अकिला धनंजय ने दूसरे वनडे में छह विकेट लिए (फोटो AFP)
गुमनाम से स्पिनर अकिला धनंजय ने सितारों से सजी टीम इंडिया की मजबूत बल्लेबाजी को तहस-नहस करके रख दिया. पल्लेकेले में हुए इस मैच में वास्तव में धनंजय का मैच कहना गलत नहीं होगा. उन्होंने अकेले दम पर मैच को भारतीय खेमे की पकड़ से लगभग खींच ही लिया था .हालांकि पूर्व कप्तान एमएस धोनी और भुवनेश्वर कुमार की जिम्मेदारी भरी पारी से टीम इंडिया मैच को जीतने में सफल रही लेकिन सीरीज में अब तक कमजोर प्रदर्शन के कारण आलोचकों के निशाने पर आई श्रीलंका टीम के लिए धनंजय की यह गेंदबाजी 'संजीवनी बूटी' साबित हो सकती है. अकिला धनंजय का पूरा नाम बेहद मुश्किल है. जरा नजर डालें-महामरकला कुरकुलासूर्या पटाबेडिंगे अकिला धनंजय परेरा. 24 साल के इस गेंदबाज का नाम जितना कठिन है, उतनी ही कठिन दूसरे वनडे मैच में टीम इंडिया को उनकी गेंदबाजी लगी. धनंजय को उनकी गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया.
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दरअसल श्रीलंका को गैरपरंपरागत स्पिन गेंदबाजों के लिए जाना जाता है. अपने एक्शन के कारण एक हद तक विवादित रहे मुथैया मुरलीधरन के बाद अजंता मेंडिस ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया. अश्विन के नाम के साथ जुड़ चुकी कैरम बॉल को मेंडिस का ही अचूक हथियार माना जाता था. अकिला धनंजय को श्रीलंका की इसी कड़ी का अगला गेंदबाज माना जा सकता है. धनंजय की प्रतिभा में निश्चित ही कोई खास बात रही होगी कि कोई प्रथम श्रेणी मैच खेले बिना ही उन्हें श्रीलंका टीम टी20 वर्ल्डकप टीम में स्थान मिल गया. श्रीलंका प्रीमियर लीग में धनंजय ने अपने प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित किया था. वे जयवर्धने की टीम वेंबा यूनाइटेड की ओर से खेले थे.
वीडियो : वनडे सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ भारत का पलड़ा भारी
श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने इस ऑफ ब्रेक बॉलर की गेंदबाजी की विविधता से खासे प्रभावित थे और उन्होंने ही चयनकर्ताओं को उन्हें सीनियर स्तर पर मौका देने के लिए राजी किया. धनंजय गुगली, लेग ब्रेक, दूसरा हर तरह की गेंद फेंकने में निपुण हैं. धनंजय अब तक चार वनडे मैचों में 13.26 के औसत से 11 और पांच टी20 मैचों में 13.57 के औसत से सात विकेट ले चुके हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि 24 वर्षीय इस खिलाड़ी की गेंदबाजी का सामना करना बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होता. गुरुवार के प्रदर्शन के बाद धनंजय का मनोबल काफी बढ़ चुका है. इसकी झलक उनके आगे के प्रदर्शन में भी दिखाई देगी...
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दरअसल श्रीलंका को गैरपरंपरागत स्पिन गेंदबाजों के लिए जाना जाता है. अपने एक्शन के कारण एक हद तक विवादित रहे मुथैया मुरलीधरन के बाद अजंता मेंडिस ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया. अश्विन के नाम के साथ जुड़ चुकी कैरम बॉल को मेंडिस का ही अचूक हथियार माना जाता था. अकिला धनंजय को श्रीलंका की इसी कड़ी का अगला गेंदबाज माना जा सकता है.
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श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने इस ऑफ ब्रेक बॉलर की गेंदबाजी की विविधता से खासे प्रभावित थे और उन्होंने ही चयनकर्ताओं को उन्हें सीनियर स्तर पर मौका देने के लिए राजी किया. धनंजय गुगली, लेग ब्रेक, दूसरा हर तरह की गेंद फेंकने में निपुण हैं. धनंजय अब तक चार वनडे मैचों में 13.26 के औसत से 11 और पांच टी20 मैचों में 13.57 के औसत से सात विकेट ले चुके हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि 24 वर्षीय इस खिलाड़ी की गेंदबाजी का सामना करना बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होता. गुरुवार के प्रदर्शन के बाद धनंजय का मनोबल काफी बढ़ चुका है. इसकी झलक उनके आगे के प्रदर्शन में भी दिखाई देगी...
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