SA vs IND 2nd Test: सोमवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहांसबर्ग में शुरू हुए दूसरे टेस्ट के पहले दिन जहां आलोचकों के निशाने पर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे हैं, तो वहीं अब सवालों के घेरे में ऋषभ पंत भी आना शुरू हो गए हैं. हालिया समय में रेड बॉल फौमेट में जब-जब इस विकेटकीपर की ओर फैंस ने देखा, तो उन्होंने निराश ही किया. गुजरे साल पंत ने खेले 13 टेस्ट मैचों में 38.25 के औसत से 765 रन बनाए और इस आंकड़े और पुजारा के गुजरे साल के औसत में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. वहीं, पंत को कई मौकों पर बैटिंग का तब मौका मिला, जब टीम पर संकट था और उनके पास योगदान देने के लिए हालात भी अच्छे थे, लेकिन पंत एक-एक करके ये मौके गंवा रहे हैं.
Rishabh Pant has been really terrible
— Sushant Mehta (@SushantNMehta) January 3, 2022
एक बड़ा वर्ग है, जो पंत का बचाव, "वह इसी तरह खेलते हैं", "यही पंत का खेलने का अंदाज है", "यही उनका नैसर्गिक खेल है", "पंत एक गिफ्टेड खिलाड़ी हैं", वगैरह-वगरैह कहकर बचाव करते रहे हैं. मानों पंत के रेड बॉल फौरेट में बचाव के लिए ये लाइनें गढ़ ली गयी हैं. कोई चाहे कितना भी महान हो, एक दिन महान को महानता में बदलने के लिए प्रदर्शन में तब्दील होना ही पड़ता है.
यह भी पढ़ें: रबाडा को गेंद करने से केएल राहुल ने रोका, फिर ऐसे दिखाई दरियादिली - Video
पंत के साथ दिक्कत यह है कि रेड बॉल फौरमेट में उनके प्रदर्शन में निंरतरता का अभाव है. यह आप इससे समझ सकते हैं कि मार्च 2021 में अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ शतक जड़ने के बाद से करीब 12 पारियों में इस लेफ्टी के बल्ले से सिर्फ एक ही अर्द्धशतक निकला है. फिर शतक की तो बात ही छोड़ दीजिए. यह पचासा पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ पिछले साल सितंबर में ओवल टेस्ट में बनाया था. ऐसे में अब जब प्रदर्शन में इतनी अनिमयितता होगी तो सवाल तो उठेंगे ही उठेंगे. सिर्फ व्हाइट बॉल की प्रतिष्ठा पर आप टेस्ट क्रिकेट की कमाई नहीं खा सकते. यह भी देखने में आया है कि रेड-बॉल फौरमेट में स्विंग और सीम होती गेंदों के सामने पंत असहज और बेबस दिखते हैं. उन्हें इनसे निपटने में बार-बार समस्या आ रही है. जोहांसबर्ग में भी भी यही नजारा रहा और वह विकेट के पीछे कैच दे बैठे.
यह भी पढ़ें: डिकॉक के संन्यास से टूटा अफ्रीकी दिग्गज, बोले कि...
ऋद्धिमान साहा तो टीम का हिस्सा अभी हैं ही, तो वहीं केएस. भरत, संजू सैमसन और ईशान किशन ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बेचैन हैं और यह बात अब पंत को ही नहीं, बल्कि सेलेक्टरों और मैनेजमेंट को ध्यान देना होगा क्योंकि बाकी विकेटकीपर भी बेहतर कर रहे हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
VIDEO: 'विराट विवाद': चेतन शर्मा के बयान के बाद और पकड़ सकता है तूल, जानिए क्या है पूरा सच.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं