कानपुर:
कॉरपोरेट ट्रॉफी टूर्नामेंट में कथित रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार पर लगाए गए प्रतिबंध से इस खिलाड़ी के साथ यूपी क्रिकेट संघ भी दुखी है।
प्रवीण कुमार ने इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया वहीं यूपीसीए में भी इस निलंबन से हड़कंप मचा गया है और उनका कहना है कि उनका एक होनहार गेंदबाज विजय हजारे ट्रॉफी नहीं खेल पाएगा।
पिछले एक साल से क्रिकेट टीम इंडिया से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज ने कहा, मैं इस प्रतिबंध के बारे में मीडिया से कुछ बात नहीं करना चाहता, मैं बहुत दुखी और परेशान हूं, प्लीज मुझे और परेशान मत करिए। मेरी खामोशी हर बात का जवाब देगी। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने कॉरपोरेट कप में कुछ बदतमीजी की थी, जिस कारण उन पर बीसीसीआई ने प्रतिबंध लगाया है इस पर उन्होंने कहा कि मैं खामोश रहूंगा बस। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काटकर स्वीच ऑफ कर दिया।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के जनरल मैनेजर रोहित तलवार ने बताया कि प्रवीण कुमार पर दस दिन का प्रतिबंध लगाया गया है, जिस कारण वह 14 फरवरी से 18 फरवरी तक इंदौर में होने वाली विजय हजारे ट्रॉफी में भाग नही ले पाएंगे।
तलवार ने कहा कि प्रवीण यूपी टीम के एक तेज गेंदबाज है फिर उनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का जबरदस्त अनुभव है, जो कि 14 फरवरी से विजय हजारे टी-20 ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की काफी मदद करता, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रवीण पर प्रतिबंध लग गया है, जिसकी कमी हमें इन मैचों में बहुत खलेगी। यूपी रणजी टीम के मुख्य चयनकर्ता गोपाल शर्मा ने कहा कि हम प्रवीण को बहुत अर्से से जानते है, क्योंकि वह काफी समय से यूपी की रणजी टीम का सदस्य है और उसने यहां मैदान पर कभी भी कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया, जिस कारण उसके आचरण पर अंगुली उठी हो।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने बीसीसीआई कॉरपोरेट टूर्नामेंट में इनकम टैक्स के खिलाफ खेलते हुए बल्लेबाज अजीत अर्गल के खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया था।
बीसीसीआई ने प्रवीण को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है और उन्हें विजय हजारे ट्र\फी मैचों से निलंबित कर दिया है। यूपीसीए के कुछ सूत्रों ने बताया कि चूंकि प्रवीण पिछले एक साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे और वह लाख प्रयासों के कारण टीम में दोबारा वापसी नहीं कर पा रहे है इसलिए वह मानसिक रूप से काफी परेशान है और बीसीसीआई का यह निलंबन उनके लिए करारा झटका है।
यूपीसीए के सूत्रों के अनुसार तेज गेंदबाज प्रवीण इस सत्र में उत्तर प्रदेश के लिये केवल रणजी का एक मैच खेला है और उनसे जूनियर भुवनेशवर कुमार ने रणजी मैच में अच्छा प्रदर्शन कर टेस्ट टीम और वन डे टीम में अपनी जगह बना ली है शायद इस कारण भी प्रवीण कुमार निराश हो।
प्रवीण कुमार ने इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया वहीं यूपीसीए में भी इस निलंबन से हड़कंप मचा गया है और उनका कहना है कि उनका एक होनहार गेंदबाज विजय हजारे ट्रॉफी नहीं खेल पाएगा।
पिछले एक साल से क्रिकेट टीम इंडिया से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज ने कहा, मैं इस प्रतिबंध के बारे में मीडिया से कुछ बात नहीं करना चाहता, मैं बहुत दुखी और परेशान हूं, प्लीज मुझे और परेशान मत करिए। मेरी खामोशी हर बात का जवाब देगी। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने कॉरपोरेट कप में कुछ बदतमीजी की थी, जिस कारण उन पर बीसीसीआई ने प्रतिबंध लगाया है इस पर उन्होंने कहा कि मैं खामोश रहूंगा बस। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काटकर स्वीच ऑफ कर दिया।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के जनरल मैनेजर रोहित तलवार ने बताया कि प्रवीण कुमार पर दस दिन का प्रतिबंध लगाया गया है, जिस कारण वह 14 फरवरी से 18 फरवरी तक इंदौर में होने वाली विजय हजारे ट्रॉफी में भाग नही ले पाएंगे।
तलवार ने कहा कि प्रवीण यूपी टीम के एक तेज गेंदबाज है फिर उनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का जबरदस्त अनुभव है, जो कि 14 फरवरी से विजय हजारे टी-20 ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की काफी मदद करता, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रवीण पर प्रतिबंध लग गया है, जिसकी कमी हमें इन मैचों में बहुत खलेगी। यूपी रणजी टीम के मुख्य चयनकर्ता गोपाल शर्मा ने कहा कि हम प्रवीण को बहुत अर्से से जानते है, क्योंकि वह काफी समय से यूपी की रणजी टीम का सदस्य है और उसने यहां मैदान पर कभी भी कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया, जिस कारण उसके आचरण पर अंगुली उठी हो।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने बीसीसीआई कॉरपोरेट टूर्नामेंट में इनकम टैक्स के खिलाफ खेलते हुए बल्लेबाज अजीत अर्गल के खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया था।
बीसीसीआई ने प्रवीण को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है और उन्हें विजय हजारे ट्र\फी मैचों से निलंबित कर दिया है। यूपीसीए के कुछ सूत्रों ने बताया कि चूंकि प्रवीण पिछले एक साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे और वह लाख प्रयासों के कारण टीम में दोबारा वापसी नहीं कर पा रहे है इसलिए वह मानसिक रूप से काफी परेशान है और बीसीसीआई का यह निलंबन उनके लिए करारा झटका है।
यूपीसीए के सूत्रों के अनुसार तेज गेंदबाज प्रवीण इस सत्र में उत्तर प्रदेश के लिये केवल रणजी का एक मैच खेला है और उनसे जूनियर भुवनेशवर कुमार ने रणजी मैच में अच्छा प्रदर्शन कर टेस्ट टीम और वन डे टीम में अपनी जगह बना ली है शायद इस कारण भी प्रवीण कुमार निराश हो।
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