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This Article is From Dec 11, 2017

आज के दिन सचिन तेंदुलकर ने बनाया था यह 'वेरी-वेरी स्पेशल रिकॉर्ड'

पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में इतने रिकॉर्ड बनाए हैं कि कोई भी इन रिकॉर्डों को गिनते-गिनते थक जाएगा. इतने रिकॉर्ड कि इन तमाम में से किसी को अगर आधे भी याद हों, तो यह बड़ी बात होगी! ऐसे रिकॉर्ड जिन्हें तोड़ना किसी के लिए भी एवरेस्ट पर चढ़ने से कम नहीं होगा.

आज के दिन सचिन तेंदुलकर ने बनाया था यह 'वेरी-वेरी स्पेशल रिकॉर्ड'
सचिन तेंदुलकर और उनके दोस्त अतुल रनाडे बचपन के दिनों में
  • सचिन के स्पेशल रिकॉर्ड का 25वां जन्मदिन
  • जब सचिन ने जड़ा अपना पहला रणजी ट्रॉफी शतक
  • अभी हैं कारनामा करने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज
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नई दिल्ली:

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में इतने रिकॉर्ड बनाए हैं कि कोई भी इन रिकॉर्डों को गिनते-गिनते थक जाएगा. इतने रिकॉर्ड कि इन तमाम में से किसी को अगर आधे भी याद हों, तो यह बड़ी बात होगी! ऐसे रिकॉर्ड जिन्हें तोड़ना किसी के लिए भी एवरेस्ट पर चढ़ने से कम नहीं होगा. इनमें से एक रिकॉर्ड है शतकों के शतक का रिकॉर्ड. लेकिन वास्तव में सचिन ने इस रिकॉर्ड की आधारशिला सालों पहले रख दी थी और आज इस आधारशिला की 25वीं सालगिरह है. 

यूं तो इस रिकॉर्ड के मामले में सचिन से पहले किसी और भारतीय खिलाड़ी का नाम आता है, लेकिन तेंदुलकर का यह वह स्पेशल रिकॉर्ड है, जिसकी चर्चा कम होती है. क्रिकेटप्रेमी भी इस रिकॉर्ड के बारे में कम जानते हैं. लेकिन सोमवार का दिन खास इसीलिए है क्योंकि सचिन के इस रिकॉर्ड को बनाए हुए इस दिन पूरे पच्चीस साल हो गए. यह रिकॉर्ड साल 1988 में 11 दिसंबर के दिन ही बना था. 

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इस रिकॉर्ड को बनाने के समय सचिन की उम्र महज 15 साल और 231 दिन ही थी. यह सचिन तेंदुलकर का पहला प्रथम श्रेणी मैच था. मुंबई और गुजरात की टीमों के बीच यह रणजी ट्रॉफी मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था. लालचंद राजपूत इस मैच में मुंबई के कप्तान थे. स्कूली क्रिकेट में ऐतिहासिक प्रदर्शन की बदौलत सचिन को अपने रणजी ट्रॉफी करियर के आगाज का मौका मिला था. गुजरात के गेंदबाजों ने सचिन को बच्चा समझकर उनके हौसले व इरादों को डगमगाने की पूरी कोशिश की. 

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लेकिन गुजरात के छह गेंदबाज मिलकर भी सचिन को उनके पहले ही रणजी ट्रॉफी मुकाबले और सिर्फ 15 साल और 231 दिन की उम्र में पहला प्रथण श्रेणी शतक बनाने से नहीं ही रोक सके. इस शतक के साथ ही सचिन सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी शतक बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए. बता दें कि इस स्तर की क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक बनाने का रिकॉर्ड आज भी पंजाब के दिवंगत बल्लेबाज ध्रुव पांडोव के नाम पर है, जिन्होंने सिर्फ 14 साल और 293 दिन की उम्र में ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक ठोक दिया था. बहरहाल सचिन की जो फर्स्ट क्लास शतक यात्रा पच्चीस साल पहले शुरू हुई, उसमें सचिन ने बाद में 80 शतक और जोड़े. 

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले पांच भारतीय बल्लेबाज

 

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वैसे एक बाद सच है कि अगर सचिन तेंदुलकर आज भी इतने फिट हैं कि संन्यास लेने के करीब चार साल बाद अगर आज भी कोई प्रथम श्रेणी मैच खेलें, तो वह आज भी शतक बना सकने में सक्षम हैं.

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