तिलन समरवीरा श्रीलंका के लिए 81 टेस्ट खेल चुके हैं (फाइल फोटो)
हैदराबाद:
बांग्लादेश टीम के बल्लेबाजी कोच और श्रीलंका टीम के पूर्व बल्लेबाज तिलन समरवीरा ने मुथैया मुरलीधरन और भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के गेंदबाजी कौशल के बीच किसी भी तरह की तुलना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि मुरलीधरन और अश्विन की तुलना नहीं की जा सकती है. उन्होंने श्रीलंकाई दिग्गज को ‘प्रतिभाशाली’ और भारतीय गेंदबाज को स्मार्ट क्रिकेटर करार दिया. गौरतलब है कि मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लिए जबकि अश्विन ने सबसे कम मैचों में 250 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
समरवीरा ने कहा, ‘वे दोनों ही अलग तरह के गेंदबाज हैं. मुरली प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे लेकिन अश्विन बेहद स्मार्ट हैं और उन्होंने अपना कौशल विकसित किया. उनके पास वैरिएशन है, वह अपनी लाइन व लेंथ बदल सकते हैं.’ श्रीलंका के मध्यक्रम का यह पूर्व बल्लेबाज भारतीयों का अपनी बल्लेबाजी की विरासत को अच्छी तरह से आगे बढ़ाने से प्रभावित है. उन्होंने कहा, ‘मैं विरासत में बहुत विश्वास करता हूं. सुनील गावस्कर ने मानदंड स्थापित किए और फिर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उनका पीछा किया. उन्होंने उच्च मानदंड स्थापित किए और अब विराट कोहली उनका पीछा कर रहे हैं. इसी तरह गेंदबाजी में अनिल कुंबले और हरभजन सिंह ने उच्च स्तर के मानदंड तय किये और अब अश्विन उनका पीछा कर रहे हैं. अगर वह सात-आठ साल और खेलते हैं फिट रहते हैं तो वह 600 से 800 विकेट तक ले सकते हैं.’गौरतलब है कि समरवीरा ने 81 टेस्ट मैचों में 48.76 के प्रभावी औसत से 5462 रन बनाए, इस दौरान 231 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. 14 शतक दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के नाम पर दर्ज हैं. 53 वनडे मैचों में भी समरवीरा ने श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया. समरवीरा ने अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच वर्ष 2013 में टेस्ट के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था.
समरवीरा ने कहा, ‘वे दोनों ही अलग तरह के गेंदबाज हैं. मुरली प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे लेकिन अश्विन बेहद स्मार्ट हैं और उन्होंने अपना कौशल विकसित किया. उनके पास वैरिएशन है, वह अपनी लाइन व लेंथ बदल सकते हैं.’ श्रीलंका के मध्यक्रम का यह पूर्व बल्लेबाज भारतीयों का अपनी बल्लेबाजी की विरासत को अच्छी तरह से आगे बढ़ाने से प्रभावित है. उन्होंने कहा, ‘मैं विरासत में बहुत विश्वास करता हूं. सुनील गावस्कर ने मानदंड स्थापित किए और फिर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उनका पीछा किया. उन्होंने उच्च मानदंड स्थापित किए और अब विराट कोहली उनका पीछा कर रहे हैं. इसी तरह गेंदबाजी में अनिल कुंबले और हरभजन सिंह ने उच्च स्तर के मानदंड तय किये और अब अश्विन उनका पीछा कर रहे हैं. अगर वह सात-आठ साल और खेलते हैं फिट रहते हैं तो वह 600 से 800 विकेट तक ले सकते हैं.’गौरतलब है कि समरवीरा ने 81 टेस्ट मैचों में 48.76 के प्रभावी औसत से 5462 रन बनाए, इस दौरान 231 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. 14 शतक दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के नाम पर दर्ज हैं. 53 वनडे मैचों में भी समरवीरा ने श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया. समरवीरा ने अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच वर्ष 2013 में टेस्ट के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था.
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