पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को इस साल जनवरी-फरवरी में आयोजित किये गये पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के सातवें चरण से पीसीबी को जबर्दस्त मुनाफा हुआ है. वास्तव में यह मुनाफा अरबों में है. ऐसे में आप सहज ही यह अंदाजा लगा सकते हैं कि बीसीसीआई हर साल आईपीएल से कितनी मोटी रकम कमाता होगा. पीसीबी के प्रवक्ता ने कहा, ‘मैं स्पष्टता से बताता हूं कि यह पीसीबी का शुद्ध लाभ है और जिन छह फ्रेंचाइजी ने पीएसएल में हिस्सा लिया था, उनका मुनाफा अलग है.' लेकिन उन्होंने मुनाफे की रकम से छह टीमों को दिये जाने वाले हिस्से का खुलासा करने से इनकार कर दिया.
पीसीबी के आधिकारिक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि बोर्ड को पीएसएल से करीब 2.3 अरब पाकिस्तानी रुपये का लाभ हुआ है. मतलब करीब ढाई सौ करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ. ऐसे में अगर सिर्फ शुद्ध मुनाफ के संदर्भ में बात की जाए, तो सहज समझा जा सकता है कि प्रत्येक साल बीसीसीआई कितना ज्यादा नेट प्रॉफिट अपनी झोली में ला जाता होगा.
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खिलाड़ियों का वेतन बढ़ाने का फैसला
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) एक जुलाई से अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए एक नयी नीति अपनाएगा, जिसमें मौजूदा एक अनुबंध प्रणाली के बजाय दो अलग-अलग प्रारूपों के लिए नये अनुबंध दिए जाएंगे. बोर्ड के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि लाल गेंद और सफेद गेंद के प्रारूपों के लिए अलग-अलग अनुबंध दिये जाएगे. अधिकारी ने कहा, ‘जो खिलाड़ी अनिवार्य रूप से दोनों प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करते है, उन्हें अलग-अलग लाल गेंद और सफेद गेंद के करार दिये जाएंगे. जिसका मतलब यह है कि वे मौजूदा एक के बजाय दो अनुबंध हासिल करेंगे.' उन्होंने कहा कि पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा सैद्धांतिक तौर पर अनुबंध पाने वाले खिलाड़ियों के मासिक ‘रिटेनर' में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर सहमत हो गए हैं.
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