठ रहा हूं तो वह समय मेरे लिए मैदान छोड़ने का होगा।"
ज्ञात हो कि कपिल देव और इमरान खान जैसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों ने अपनी राय दी थी कि सचिन को विश्व कप के बाद संन्यास ले लेना चाहिए था।
सचिन ने कहा कि वह आलोचनओं की बहुत अधिक फिक्र नहीं करते। "कुछ ऐसे लोग हैं जिनका मैं सम्मान करता हूं और कुछ ऐसे भी है जिनका मैं सम्मान नहीं करता। जिनका मैं सम्मान नहीं करता, उन लोगों से मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उनकी अपनी राय होती है लेकिन मेरे लिए इसके कोई मायने नहीं है। उनकी राय उन्हीं के पास रहनी चाहिए।"
सचिन ने कहा, "देश के लिए खेलने का बड़ा काम मुझे मिला है। लोग क्या कहते हैं उन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाए रन बनाने और भारत के लिए मैच जीतने पर मैं अपना ध्यान केंद्रित रखता हूं।"
सचिन ने स्वीकार किया कि सौवें शतक को लेकर वह दबाव में थे। उन्होंने कहा, "सबसे मुश्किल शतक मेरे लिए सौवां शतक रहा। इसमें बहुत समय लग गया। मैंने विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 99वां शतक लगाया था किसी ने इस बारे में कोई बात नहीं क्योंकि उस समय विश्व कप प्रतियोगिता केंद्र में थी। जैसे ही यह खत्म हुआ केंद्र मेरा सौवां शतक हो गया।" उन्होंने कहा, "सौवें शतक को लेकर पहले मेरे दिमाग में कुछ नहीं था लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया मैं इसके बारे में सोचने लगा। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था लेकिन बड़ी पारी नहीं आ पा रही थी। कुछ ऐसे मौके भी आए जब मैं परेशान हुआ। पिछले कुछ महीने बहुत मुश्किल भरे रहे।"
सचिन ने सौवां शतक अपने बड़े भाई अजीत तेंदुलकर के नाम किया। उन्होंने कहा, "मैं यह शतक बड़े भाई अजीत को समर्पित करता हूं। हम दोनों का यही लक्ष्य था और उन्होंने मेरे लिए अपनी जिंदगी लगा दी।"
सचिन ने कहा, "सबसे बड़ा सपना विश्व कप जीतना था। मैं नहीं समझता कि इससे बड़ी भी कोई उपलब्धि हो सकती है। बचपन से ही मेरा सपना था कि देश के लिए खेलूं और विश्व कप उठाऊं। जो मैं करने में सफल रहा। इसके बाद बाकी चीजें दूसरी हो जाती हैं। मैंने कई रिकार्ड बनाए हैं और तोड़े हैं लेकिन सबसे बड़ा सपना देश के लिए खेलना था।"
सचिन ने शुक्रवार को मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए एशिया कप के लीग मुकाबले में शतक जड़कर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का सौवां शतक पूरा किया था। इसके बाद से पूरे क्रिकेट जगत में उनकी इस उपलब्धि पर जश्न मनाया जा रहा है।
सचिन ने कहा, "मेरा मानना है कि जब मुझे लगता है कि मैं टीम में योगदान दे सकता हूं, मैं मानसिक तौर पर मैदान पर रह सकता हूं तो मुझे खेलते रहना चाहिए। जब आप शीर्ष पर हो तो संन्यास लेना स्वार्थी रुख होगा। आप जब शीर्ष पर होते हैं तो आपको देश की सेवा करनी चाहिए। जब मुझे लगेगा कि मैं देश की सेवा करने के सांचे में फिट नहीं बैठ रहा हूं तो वह समय मेरे लिए मैदान छोड़ने का होगा।"
ज्ञात हो कि कपिल देव और इमरान खान जैसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों ने अपनी राय दी थी कि सचिन को विश्व कप के बाद संन्यास ले लेना चाहिए था।
सचिन ने कहा कि वह आलोचनओं की बहुत अधिक फिक्र नहीं करते। "कुछ ऐसे लोग हैं जिनका मैं सम्मान करता हूं और कुछ ऐसे भी है जिनका मैं सम्मान नहीं करता। जिनका मैं सम्मान नहीं करता, उन लोगों से मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उनकी अपनी राय होती है लेकिन मेरे लिए इसके कोई मायने नहीं है। उनकी राय उन्हीं के पास रहनी चाहिए।"
सचिन ने कहा, "देश के लिए खेलने का बड़ा काम मुझे मिला है। लोग क्या कहते हैं उन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाए रन बनाने और भारत के लिए मैच जीतने पर मैं अपना ध्यान केंद्रित रखता हूं।"
सचिन ने स्वीकार किया कि सौवें शतक को लेकर वह दबाव में थे। उन्होंने कहा, "सबसे मुश्किल शतक मेरे लिए सौवां शतक रहा। इसमें बहुत समय लग गया। मैंने विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 99वां शतक लगाया था किसी ने इस बारे में कोई बात नहीं क्योंकि उस समय विश्व कप प्रतियोगिता केंद्र में थी। जैसे ही यह खत्म हुआ केंद्र मेरा सौवां शतक हो गया।" उन्होंने कहा, "सौवें शतक को लेकर पहले मेरे दिमाग में कुछ नहीं था लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया मैं इसके बारे में सोचने लगा। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था लेकिन बड़ी पारी नहीं आ पा रही थी। कुछ ऐसे मौके भी आए जब मैं परेशान हुआ। पिछले कुछ महीने बहुत मुश्किल भरे रहे।"
सचिन ने सौवां शतक अपने बड़े भाई अजीत तेंदुलकर के नाम किया। उन्होंने कहा, "मैं यह शतक बड़े भाई अजीत को समर्पित करता हूं। हम दोनों का यही लक्ष्य था और उन्होंने मेरे लिए अपनी जिंदगी लगा दी।"
सचिन ने कहा, "सबसे बड़ा सपना विश्व कप जीतना था। मैं नहीं समझता कि इससे बड़ी भी कोई उपलब्धि हो सकती है। बचपन से ही मेरा सपना था कि देश के लिए खेलूं और विश्व कप उठाऊं। जो मैं करने में सफल रहा। इसके बाद बाकी चीजें दूसरी हो जाती हैं। मैंने कई रिकार्ड बनाए हैं और तोड़े हैं लेकिन सबसे बड़ा सपना देश के लिए खेलना था।"
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