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This Article is From Jul 20, 2017

वनडे क्रिकेट के लिहाज से सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी और सुरेश रैना में यह बात है कॉमन

सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना ने अपनी बल्‍लेबाजी से भारतीय टीम को कई यादगार जीतें दिलाई हैं.

वनडे क्रिकेट के लिहाज से सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी और सुरेश रैना में यह बात है कॉमन
सचिन, धोनी और रैना, तीनों का ही अपने पहले वनडे में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था (फाइल फोटो)
सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना ने अपनी बल्‍लेबाजी से भारतीय टीम को कई यादगार जीतें दिलाई हैं. सचिन तेंदुलकर और धोनी के बारे में बात करें तो यह टेस्‍ट और वनडे, दोनों तरह की क्रिकेट में कामयाब रहे हैं लेकिन सुरेश रैना टेस्‍ट क्रिकेट में शतक के साथ डेब्‍यू करने के करने के बावजूद इस फॉर्मेट में 'लंबी पारी' नहीं खेल पाए. 12 साल के इंटरनेशनल करियर में उनके खाते में महज 18 टेस्‍ट ही दर्ज हैं. टेस्‍ट टीम के नियमित सदस्‍य वे नहीं बन पाए. इन तीनों खिलाड़ि‍यों में सचिन जहां क्रिकेट से संन्‍यास ले चुके हैं, वहीं धोनी टेस्‍ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं जबकि वनडे और टी20 इंटरनेशनल में खेलना जारी रखे हुए हैं.

वनडे क्रिकेट के लिहाज से बात करें तो सचिन ने 463 मैचों में 49 शतकों के साथ 18,426 रन बनाए हैं जिसमें 200* उनका सर्वोच्‍च स्‍कोर है. धोनी ने 296 वनडे मैचों में 9496 रन बनाए हैं जिसमें 183* उनका सर्वाधिक स्‍कोर रहा है. बाएं हाथ के बल्‍लेबाज सुरेश रैना ने 223 वनडे मैचों में 5568 रन बनाए हैं जिसमें 116* उनका सर्वोच्‍च स्‍कोर है. इन तीनों ही बल्‍लेबाजों में एक बात कॉमन है कि तीनों ही अपने करियर के पहले वनडे इंटरनेशनल मैच में 0 पर आउट हुए थे.

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सचिन तेंदुलकर ने 18 दिसंबर 1989 में पाकिस्‍तान के खिलाफ अपना पहला वनडे खेला था लेकिन वे खाता खोलने के पहले ही वकार यूनुस की गेंद पर वसीम अकरम के हाथों कैच आउट हुए थे. सचिन इस पारी के दौरान केवल दो गेंद खेल पाए थे. इसी तरह सुरेश रैना ने दाम्‍बुला में 30 जुलाई 2005 को श्रीलंका के खिलाफ वनडे करियर का आगाज किया. मैच में वे केवल एक गेंद खेल पाए थे और घातक ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर एलबीडब्‍ल्‍यू हो गए थे. इसी क्रम में महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को बांग्‍लादेश के खिलाफ चिटगांव में अपना पहला वनडे मैच खेला था और वे भी मैच में खाता नहीं खोल पाए थे. सुरेश रैना की तरह धोनी भी मैच में केवल एक गेंद खेल पाए थे और दुर्भाग्‍यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए थे. यह बात अलग है कि पहले वनडे मैच में मिली निराशा के बावजूद इन तीनों बल्‍लेबाजों ने अपने ऊपर विश्‍वास कायम रखा और बाद में क्रिकेट में ढेर सारी सफलताएं हासिल कीं. महेंद्र सिंह धोनी ने स्‍वयं को शॉर्टर फॉर्मेट के बेहतरीन फिनिशर के रूप में स्‍थापित किया जबकि सुरेश रैना क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्‍ट, वनडे और टी20) में शतक लगाने वाले देश के चुनिंदा बल्‍लेबाजों में शुमार हैं.

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