रणजी इतिहास का सबसे तेज शतक बनाकर ऋषभ पंत ने मचाई थी धूम, मिला इस प्रदर्शन का 'इनाम'

रणजी इतिहास का सबसे तेज शतक बनाकर ऋषभ पंत ने मचाई थी धूम, मिला इस प्रदर्शन का 'इनाम'

ऋषभ पंत ने रणजी ट्रॉफी के अलावा आईपीएल-9 में भी शानदार प्रदर्शन किया था (फाइल फोटो)

खास बातें

  • भारत की टी-20 टीम में चुने गए हैं विकेटकीपर बल्‍लेबाज ऋषभ पंत
  • अंडर-19 वर्ल्‍डकप में नेपाल के खिलाफ बनाया था सबसे तेज अर्धशतक
  • इसी रणजी सीजन में महाराष्‍ट्र के खिलाफ तिहरा शतक बनाया था
नई दिल्‍ली:

19 वर्ष के ऋषभ पंत के लिए यह एक तरह से रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन का 'इनाम' मिला है. विराट कोहली के नेतृत्‍व वाली टी-20 टीम में दिल्‍ली के इस धूमधड़ाका करने वाले विकेटकीपर बल्‍लेबाज को स्‍थान मिला है. ऋषभ, ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्‍ट की विकेटकीपिंग और बल्‍लेबाजी के मुरीद रहे हैं. खास बात यह है कि ऋषभ भी गिलक्रिस्‍ट की ही तरह बाएं हाथ से ताबड़तोड़ बल्‍लेबाजी करते हैं. मौजूदा घरेलू सीजन में झारखंड के खिलाफ रणजी इतिहास का सबसे तेज शतक जमाकर उन्‍होंने इसका परिचय भी दिया.

बांग्‍लादेश में हुए अंडर-19 वर्ल्‍डकप में भारतीय टीम के सदस्‍य रहे पंत का नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया जब उन्‍होंने नेपाल के खिलाफ मात्र 24 गेंदों पर ही 78 रन ठोके. पंत ने इस पारी के दौरान महज 18 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया जो अंडर -19 वर्ल्‍डकप के पिछले रिकॉर्ड (19गेंद) से एक गेंद कम था. इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में ऋषभ ने लगातार अच्‍छा स्‍कोर किया. टूर्नामेंट के छह मैचों में उन्‍होंने 44.50 के औसत से 267 रन ( स्‍ट्राइक रेट104.29) बनाए जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे. इस दौरान तूफानी बल्‍लेबाजीकरते हुए उन्‍होंने 33 चौके और 9 छक्‍के जमाए यानी अपने 267 रनों में से 186 रन उन्‍होंने चौकों-छक्‍कों के जरिये ही बना डाले.

अंडर-19 वर्ल्‍डकप में पंत, सरफराज खान के बाद भारत के सबसे अधिक रन बनाने वाले बैट्समैन रहे. इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद ऋषभ को इस बात का मलाल रहा कि वे टीम इंडिया को चैंपियन नहीं बना पाए. फाइनल में भारतीय टीम को वेस्‍टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा. वैसे ऋषभ के लिहाज से यह वर्ल्‍डकप बेहतरीन अनुभव रहा और जूनियर टीम का का सदस्‍य रहते हुए उन्‍हें कोच राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखने को मिला.  तेजी से बल्‍लेबाजी के अलावा पंत विकेट के पीछे भी चौकस प्रदर्शन करते रहे हैं. ऐसे में उन्‍हें सीनियर लेवल के क्रिकेट (वनडे और टी-20) में महेंद्र सिंह धोनी के विकल्‍प (संन्‍यास लेने की स्थिति में) के रूप में देखा जाने लगा है.

4 अक्‍टूबर  1997 को उत्‍तराखंड में जन्‍मे ऋषभ के क्रिकेट का यह सफर संघर्ष भरा रहा है. क्रिकेट में बेहतर मौके की तलाश के लिए वे दिल्‍ली आए और अपनी प्रतिभा की दम पर जल्‍द ही यहां की अंडर-19 और फिर दिल्‍ली सीनियर टीम में स्‍थान बना लिया. दिल्‍ली की ओर से खेलते हुए ऋषभ की इच्‍छा रणजी ट्रॉफी में वीरेंद्र सहवाग के साथ पारी की शुरुआत करने की थी, लेकिन यह संभव नहीं हो सका क्‍योंकि पिछले सीजन में सहवाग ने दिल्‍ली के बजाय हरियाणा की ओर से रणजी मैच खेले. भारतीय टी20 टीम में स्‍थान बनाने के बाद अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि ऋषभ को प्‍लेइंग 11 में स्‍थान मिल पाता है या नहीं. वैसे महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली जैसे दिग्‍गज खिलाड़ि‍यों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करके भी उन्‍हें काफी कुछ सीखने का मौका मिलेगा...


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