कृष्णमचारी श्रीकांत की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
1983 वर्ल्ड कप जीते भारत को 32 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी टीम के खिलाड़ियों को 25 जून का वो दिन याद है। ओपनर कृष्णमचारी श्रीकांत हमेशा से फ़ील्ड में चुस्त रहा करते थे और फ़ाइनल में भी उनकी अहम भूमिका रही। श्रीकांत ने कहा, 'मैंने मैच में सबसे ज़्यादा 38 रन बनाए थे जो लोगों को आज भी याद हैं, जीत के बाद मैं ये सोचकर ख़ुश हुआ कि मैंने सबसे ज़्यादा रन बनाए।'
भारत के वर्ल्ड कप जीतने के बाद वेस्ट इंडीज़ के बल्लेबाज़ विवियन रिचर्ड्स ने कहा, 'मेरा कैच कपिल देव के अलावा कोई और नहीं ले सकता था।' उनके मुताबिक वनडे क्रिकेट में भारत को कोई नहीं जानता था लेकिन कपिल ने टीम के खिलाड़ियों में जीत का हौसला भर दिया।
वहीं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने 25 जून को याद करते हुए कहा, 'आज भी उस दिन को याद करते हुए मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ये विश्वास करना मुश्किल होता है कि मैं भी वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहा हूं। ये मेरे क्रिकेटिंग करियर का सबसे ख़ास लम्हा था। जीत के बाद कप्तान को वर्ल्ड कप उठाते हुए देखना और लॉर्ड्स में लोगों का प्यार हमे हमेशा याद रहेगा।'
जबकि भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव वर्ल्ड कप जीत को भारतीय क्रिकेट का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं। कपिल देव ने कहा, 'हर मैच में जीत के बाद शाम में जश्न मनाना अच्छा लगने लगा तो हम जीत की तलाश में रहते थे लेकिन बाद में हमने संजीदगी से क्रिकेट खेलने लगे।'
भारत की जीत में मदन लाल का अहम योगदान रहा। मदन लाल कहते हैं, वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ पहले मैच में मिली जीत ने टीम को भरोसा दिला दिया वो वर्ल्ड कप जीत सकती है।' वर्ल्ड कप में 17 विकेट लेने वाले मदन लाल ने कहा, 'जीत के बाद टीम के बारे में हर किसी का नज़रिया बदल गया। जीत के बाद पाकिस्तान और श्रीलंका में भी क्रिकेट को महत्व मिलने लगा।'
वर्ल्ड कप में 18 विकेट लेने वाले रॉजर बिन्नी ने कहा, 'घर पर लोग सड़कों पर निकल आए और हर तरफ़ फूलों से खिलाड़ियों का स्वागत हुआ जो आज भी वो नहीं भूले हैं। जीत ने भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया।'
मौजूदा टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री उस जीत को याद करते हुए कहते हैं, 'हम लीग स्टेज में वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचे। सेमीफ़ाइनल में पिच देखने के बाद हमे भरोसा हो गया कि हम जीत सकते हैं। जीत के बाद लोगों का प्यार देखने लायक था, ड्रेसिंग रूम का माहौल किसी मक्षली बाज़ार से कम नहीं था। जिसे आप नहीं जानते थे वो भी आकर बधाई दे रहा था।'
एनडीटीवी इंडिया स्पोर्ट्स डेस्क की राय : भारतीय टीम की 1983 वर्ल्ड कप जीत ने भारतीय क्रिकेट को दुनिया के नक्शे पर ला दिया और बाद में क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के अलावा कई होनहार क्रिकेटर मिले। कपील देव की सेना को जीत के 32 साल पूरे होने पर सलाम।
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