वक्‍त के साथ बढ़ता ही गया बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल के बीच टकराव...

वक्‍त के साथ बढ़ता ही गया बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल के बीच टकराव...

जस्टिस लोढ़ा और बीसीसीआई अध्‍यक्ष अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली.:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और लोढ़ा पैनल शुरुआत से ही टकराव के रास्ते पर दिखी है. जब से लोढ़ा कमेटी बनी है बीसीसीआई ने पूरी तरीके से न तो लोढ़ा पैनल के सुझावों को मानती रही न ही इनकी मदद करती नज़र आई. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के सख़्त रवैये के चलते इन सिफ़ारिशों को क्रिकेट बोर्ड पर ज़बरदस्ती मनवाने जैसी बात सामने आ गई है.

दो दिनों पहले लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई के रूटीन खर्च के अलावा बाक़ी के खर्च पर रोक लगाकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को रास्ते पर लाने की कोशिश की. मगर बीसीसीआई ने तीखे तेवर अपनाकर आर-पार की लड़ाई मोल ली है.. दरअसल लोढ़ा और बीसीसीआई के बीच शुरुआत से ही टकराव का रुख़ दिखा है. दोनों के बीच की जंग कुछ इस तरह शुरू हुई..

  • 14 अप्रैल, 2015: लोढ़ा कमेटी ने 82 सवाल लिखकर बीसीसीआई से जवाब मांगे कि भारत में क्रिकेट कैसे चलता है.
  • 4 जनवरी, 2016: लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई में सुधारों के लिए अपनी सिफ़ारिशें सुप्रीम कोर्ट में पेश कीं.
  • 7 जनवरी, 2016:  तब बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने राज्य क्रिकेट संघों से लोढ़ा की रिपोर्ट पर राय मांगी.
  • 4 फ़रवरी, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से लोढ़ा की सिफ़ारिशों पर अपना रुख़ साफ़ करने को कहा.इसके लिए
  • 3 मार्च 2016 की डेडलाइन भी तय की और फिर लोढ़ा सिफ़ारिशों को लेकर बोर्ड के रवैये पर उसकी ख़िचाई की.
  • 13 अप्रैल, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वो कानून बनाकर भारत में क्रिकेट चला सकती है.
  • 2 मई, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने BCCI और राज्य क्रिकेट संघों को लोढ़ा पैनल की सिफ़ारिशों को मानने का आदेश दिया और फिर अगले ही दिन बीसीसीआई पर कई सवाल खड़े किये.
  • 18 जुलाई, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा की ज़्यादातर सिफ़ारिशों को माना और मंत्रियों, नौकरशाहों और 70 साल से ज़्यादा के लोगों के पदाधिकारी बनने पर रोक लगाई.
  • 28 सितंबर, 2016: लोढ़ा पैनल ने अनुराग ठाकुर सहित टॉप अधिकारियों को हटाने की मांग की.लोढ़ा ने कहा कि बीसीसीआई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ बर्ताव कर रही है.

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