जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट में हेराथ ने कमाल का प्रदर्शन किया (फाइल फोटो)
छोटा कद, गोलमटोल काया और अपने आप में ही मस्त....श्रीलंका टीम के स्पिनर रंगना हेराथ की पहचान सिर्फ यही खत्म नहीं होती. यह 'बुजुर्ग' गेंदबाज आज अपनी टीम के लिए स्ट्राइक बॉलर की भूमिका में है. ठीक उसी तरह जैसे समय समय सर्वकालीन महान स्पिनरों में शुमार मुथैया मुरलीधरन निभाया करते थे.
हेराथ को निर्विवाद रूप से मुरली के बाद श्रीलंका का सबसे कामयाब स्पिनर माना जा सकता है. उनकी गिनती हम दुनिया के ऐसे गेंदबाजों में भी कर सकते हैं जो लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वह प्रशंसा नहीं पा सका जिसका कि वह हकदार था. हेराथ का नाम हाल में उस समय चर्चा में आया था जब उन्होंने दुनिया के सभी टेस्ट प्लेइंग देशों के खिलाफ पांच विकेट लेने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की थी. जिम्बाब्वे के खिलाफ इस मैच में हेराथ ने कुल 13 विकेट (पहली पारी में पांच और दूसरी में आठ विकेट ) झटके और कप्तान के रूप में अपनी टीम को जीत का तोहफा दिया. श्रीलंकाई क्रिकेट की जब बात होती है तो गेंदबाजी के क्षेत्र में मुरलीधरन और चामिंडा वास की तो खूब चर्चा होती है लेकिन हेराथ को अकसर नजरअंदाज ही कर दिया जाता है.
खास बात यह है कि मुरली की तरह हेराथ पर 'चकर' का कोई टैग भी नहीं लगा है. मुरली भले ही स्पिन के 'जादूगर' रहे लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उनकी गेंदों को चकिंग के आरोप के कारण नो बॉल घोषित किए जाने, बॉयोमैट्रिक टेस्ट से गुजरने और बिशन सिंह बेदी जैसे दिग्गज स्पिनर के 'जैवलिन थ्रोअर' के संबोधन के कारण उनके खेल कौशल की चमक मलिन जरूर पड़ी. सौभाग्य से हेराथ को एक्शन एकदम क्लीन है.
इस 38 वर्षीय श्रीलंकाई गेंदबाज का औसत और स्ट्राइक रेट कमाल का है. हेराथ ने अब तक 75 टेस्ट मैचों में 27.97 के औसत से 351 विकेट (इकोनॉमी रेट 2.76 )हासिल किए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 60.7 का है यानी लगभग हर 61 गेंद में वे विकेट लेने में कामयाब रहे हैं. उनके इन आंकड़ों की अगर मुरली से तुलना करें तो मुरली का टेस्ट करियर स्ट्राइक रेट 55.0, इकोनॉमी रेट 2.47 और औसत 22.72 का है. मुरली ने 133 टेस्ट में 800 विकेट हासिल किए थे.
बाएं हाथ के लेग स्पिनर हेराथ को लगातार कसी हुई गेंदबाजी और लंबे स्पैल फेंकने के लिए जाना जाता है. 1999 में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले हेराथ को अपने पहले ही मैच में महान मुरली के साथ मिला. यही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाले में हुए इस टेस्ट में उन्होंने मुरली के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पारी को समेटने में भूमिका निभाई थी. ड्रॉ रहे इस मैच में मुरली ने 71 रन देकर पांच और हेराथ ने 97 रन देकर चार विकेट लिए थे.
हेराथ के बारे में यह जरूर कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने अधिकतर विकेट घरेलू-मददगार पिचों पर ही हासिल किए हैं. घरेलू मैदान में जहां उन्होंने 41 टेस्ट में 23.14 के औसत से 231 विकेट लिए हैं वहीं विदेश में खेले गए 34 टेस्ट में 120 विकेट लिए हैं, इसमें न्यूट्रल वैन्यू पर हासिल किए गए 24 विकेट भी शामिल हैं. विदेशी मैदानों में उनका औसत 37 के आसपास का है. हेराथ जल्द ही श्रीलंका के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज बन जाएंगे. तेज गेंदबाज चामिंडा वास के 355 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड से वे महज चार विकेट ही पीछे हैं. इस बात को ध्यान रखना होगा कि वास ने 111 टेस्ट में ये विकेट हासिल किए थे जबकि हेराथ महज 75 टेस्ट में ही उनके रिकॉर्ड से महज चार विकेट की दूरी पर हैं. 38 साल के हेराथ ने यदि ऐसा ही प्रदर्शन जारी रखा तो अपने विकेटों का आंकड़ा 400 के पार पहुंचा सकते हैं..
