भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में सचिन धास और कप्तान उदय सहारन की बल्लेबाजी की तारीफ हर तरफ हो रही है. सचिन जब बल्लेबाजी को आए थे तब टीम इंडिया ने 32 के स्कोर पर चार विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद इन दोनों बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 171 रनों की साझेदारी कर टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. सचिन ने सेमीफाइनल में 96 रनों की पारी खेली. भले ही सचिन धास अपने शतक से चूक गए, लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने अपना काम कर दिया था. सचिन टूर्नामेंट में अभी तक शानदार रहे हैं. सचिन और उदय ने इससे पहले नेपाल के खिलाफ मैच में भी शानदार बल्लेबाजी की थी. सचिन और उदय के बीच हुई साझेदारी से टीम इंडिया लगातार पांचवीं बार अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में सफल हुई. सचिन धास की इस पारी के बाद उनके पिता ने बताया है कि संजय ने बताया है कि बाएं हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज का नाम महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा गया था, लेकिन वह विराट कोहली के फैन है.
सचिन की मां हैं पुलिस अधिकारी
सचिन धास की पुलिस अधिकारी मां नहीं चाहती थीं कि वह क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें लेकिन उनके पिता जानते थे कि वह इस खेल के लिए ही बना है. दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप में महाराष्ट्र के बीड जिले का यह खिलाड़ी टीम के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरा है. टीम में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले सचिन ने 100 से अधिक की स्ट्राइरेट से 294 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
सचिन धास की इस पारी से भारत लगातार पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा. सचिन के करियर के शुरुआती दिनों में आकार देने वाले बीड के सबसे लोकप्रिय कोच में से एक शेख अजहर ने कहा,"हमारे पास यहां (बीड में) केवल आधी पिचें (लगभग 11 गज) हैं. सचिन साढ़े चार साल की उम्र में अपने पिता के जब यहां आये थे तब उन्होंने भी आधी पिचों पर प्रशिक्षण लिया था."
विराट कोहली के फैन हैं सचिन धास
इस खिलाड़ी का नाम महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से प्रेरित है और वह मैदान पर तेंदुलकर की तरह 10 नंबर के साथ जर्सी पहनते हैं. वह हालांकि विराट कोहली के फैन है. सचिन के पिता संजय ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा,"जब 2005 में उसका जन्म हुआ तो मैंने उनका नाम सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक था, लेकिन वह विराट कोहली को भी बहुत पसंद करता है." उन्होंने कहा,"सचिन का कोई दोस्त नहीं है. मैं ही उसका दोस्त हूँ. वह किसी शादी, किसी जन्मदिन में कहीं नहीं गया. मैंने ऐसा कुछ नहीं करने दिया जिससे उसका ध्यान क्रिकेट से हटे."
उन्होंने कहा,"उसकी मां पुलिस में है तो वह बहुत अनुशासित है." इस बीच संजय के पास बेटे की शानदार पारी के लिए बधाई देने के लिए लगातार फोन कॉल आ रहे थे. सचिन की मां सुरेखा 2010 में महाराष्ट्र पुलिस से जुड़ी और वह अब सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर है. संजय ने कहा,"एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उनके काम के घंटे तय नहीं हैं और वह कभी नहीं चाहती थीं कि सचिन का पूरा ध्यान क्रिकेट पर रहे. इस बात को लेकर बीच मतभेद थे लेकिन मैं जानता था कि मेरा बेटा क्रिकेटर ही बनेगा." उन्होंने हंसते हुए कहा,"धीरे-धीरे वह समझ गई और अब ड्यूटी के बीच में अपने फोन पर विश्व कप के मैच देखती है."
सचिन के अभ्यास के घंटों के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा,"वह सुबह चार घंटे और शाम को साढ़े तीन घंटे अभ्यास करता है, इसमें जिम का समय भी शामिल है. मुझे कोच अजहर को श्रेय देना चाहिए. उनके बिना हमने यह दिन नहीं देखा होता."
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