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This Article is From Jan 05, 2016

मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था फिर भी प्रणव धनावडे के बल्‍ले से बरसते रहे रन

मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था फिर भी प्रणव धनावडे के बल्‍ले से बरसते रहे रन
प्रणव धनावडे (मुंबई इंडियंस के फेसबुक पेज से साभार)
नई दिल्‍ली: स्‍कूली क्रिकेट में 1,009 रन की अपनी चमत्‍कारी पारी के जरिये 15 साल के प्रणव धनावडे देश ही नहीं, अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। कल्‍याण के 10वीं क्‍लास के इस छात्र ने स्‍कूली क्रिकेट में केसी गांधी स्‍कूल की ओर से आर्य गुरुकुल स्‍कूल के खिलाफ ऐसी पारी खेली कि स्‍कोरशीट छोटी पड़ गई और एक के बाद एक रिकॉर्ड उनके नाम के आगे जुड़ते चले गए। प्रणव की इस पारी की खास बात यह रही कि इसकी शुरुआत उन्‍होंने टूटे हुए बल्‍ले से की थी।
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विपक्षी आर्य गुरुकुल स्‍कूल के गेंदबाजों को राहत तभी मिली, जब गांधी स्‍कूल ने 1,465 रन का विशाल स्‍कोर खड़ा करने के बाद पारी घोषित की। ऑटो ड्राइवर प्रशांत के बेटे प्रणब जब अपनी पारी खत्‍म करने के बाद वापस लौट रहे थे तो स्‍कूली क्रिकेट में 'धमाल' कर अखबारों की सुखियां बटोरने वाले सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, पृथ्‍वी शॉ, सरफराज खान और अरमान जाफर (स्‍कूली क्रिकेट के लिहाज से) उनसे काफी पीछे छूट गए थे।

करीब 23 साल तक अटूट रहा था बीमन का रिकॉर्ड
प्रणव जब सोमवार को इंटर-स्‍कूल मैच के लिए घर से रवाना हो रहे थे तो उन्‍हें क्‍या किसी को भी इस बात का अहसास नहीं था कि वह ऐसा इतिहास रच देंगे, जो लंबी कूद के अमेरिकी एथलीट बॉब बीमन के वर्ल्‍ड रिकॉर्ड की ही तरह लगभग अटूट बन जाएगा। बॉब बीमन ने 1968 के मैक्सिको ओलिंपिक में 8.90 मीटर लंबी जम्प का जो वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनाया था, वह करीब-करीब 23 साल तक अटूट रहा। बाद में वर्ष 1991 में अमेरिका के माइक पॉवेल ने 8.95 मीटर की छलांग लगाकर इस रिकॉर्ड को तोड़ा था। क्रिकेट हालांकि अनिश्चितताओं का खेल है, लेकिन प्रणव की इस पारी के बारे में फिलहाल तो यही लगता है कि उनके रिकॉर्ड की 'उम्र' बीमन के वर्ल्‍ड रिकॉर्ड से भी अधिक रहने वाली है।

थकान होने लगी थी हावी, लेकिन नहीं रुके कदम
अपनी इस पारी के दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब थकान प्रणव पर हावी होने लगी थी। उनकी मांसपेशियों में खिंचाव भी आ गया, लेकिन जीवट के धनी इस बल्‍लेबाज ने इन तमाम बातों को अपनी पारी पर हावी नहीं होने दिया। सोमवार को 652 के स्‍कोर पर नाबाद रहे प्रणव ने दूसरे दिन भी मैराथन पारी जारी रखी और 1009 रन बनाकर नॉटआउट वापस लौटे। अपनी पारी के बारे में प्रणब ने कहा, 'जब मुझे बल्‍लेबाजी का मौका मिला तो मैं तीन अंकों के स्‍कोर (शतक) तक पहुंचने को बेताब था। मैंने अपने कोच से वादा किया था कि शतक बनाऊंगा।'

भविष्‍य में भी यह चमक रखनी होगी बरकरार
बहरहाल, अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि प्रणब अपनी इस रिकॉर्ड पारी को आगे ले जाते हुए उच्‍च स्‍तर के क्रिकेट में भी अपनी बल्‍लेबाजी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं या कुछ दूसरे बेहद प्रतिभावान खिलाडि़यों की तरह महज जूनियर स्‍तर पर चमक बिखेरकर परिदृश्‍य से ओझल हो जाते हैं।

उधर, पिता प्रशांत बेटे की सफलता पर फूले नहीं समा रहे। उन्‍होंने कहा, 'इस मैराथन पारी के दौरान उसे क्रैम्‍प भी आ गया था, लेकिन वह रुका नहीं। मुझे समझ में नहीं आ रहा क्‍या कहूं, लेकिन मुझे बेटे की इस कामयाबी पर नाज है।' वाकई पूरे देश को प्रणव की इस सफलता पर नाज है...

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