हेराथ को निर्विवाद रूप से मुरली के बाद श्रीलंका का सबसे कामयाब स्पिनर माना जा सकता है. उनकी गिनती हम दुनिया के ऐसे गेंदबाजों में भी कर सकते हैं जो लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वह प्रशंसा नहीं पा सका जिसका कि वह हकदार था. हेराथ का नाम हाल में उस समय चर्चा में आया था जब उन्होंने दुनिया के सभी टेस्ट प्लेइंग देशों के खिलाफ पांच विकेट लेने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की थी. जिम्बाब्वे के खिलाफ इस मैच में हेराथ ने कुल 13 विकेट (पहली पारी में पांच और दूसरी में आठ विकेट ) झटके और कप्तान के रूप में अपनी टीम को जीत का तोहफा दिया. श्रीलंकाई क्रिकेट की जब बात होती है तो गेंदबाजी के क्षेत्र में मुरलीधरन और चामिंडा वास की तो खूब चर्चा होती है लेकिन हेराथ को अकसर नजरअंदाज ही कर दिया जाता है.
खास बात यह है कि मुरली की तरह हेराथ पर 'चकर' का कोई टैग भी नहीं लगा है. मुरली भले ही स्पिन के 'जादूगर' रहे लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उनकी गेंदों को चकिंग के आरोप के कारण नो बॉल घोषित किए जाने, बॉयोमैट्रिक टेस्ट से गुजरने और बिशन सिंह बेदी जैसे दिग्गज स्पिनर के 'जैवलिन थ्रोअर' के संबोधन के कारण उनके खेल कौशल की चमक मलिन जरूर पड़ी. सौभाग्य से हेराथ को एक्शन एकदम क्लीन है.
इस 38 वर्षीय श्रीलंकाई गेंदबाज का औसत और स्ट्राइक रेट कमाल का है. हेराथ ने अब तक 75 टेस्ट मैचों में 27.97 के औसत से 351 विकेट (इकोनॉमी रेट 2.76 )हासिल किए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 60.7 का है यानी लगभग हर 61 गेंद में वे विकेट लेने में कामयाब रहे हैं. उनके इन आंकड़ों की अगर मुरली से तुलना करें तो मुरली का टेस्ट करियर स्ट्राइक रेट 55.0, इकोनॉमी रेट 2.47 और औसत 22.72 का है. मुरली ने 133 टेस्ट में 800 विकेट हासिल किए थे.
बाएं हाथ के लेग स्पिनर हेराथ को लगातार कसी हुई गेंदबाजी और लंबे स्पैल फेंकने के लिए जाना जाता है. 1999 में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले हेराथ को अपने पहले ही मैच में महान मुरली के साथ मिला. यही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाले में हुए इस टेस्ट में उन्होंने मुरली के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पारी को समेटने में भूमिका निभाई थी. ड्रॉ रहे इस मैच में मुरली ने 71 रन देकर पांच और हेराथ ने 97 रन देकर चार विकेट लिए थे.
हेराथ के बारे में यह जरूर कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने अधिकतर विकेट घरेलू-मददगार पिचों पर ही हासिल किए हैं. घरेलू मैदान में जहां उन्होंने 41 टेस्ट में 23.14 के औसत से 231 विकेट लिए हैं वहीं विदेश में खेले गए 34 टेस्ट में 120 विकेट लिए हैं, इसमें न्यूट्रल वैन्यू पर हासिल किए गए 24 विकेट भी शामिल हैं. विदेशी मैदानों में उनका औसत 37 के आसपास का है. हेराथ जल्द ही श्रीलंका के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज बन जाएंगे. तेज गेंदबाज चामिंडा वास के 355 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड से वे महज चार विकेट ही पीछे हैं. इस बात को ध्यान रखना होगा कि वास ने 111 टेस्ट में ये विकेट हासिल किए थे जबकि हेराथ महज 75 टेस्ट में ही उनके रिकॉर्ड से महज चार विकेट की दूरी पर हैं. 38 साल के हेराथ ने यदि ऐसा ही प्रदर्शन जारी रखा तो अपने विकेटों का आंकड़ा 400 के पार पहुंचा सकते हैं..
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