आर अश्विन विंडीज में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल कर रहे हैं..(फाइल फोटो)
सेंट लूसिया:
वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज में अपना दूसरा शतक जड़ने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि सेंट लूसिया टेस्ट में लगाया गया उनका शतक सीरीज का रुख तय कर सकता है. चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम 1-0 से आगे है. पहले मैच में भारत ने मेजबानों को पारी और 92 रनों से हराया था, जबकि दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था.
तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह ऐसी पिच नहीं थी जहां आप फ्रंटफुट पर आकर आसानी से खेलें. कल काफी मुश्किल दिन था और आज का दिन भी किसी तरह उससे अलग नहीं था. हमें उम्मीद है कि हम कल (गुरुवार) अच्छा प्रदर्शन करेंगे और मौकों का फायदा उठा पाएंगे."
अश्विन और साहा ने जल्द ही पांच विकेट गिरने के बाद मोर्चा संभाला था और 353 रनों तक पहुंचाने में काफी अहम भूमिका निभाई थी.
अश्विन ने कहा, "साहा ने अपने विचार सुबह ही बता दिए थे और उन्होंने कुछ अच्छे शॉट खेले. मेरे लिए यह जरूरी था कि मैं उनके साथ खड़ा रहूं क्योंकि विकेट पर जमना जरूरी था. हम जानते थे कि हम 50-60 रन ही दूर हैं इसलिए मेरी योजना काफी साफ थी."
उन्होंने कहा, "मैं जिस तरह से कल खेलने आया उसी तरह मैं आज आया था. मैं शरीर से दूर की गेंद को छोड़ना चाहता था और शरीर के पास की गेंद को खेलना चाहता था. यह शतक लगाने या अपने शॉट खेलने वाली बात नहीं थी. यह बल्लेबाजी के लिए समय देने और साझेदारी की बात थी."
अश्विन ने तीसरे टेस्ट में एक समय मुश्किल में दिख रही भारतीय टीम को अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से न सिर्फ संकट से उबारा बल्कि अपने टेस्ट करियर का चौथा शतक भी पूरा किया और टीम को मजबूत स्थिति में ले गए. अश्विन ने 118 रनों की पारी खेली और विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के साथ छठे विकेट के लिए 213 रनों की साझेदारी कर टीम को संकट से बाहर निकाला. साहा ने भी अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया. साहा ने 104 रनों की पारी खेली थी.
तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह ऐसी पिच नहीं थी जहां आप फ्रंटफुट पर आकर आसानी से खेलें. कल काफी मुश्किल दिन था और आज का दिन भी किसी तरह उससे अलग नहीं था. हमें उम्मीद है कि हम कल (गुरुवार) अच्छा प्रदर्शन करेंगे और मौकों का फायदा उठा पाएंगे."
अश्विन और साहा ने जल्द ही पांच विकेट गिरने के बाद मोर्चा संभाला था और 353 रनों तक पहुंचाने में काफी अहम भूमिका निभाई थी.
अश्विन ने कहा, "साहा ने अपने विचार सुबह ही बता दिए थे और उन्होंने कुछ अच्छे शॉट खेले. मेरे लिए यह जरूरी था कि मैं उनके साथ खड़ा रहूं क्योंकि विकेट पर जमना जरूरी था. हम जानते थे कि हम 50-60 रन ही दूर हैं इसलिए मेरी योजना काफी साफ थी."
उन्होंने कहा, "मैं जिस तरह से कल खेलने आया उसी तरह मैं आज आया था. मैं शरीर से दूर की गेंद को छोड़ना चाहता था और शरीर के पास की गेंद को खेलना चाहता था. यह शतक लगाने या अपने शॉट खेलने वाली बात नहीं थी. यह बल्लेबाजी के लिए समय देने और साझेदारी की बात थी."
अश्विन ने तीसरे टेस्ट में एक समय मुश्किल में दिख रही भारतीय टीम को अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से न सिर्फ संकट से उबारा बल्कि अपने टेस्ट करियर का चौथा शतक भी पूरा किया और टीम को मजबूत स्थिति में ले गए. अश्विन ने 118 रनों की पारी खेली और विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के साथ छठे विकेट के लिए 213 रनों की साझेदारी कर टीम को संकट से बाहर निकाला. साहा ने भी अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया. साहा ने 104 रनों की पारी खेली थी.
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