महेंद्र सिंह धोनी को सीमित ओवरों के खेल में सर्वश्रेष्ठ फिनिशरों में से एक बताते हुए कपिल देव ने खेल के तीनों प्रारूपों में उन्हें भारतीय टीम कप्तान बनाए रखने का समर्थन करते हुए कहा कि उसे हटाने का सवाल ही पैदा नहीं होना चाहिए।
वर्ष 1983 में भारत के लिए पहली बार क्रिकेट विश्वकप जीतने वाली टीम के कप्तान कपिल देव ने कहा कि धोनी ही आगामी टेस्ट शृंखला और 2015 टी-20 विश्व कप में कप्तान रहने चाहिए। उन्होंने कहा, यदि धोनी फिट हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि वह हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से है। छठे सातवें नंबर पर उनका 50 से अधिक का औसत है तो फिर शक क्यों, जिसने विश्वकप, टी-20 विश्वकप जीता है तो उसके बारे में इस तरह की चर्चा भी नहीं होनी चाहिए।
भारत ने भले ही टी-20 विश्वकप में लगातार दो जीत दर्ज की हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में शृंखलाएं हारने के बाद धोनी की कप्तानी पर सवाल उठने लगे थे। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा था कि विराट कोहली को टेस्ट कप्तानी सौंपी जानी चाहिए। कपिल ने कहा कि कोहली को कप्तानी सौंपने की हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, यदि आप कोहली को कप्तान बना देंगे और धोनी उनकी कप्तानी में खेलेंगे तो टीम में काफी कन्फ्यूजन पैदा हो जाएगा। यह सही नहीं है। उसका मौका आएगा, लेकिन इसमें हड़बड़ी करने की क्या जरूरत है।
कपिल ने कहा कि टीम एक खिलाड़ी से हमेशा के लिए उम्मीद नहीं कर सकती कि वह अपने कंधों पर जिम्मेदारियां लेकर चले। उन्होंने कहा, मैं इस तरह से नहीं देखता क्योंकि उसने अपना काम कर लिया है। आप डॉन ब्रैडमैन से 100 साल तक खेलने की उम्मीद नहीं कर सकते या फिर सचिन तेंदुलकर से हमेशा खेलते रहने की उम्मीद नहीं कर सकते।
कपिल ने कहा, 24 साल तक वह अपने देश की बेहतरीन सेवा कर चुका है, उसने वह सब कुछ किया है, जो एक क्रिकेटर को करना चाहिए, लेकिन आपको जिदंगी में आगे बढ़ना होता है और जल्द ही टीम को यह महसूस कर लेना चाहिए कि यह टीम के लिए अच्छा है। अगर आप हमेशा ही उसके बारे में बात करोगे तो टीम स्थिर नहीं होगी।
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