
- टीम इंडिया के चयन में मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर फिटनेस, फॉर्म और भविष्य को प्राथमिकता देते हैं.
- फिटनेस को सबसे अहम माना जाता है क्योंकि खिलाड़ी को पूरे क्रिकेट सीजन में उपलब्ध रहना जरूरी होता है.
- फॉर्म यह तय करता है कि खिलाड़ी टीम में अपनी जगह बनाए रखेगा या नहीं और चयन में अहम भूमिका निभाता है.
Ajit Agarkar on Team India Selection Formula: टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर NDTV वर्ल्ड समिट की रौनक बनकर आए और विराट कोहली, रोहित शर्मा से लेकर मो. शमी के भविष्य और चयन पर भी खुलकर बातें कीं और कई राज़ खोले. इस दौरान अजीत अगरकर ने यह भी बताया कि आखिर किसी खिलाड़ी को 15 के स्क्वाड में जगह देने के लिए वो क्या देखते हैं. भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता की मानें तो टीम चुनने में 3-F, फिटनेस, फॉर्म और फ्यूचर को देखा जाता है. अजीत अगरकर ने कहा कि टीम चुनते वक्त खिलाड़ियों का फिटनेस सबसे अहम बात है. उन्होंने कहा कि फॉर्म का भी ख्याल रखना पड़ता है. जबकि, आधी आंख टीम के फ्यूचर पर भी रखनी पड़ती है.
टीम चयन का '3-F' फॉर्मूला
टीम इंडिया के चयन को लेकर अगरकर ने ये साफ किया कि चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट की सोच क्या है? अजीत ने साफ किया कि टीम चुनते वक्त खिलाड़ियों का फिटनेस सबसे अहम बात है. उन्होंने कहा कि फॉर्म का भी ख्याल रखना पड़ता है. जबकि, आधी आंख टीम के फ्यूचर पर भी रखनी पड़ती है. मतलब, Fitness, Form और Future (फिटनेस-फॉर्म और फ्यूचर) का ध्यान रखकर ही टीम का चयन किया जाता है.
अजीत अगरकर ने कहा,"मेरा मतलब है कि यह एक ऐसा सवाल है, जिसका उत्तर देने में पूरा दिन लग सकता है. जाहिर तौर पर फिटनेस. इन दिनों इतनी अधिक क्रिकेट होती है. साथ है कि आप सभी अब 2 महीने आईपीएल में खेलते हैं. कभी-कभी हमें वह समय मिलता था, जो अब छीन लिया गया है. तो आप व्यावहारिक रूप से साल में 10 से 11 महीने खेल रहे हैं. तो फिटनेस आपको यह बताती है कि यह प्राथमिक चीज़ है कि आदमी को उन 10 या 11 महीनों के लिए उपलब्ध रहने में सक्षम होना चाहिए जो हम खेलते हैं."
अगरकर ने आगे कहा कि फॉर्म तय करती है कि किसी खिलाड़ी को टीम में जगह मिलेगी या नहीं. अगरकर ने कहा,"फॉर्म तय करता है कि वह टीम में अपनी जगह बरकरार रखेगा या नहीं. और खिलाड़ी इसे जानता है. एक चयनकर्ता के तौर पर हमें उन्हें बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसके साथ ही आप अच्छी तरह से जानते हैं कि आप किन खिलाड़ियों को लंबी पारी देना चाहते हैं और हो सकता है कि किसी अन्य खिलाड़ी को उतनी लंबी पारी नहीं मिले. उन खिलाड़ियों के लिए फिर से एक निर्णय कॉल है, जो चयनकर्ताओं के पास आती है. जाहिर तौर पर आप कोच और कप्तान के साथ बहुत चर्चा करते हैं क्योंकि अंततः उन्हें आपके द्वारा चुनी गई टीम को चलाना होता है."
अगरकर ने कहा कि चयनकर्ताओं की एक नजर भविष्य पर भी होती है. अगरकर ने कहा,"आप जानते हैं कि आपको भविष्य पर एक नजर रखनी होगी. इसमें कोई दो राय नहीं है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप वर्तमान को भूल जाएं क्योंकि आपको हाथ में खेल जीतना है, लेकिन भविष्य पर नजर नहीं तो शायद आधी नजर है क्योंकि अंततः आपका काम अगले 3-4-5 सालों में भारतीय क्रिकेट को अच्छी स्थिति में छोड़ना है. अगले आदमी के लिए जो इसमें आता है, जब वह शुरू करेगा तो उसके लिए यह काम थोड़ा आसान होना चाहिए. तो लेकिन फॉर्म और फिटनेस महत्वपूर्ण हैं."
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