भारत के खिलाफ श्रीलंका टीम के खराब प्रदर्शन के बाद सुमतिपाला निशाने पर हैं (फाइल फोटो)
कोलंबो:
श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष तिलंगा सुमतिपाला ने पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा द्वारा उनसे इस्तीफे की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि टीम के खराब प्रदर्शन के लिए प्रशासन कतई जिम्मेदार नहीं है.रणतुंगा ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पत्र लिखकर कहा है कि श्रीलंका क्रिकेट को ढर्रे पर लाने के लिये वे इस मामले में दखल दें. उन्होंने सुमतिपाला प्रशासन को बर्खास्त करके श्रीलंका क्रिकेट के संचालन के लिये अंतरिम समिति के गठन की मांग की. श्रीलंकाई टीम भारत से टेस्ट सीरीज 3-0 से हार गई और पांच मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 से पीछे है. टीम पर वनडे सीरीज में भी क्लीन स्वीप का खतरा मंडरा रहा है. यही नहीं, अगर टीम अगले दोनों वनडे मैच भी हार गई तो उसे वर्ल्डकप 2019 के लिये क्वालीफाइंग दौर से होकर जगह बनानी होगी.
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सुमतिपाला को 2016 में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन के पास श्रीलंका क्रिकेट को ढर्रे पर लाने के लिये दीर्घकालिक रणनीति है लेकिन इसके नतीजे आने में तीन-चार साल लगेंगे. महान क्रिकेटरों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने का मानना है कि श्रीलंका के प्रथम श्रेणी क्रिकेट ढांचे में बदलाव की जरूरत है क्योंकि इससे अच्छे खिलाड़ी नहीं निकल रहे हैं.
वीडियो : श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज जीती टीम इंडिया
गौरतलब है कि अर्जुन रणतुंगा इससे पहले वर्ष 2011 के क्रिेकेट वर्ल्डकप के फाइनल मैच के फिक्स होने का संदेह भी जता चुके हैं. इस वर्ल्डकप में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने श्रीलंका को हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था. श्रीलंका के इस 53 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा था, ‘मैं उस समय कमेंट्री के लिये भारत में था. जब हम हारे तो मैं काफी निराश था और मुझे आशंका थी. श्रीलंका के साथ वर्ल्डकप 2011 के फाइनल में जो कुछ हुआ हमें उसकी जरूर जांच करनी चाहिए.’उन्होंने तब किसी का नाम लिए बिना कहा था कि खिलाड़ी अपनी सफेद पोशाक के कारण गंदगी नहीं छिपा सकते. (इनपुट: भाषा)
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सुमतिपाला को 2016 में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन के पास श्रीलंका क्रिकेट को ढर्रे पर लाने के लिये दीर्घकालिक रणनीति है लेकिन इसके नतीजे आने में तीन-चार साल लगेंगे. महान क्रिकेटरों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने का मानना है कि श्रीलंका के प्रथम श्रेणी क्रिकेट ढांचे में बदलाव की जरूरत है क्योंकि इससे अच्छे खिलाड़ी नहीं निकल रहे हैं.
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गौरतलब है कि अर्जुन रणतुंगा इससे पहले वर्ष 2011 के क्रिेकेट वर्ल्डकप के फाइनल मैच के फिक्स होने का संदेह भी जता चुके हैं. इस वर्ल्डकप में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने श्रीलंका को हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था. श्रीलंका के इस 53 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा था, ‘मैं उस समय कमेंट्री के लिये भारत में था. जब हम हारे तो मैं काफी निराश था और मुझे आशंका थी. श्रीलंका के साथ वर्ल्डकप 2011 के फाइनल में जो कुछ हुआ हमें उसकी जरूर जांच करनी चाहिए.’उन्होंने तब किसी का नाम लिए बिना कहा था कि खिलाड़ी अपनी सफेद पोशाक के कारण गंदगी नहीं छिपा सकते. (इनपुट: भाषा)
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