नई दिल्ली:
कप्तान पार्थिव पटेल (143 रन) के विषम परिस्थितियों में बनाए गए लाजवाब शतक से गुजरात ने शनिवार को यहां 41 बार के चैंपियन मुंबई को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता. पार्थिव ने अपनी पारी में 196 गेंदों का सामना किया तथा 24 चौके लगाए. मजेदार बात यह है कि गुजरात 66 साल पहले 1950 - 51 में इसी मैदान पर फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब उसे होलकर (अब मध्यप्रदेश) ने इंदौर में ही खेले गए फाइनल में 189 रन से हरा दिया था.
गुजरात के सामने 312 रन का लक्ष्य था और उसने पार्थिव की 143 रन की बेजोड़ पारी के दम पर मैच के पांचवें और अंतिम दिन पांच विकेट पर 313 रन बनाकर राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. इस जीत के साथ गुजरात ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए.
सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भी रिकॉर्ड
गुजरात ने रणजी फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भी रिकॉर्ड बनाया. इससे पहले का रिकार्ड हैदराबाद के नाम पर था जिसने 1938 में नवानगर के खिलाफ नौ विकेट पर 310 रन बनाए थे.
Ranji Trophy Final : गुजरात ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को हराकर पहली बार जीती ट्रॉफी, पार्थिव पटेल की कप्तानी पारी
गुजरात रणजी चैंपियन बनने वाली 17वीं टीम है. गुजरात ने 2014-15 में सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और 2015-16 में विजय हजारे एकदिवसीय ट्रॉफी जीती थी और इस तरह से तीनों राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली वह चौथी टीम बन गई है.गुजरात से पहले तमिलनाडु, बंगाल और उत्तर प्रदेश यह कारनामा कर चुके हैं.
पार्थिव तीनों खिताब जीतने वाले पहले कप्तान
पार्थिव तीनों खिताब जीतने वाले पहले कप्तान भी बन गए हैं. मुंबई की यह रणजी फाइनल में केवल पांचवी हार है. इससे पहले आखिरी बार उसे 1990-91 में हरियाणा ने दो रन से हराया था. इसके बाद मुंबई 11 बार फाइनल में पहुंचा जिनमें से पिछले दस में उसने जीत दर्ज की थी. गुजरात आज उसके विजय अभियान पर विराम लगाने में सफल रहा. यह मुंबई की 'बम्बई से मुंबई' बनने के बाद रणजी फाइनल में पहली हार है.
(इनपुट भाषा से भी)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुजरात के सामने 312 रन का लक्ष्य था और उसने पार्थिव की 143 रन की बेजोड़ पारी के दम पर मैच के पांचवें और अंतिम दिन पांच विकेट पर 313 रन बनाकर राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. इस जीत के साथ गुजरात ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए.
सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भी रिकॉर्ड
गुजरात ने रणजी फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भी रिकॉर्ड बनाया. इससे पहले का रिकार्ड हैदराबाद के नाम पर था जिसने 1938 में नवानगर के खिलाफ नौ विकेट पर 310 रन बनाए थे.
Ranji Trophy Final : गुजरात ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को हराकर पहली बार जीती ट्रॉफी, पार्थिव पटेल की कप्तानी पारी
गुजरात रणजी चैंपियन बनने वाली 17वीं टीम है. गुजरात ने 2014-15 में सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और 2015-16 में विजय हजारे एकदिवसीय ट्रॉफी जीती थी और इस तरह से तीनों राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली वह चौथी टीम बन गई है.गुजरात से पहले तमिलनाडु, बंगाल और उत्तर प्रदेश यह कारनामा कर चुके हैं.
पार्थिव तीनों खिताब जीतने वाले पहले कप्तान
पार्थिव तीनों खिताब जीतने वाले पहले कप्तान भी बन गए हैं. मुंबई की यह रणजी फाइनल में केवल पांचवी हार है. इससे पहले आखिरी बार उसे 1990-91 में हरियाणा ने दो रन से हराया था. इसके बाद मुंबई 11 बार फाइनल में पहुंचा जिनमें से पिछले दस में उसने जीत दर्ज की थी. गुजरात आज उसके विजय अभियान पर विराम लगाने में सफल रहा. यह मुंबई की 'बम्बई से मुंबई' बनने के बाद रणजी फाइनल में पहली हार है.
(इनपुट भाषा से भी)
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