यह ख़बर 02 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रणजी ट्रॉफी : रवींद्र जडेजा ने रचा इतिहास

खास बातें

  • रणजी ट्रॉफी के जारी मुकाबलों में रविवार का दिन सौराष्ट्र के हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा का रहा। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीसरी बार तिहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया। यह कारनामा करने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
नई दिल्ली:

रवींद्र जडेजा ने रेलवे के खिलाफ जारी रणजी मैच में सौराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए शानदार तिहरा शतक इतिहास रच डाला है। जडेजा इस तिहरे शतक के साथ ही न सिर्फ रणजी ट्रॉफी के एक सत्र में दो तिहरे शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने हैं, जबकि इससे भी महत्वपूर्ण यह रिकॉर्ड है कि वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीन तिहरे शतक लगाने वाले भी पहले भारतीय बन गए हैं, और यह कारनामा करने वाले दुनिया-भर के बल्लेबाजों की सूची में वह आठवें खिलाड़ी के रूप में दर्ज हो गए हैं।

सौराष्ट्र के खिलाफ जारी मैच में जडेजा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक वह 491 गेंदों तक डटे रहकर 320 रन बना चुके थे। इस दौरान उन्होंने राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के स्टेडियम पर रेलवे के गेंदबाजों की जमकर ठुकाई की, और 28 चौके और सात छक्के जड़े। इससे पहले, जडेजा ने पिछले ही महीने गुजरात के खिलाफ भी नाबाद 303 रनों की पारी खेली थी, और नवंबर, 2011 में भी रणजी ट्रॉफी के ही एक मैच में 314 रन बनाए थे।

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उल्लेखनीय है कि जडेजा से पहले भारत की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सिर्फ पांच ही बल्लेबाजों ने दो तिहरे शतक लगाए थे, जिनमें विजय हजारे, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, रमन लाम्बा और वसीम जाफर शामिल हैं। इनमें से वीवीएस लक्ष्मण तथा वसीम जाफर ने रणजी ट्रॉफी में ही दो-दो तिहरे शतक ठोके हैं, जबकि वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में यह कारनामा किया है। रवींद्र जडेजा से पहले दुनिया के जिन सात बल्लेबाजों ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक तीन या उससे अधिक तिहरे शतक लगाए हैं, उनमें डॉन ब्रैडमैन (6), बिल पॉन्सफोर्ड (4), वॉली हैमन्ड (4), डब्ल्यूजी ग्रेस (3), ग्रीम हिक (3), ब्रायन लारा (3) और माइकल हसी (3) शामिल हैं।