'केवल इस पहलू' ने मोहम्मद शमी के सालाना अनुबंध का मसला बिगाड़ दिया

लेकिन अभी भी कई राज्यों की एसोसिएशन के सदस्य शमी को अनुबंध न दिए जाने से खुश नहीं हैं. और उन्होंने पिछले दिनों कप्तानों और कोचों की बैठक में तेज गेंदबाज के समर्थन में खुलकर आवाज बुलंद की

'केवल इस पहलू' ने मोहम्मद शमी के  सालाना अनुबंध का मसला बिगाड़ दिया

मोहम्मद शमी अपनी पत्नी हसीन जहां और बेटी के साथ

खास बातें

  • कोचों-घरेलू कप्तानों की मीटिंग में हुआ शमी का समर्थन
  • बीसीसीआई अधिकारी व पूर्व भारतीय क्रिकेटर आमने-सामने
  • इस वजह से चुप हो गए शमी के समर्थक
नई दिल्ली:

अब जबकि जल्द ही भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2018 में दिल्ली डेयर डेविल्स के लिए खेलने पर जल्द ही फैसला आ सकता है, तो अब खुलासा हुआ है कि कुछ दिन पहले तक क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (सीओए) के सदस्य और कई राज्य एसोसिएशनों के सदस्य तेज गेंदबाज को पत्नी हसीन जहां द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच तक सालाना अनुबंध रोके जाने के पक्ष में नहीं थे. ये सभी चाहते थे कि शमी को अनुमंध मिले, लेकिन सिर्फ एक पहलू ने शमी के अनुबंध के मसले पर सभी को उनके खिलाफ खड़ा कर दिया. बहरहाल हसीन जहां के आरोपों के बावजूद भी बोर्ड के अधिकारी और कई राज्य एसोसिएशनों के सदस्य मोहम्मद शमी का अनुबंध रोकने पर खुश नहीं हैं. 

बोर्ड  के सूत्रों के अनुसार वहीं, कुछ दिन पहले ही घरेलू क्रिकेट के मसले पर बीसीसीआई और राज्यों के कप्तानों और कोचों की आयोजित बैठक  में खिलाड़ी से प्रशासक बने एक शख्स ने शमी के अनुबंध को रोके जाने का पुरजोर विरोध किया था. इस पूर्व क्रिकेटर ने शमी के पक्ष में कई सवाल उठाते हुए कहा कि इस तेज गेंदबाज  के खिलाफ गलत हो रहा है.  लेकिन दूसरी ओर बोर्ड के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने बैठक में शमी के अनुबंध को रोके जाने का समर्थन किया

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सूत्रों के मुताबिक इस अधिकारी ने कहा कि  घरेलू क्रिकेटरों में खेल रहे सौइयों क्रिकेटरों में भाग्यशाली तीस खिलाड़ियों को भारत के लिए खेलने का अनुबंद मिलात है. अगर इनमें से किसी खिलाड़ी पर पत्नी द्वारा व्याभिचार या अन्य गंभीर आरोप लगाए जाते हैं, तो ऐसे में बीसीसीआई समाज को क्या संदेश दे रहा है. वहीं मामले पर नजर रखने वाले सूत्रों ने कहा कि वास्तव में अगर हसीन जहां ने शमी पर मैच फिक्सिंग के आरोप नहीं लगाए होते, तो बीसीसीआई के फैसले का विरोध जारी रहता. 

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सीओए के सदस्यों ने जब वह टेप सुना जिसमें सहीं जहां मोहम्मद शमी पर दुबई में एक अलिशबा नाम की लड़की से मिलने और उससे पैसे लेने का आरोप लगा रही हैं, तो यही कारण शमी के अनुबंध को रोकने की सबसे बड़ी वजह बन गया. और जब सीओए ने इस आधार पर जांच कराने का फैसला लिया, तो फिर विरोध कर रहे एसोसिएशनों के सदस्यों ने भी हथियार डाल दिए.

 


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