
- पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने मैच रेफरी पॉयक्राफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग की थी लेकिन आईसीसी ने इंकार किया
- पाकिस्तान टीम निर्धारित समय पर होटल से मैच के लिए बाहर नहीं निकली और इससे मैच स्थगित होने का खतरा बढ़ा
- आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को चेतावनी दी कि टूर्नामेंट में न खेलने पर भारी आर्थिक जुर्माना हो सकता है
यूएई (U.A.E) में खेले जा रहे एशिया कप (Asia Cup 2025) में बुधवार को पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (Pak vs Uae) के बीच मैच बदले हुए समय (9 बजे) मैच शुरू होने से पहले पाकिस्ताान क्रिकेट टीम के ड्रामा क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना बना. पाक टीम ने मैच रेफरी पॉयक्राफ्ट को हटाने के मुद्दे पर ऐसा अड़ियल रवैया अपनाया कि एक बार को लगा कि पाकिस्तान और यूएई (Pak vs Uae) के बीच मुकाबला नहीं ही होगा. लेकिन आईसीसी की धमकी और दो बड़े डर ने पाकिस्तान के तेवरों की हवा निकाल दी.
पाकिस्तान टीम होटल से नहीं निकली
दरअसल पाकिस्तानी टीम मैच रेफरी पॉयक्राफ्ट को पूरे एशिया कप से हटाने की मांग कर रही थी, लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया था कि किसी भी कीमत पर वह अपने अधिकारी को टूर्नामेंट से नहीं हटाएगी. इसके बावजूद पाकिस्तानी टीम निर्धारित समय पर होटल से नहीं निकली और पीसीबी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान कर दिया, लेकिन यहां से आईसीसी ने पाकिस्तान बोर्ड को साफ-साफ चेतावनी दे डाली
आईसीसी ने पहुंचा दिया पाकिस्तान को यह बड़ा संदेश
पाकिस्तान बोर्ड जब अपने रवैये से टस से मस नहीं हुआ, तो आईसीसी ने पीसीबी को साफ धमकी दे डाली कि अगर वह एशिया कप में खेलने के लिए राजी नहीं हुआ, तो न केवल उस पर बड़ा आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है, बल्कि उसे भविष्य में आईसीसी टूर्नामेंटों में खेलने पर प्रतिबंध का भी सामना करना पड़ सकता है. अब जबकि अगले साल की शुरुआत में भारत और श्रीलंका टी20 विश्व कप का आयोजन होने जा रहा है, तो न खेलने की सूरत में पाकिस्तान टीम को इस मेगा टूर्नामेंट से भी बाहर किया जा सकता था. यह बात समय रहते पीसीबी को समझ में आ गई और उसने बहिष्कार का अपना फैसला त्याग दिया.
इस बड़े डर ने करा दिया सरेंडर!
पाकिस्तान के अड़ियल रवैये पर चोट पहुंचाने के पीछे सबसे बड़ा डर बना उसे होने वाला संभावित 141 करोड़ रुपये का नुकसान. अगर पाकिस्तान एशिया कप का बॉयकॉट कर देता, तो उसे एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) अपनी सालाना कमाई से मिलने वाले करीब 141 करोड़ रुपये से हाथ धोना पड़ता. बता दें कि ACC अपनी सालाना कमाई से टेस्ट प्लेलिंग देशों भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका को 15 प्रतिशत रकम देता है, जबकि 25 प्रतिशत एसोसिएट्स देश जैसे हांगकांग, ओमान आदि में वितरित किए जाते हैं. पहले से ही आर्थिक बदहाली झेल रहे पाकिस्तान बोर्ड के लिए बहुत ही बड़ी चोट होती. यही वजह रही कि पाकिस्तान ने ICC की चेतावनी और कमाई गंवाने के कारण आखिर में सरेंडर करते हुए यूएई के खिलाफ खेलने का फैसला किया.
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