
जूनियर टीम के खिलाड़ियों को 6,800 रुपये प्रति दिन का भत्ता नहीं मिल पा रहा है.
इंग्लैंड के खिलाफ इस समय वनडे सीरीज खेल रही भारत की अंडर-19 टीम को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, टीम के खिलाड़ियों यहां तक कि कोच राहुल द्रविड़ को भी अब तब बोर्ड की ओर से दैनिक भत्ते (daily allowances) नहीं मिल पाए हैं. अजय शिर्के के बीसीसीआई सचिव पद से हटने के बाद किसी बोर्ड पदाधिकारी की गैरमौजूदगी के कारण यह स्थिति आई है. नोटबंदी के फैसले के चलते सप्ताह में धन निकासी की तय सीमा ने स्थिति को और खराब कर दिया है.
इसके कारण जूनियर टीम के खिलाड़ियों को 6,800 रुपये प्रतिदिन का भत्ता नहीं मिल पा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, हालत यह है कि क्रिकेटरों को डिनर के लिए भी अपनी ओरसे भुगतान करना पड़ रहा है. कुछ क्रिकेटर तो इस 'कैश क्रंच' के कारण अपने पेरेंट्स पर निर्भर हो गए हैं.कोई नया पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए बीसीसीआई सदस्यों को नया प्रस्ताव पारित करना होगा. एक बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, हमने तय किया है कि जैसे ही सीरीज खत्म होगी, हम 'डीए' सीधे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के खाते में भेज देंगे. बीसीसीआई में भी कई सारी समस्याएं हैं. हमारे पास पदाधिकारी नहीं है और हम किसी को भुगतान नहीं कर सकते. भारतीय अंडर-19 टीम के एक सदस्य ने बताया कि मैच के दौरान किसी तरह से एक समय के भोजन का इंतजाम मेजबान एसोसिएशन की ओर से किया गया जबकि नाश्ते की होटल ने व्यवस्था की. सबसे बड़ी समस्या डिनर की है. हमें मुंबई के ऐसे बड़े होटल में ठहराया गया है जहां सेंडविच की कीमत ही 1500 रुपये के ऊपर है. ऐसे में खिलाड़ियों के पास मैदान पर थकान से भरा दिन गुजारने के बाद बाहर खाना खाने का विकल्प ही बचता है.
दूसरी ओर, बांग्लादेश के खिलाफ गुरुवार से हैदराबाद में टेस्ट खेलने वाली सीनियर टीम को इस तरह की किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा रहा है क्योंकि प्रशासकों की समिति (COA)ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी से खिलाड़ियों के दैनिक भत्तों का ध्यान रखने को कहा है.
इसके कारण जूनियर टीम के खिलाड़ियों को 6,800 रुपये प्रतिदिन का भत्ता नहीं मिल पा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, हालत यह है कि क्रिकेटरों को डिनर के लिए भी अपनी ओरसे भुगतान करना पड़ रहा है. कुछ क्रिकेटर तो इस 'कैश क्रंच' के कारण अपने पेरेंट्स पर निर्भर हो गए हैं.कोई नया पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए बीसीसीआई सदस्यों को नया प्रस्ताव पारित करना होगा. एक बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, हमने तय किया है कि जैसे ही सीरीज खत्म होगी, हम 'डीए' सीधे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के खाते में भेज देंगे. बीसीसीआई में भी कई सारी समस्याएं हैं. हमारे पास पदाधिकारी नहीं है और हम किसी को भुगतान नहीं कर सकते. भारतीय अंडर-19 टीम के एक सदस्य ने बताया कि मैच के दौरान किसी तरह से एक समय के भोजन का इंतजाम मेजबान एसोसिएशन की ओर से किया गया जबकि नाश्ते की होटल ने व्यवस्था की. सबसे बड़ी समस्या डिनर की है. हमें मुंबई के ऐसे बड़े होटल में ठहराया गया है जहां सेंडविच की कीमत ही 1500 रुपये के ऊपर है. ऐसे में खिलाड़ियों के पास मैदान पर थकान से भरा दिन गुजारने के बाद बाहर खाना खाने का विकल्प ही बचता है.
दूसरी ओर, बांग्लादेश के खिलाफ गुरुवार से हैदराबाद में टेस्ट खेलने वाली सीनियर टीम को इस तरह की किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा रहा है क्योंकि प्रशासकों की समिति (COA)ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी से खिलाड़ियों के दैनिक भत्तों का ध्यान रखने को कहा है.
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