IPL 2017 : पहले मैच में एमएस धोनी से एक कैच भी छूटा और बल्ला भी नहीं चला (फोटो : BCCI)
नई दिल्ली:
वैसे तो एमएस धोनी का बल्ला कप्तानी छोड़ने के बाद से इंटरनेशनल और घरेलू दोनों स्तरों पर चला है. उन्होंने कुछ शतक और फिफ्टी लगाई हैं, लेकिन आईपीएल के पहले ही मैच में उनके बल्ले से गेंद बाउंड्री की ओर उस अंदाज में जाती नहीं दिखी, जिसके लिए वह जाने जाते हैं. और हां वह फिनिशिंग टच देने में भी नाकामयाब होते दिखे. आईपीएल के पिछले 9 सीजनों में हमेशा कप्तान के रूप में खेले धोनी निश्चित रूप से कप्तानी छूट जाने के बाद प्रदर्शन को लेकर दबाव में होंगे, लेकिन उनकी इस स्थिति का उनकी टीम के नए कप्तान बने कंगारू बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने खूब फायदा उठाया...
मुंबई इंडियन्स और राइजिंग पुणे सुपरजायन्ट्स के बीच खेला गया आईपीएल का मैच वैसे ही रोमांचक मोड़ में पहुंच गया था, जिसके लिए फटाफट क्रिकेट जाना जाता है. उस समय क्रीज पर थे एमएस धोनी और स्टीव स्मिथ. जाहिर है दुनिया के बेस्ट फिनिशर धोनी के रहते सबको उम्मीद थी कि वह मैच निकाल ही लेंगे, लेकिन उनके बल्ले से दो गेंदों में बाउंड्री निकली ही नहीं. इतने में कप्तान स्मिथ ने मौका देखकर छक्के लगा दिए और धोनी की फिनिशर वाली छवि को अपने खाते में जोड़कर यह बता दिया कि उन्हें पुणे के मालिकों ने क्यों कप्तान चुना है, वहीं धोनी दूसरे छोर पर खड़े यह सब देखते रहे और स्मिथ को सराहते रहे...
वास्तव में एक समय हावी दिख रही धोनी की पुणे की टीम 20वें ओवर तक पहुंचते-पहुंचते दबाव में आ गई. उसे अंतिम ओवर में 13 रन चाहिए थे. यह ओवर वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कीरन पोलार्ड डाल रहे थे, जो गेंदबाजी में मिश्रण के लिए जाने जाते हैं.
पोलार्ड ने पहली गेंद एमएस धोनी को डाली, जो शॉर्ट और धीमी थी. धोनी ने पुल करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए और एक रन ही संतोष करना पड़ा. अब तक धोनी 11 गेंदों में 11 रन बना चुके थे. दूसरी गेंद स्मिथ ने खेली और सिंगल लिया. धोनी के पास एक बार फिर स्ट्राइक आई, लेकिन वह सिंग ही ले सके. जरूरत तीन गेंदों पर 10 रनों की थी. फिर अगली दो गेंदो पर स्मिथ ने वह किया, जिसके लिए धोनी जाने जाते हैं. स्मिथ पोलार्ड को लॉन्गऑन और मिडविकेट पर लगातार दो छक्के जड़ते हुए एक गेंद बाकी रहते ही जीत दिला दी.
मुंबई इंडियन्स और राइजिंग पुणे सुपरजायन्ट्स के बीच खेला गया आईपीएल का मैच वैसे ही रोमांचक मोड़ में पहुंच गया था, जिसके लिए फटाफट क्रिकेट जाना जाता है. उस समय क्रीज पर थे एमएस धोनी और स्टीव स्मिथ. जाहिर है दुनिया के बेस्ट फिनिशर धोनी के रहते सबको उम्मीद थी कि वह मैच निकाल ही लेंगे, लेकिन उनके बल्ले से दो गेंदों में बाउंड्री निकली ही नहीं. इतने में कप्तान स्मिथ ने मौका देखकर छक्के लगा दिए और धोनी की फिनिशर वाली छवि को अपने खाते में जोड़कर यह बता दिया कि उन्हें पुणे के मालिकों ने क्यों कप्तान चुना है, वहीं धोनी दूसरे छोर पर खड़े यह सब देखते रहे और स्मिथ को सराहते रहे...
वास्तव में एक समय हावी दिख रही धोनी की पुणे की टीम 20वें ओवर तक पहुंचते-पहुंचते दबाव में आ गई. उसे अंतिम ओवर में 13 रन चाहिए थे. यह ओवर वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कीरन पोलार्ड डाल रहे थे, जो गेंदबाजी में मिश्रण के लिए जाने जाते हैं.
पोलार्ड ने पहली गेंद एमएस धोनी को डाली, जो शॉर्ट और धीमी थी. धोनी ने पुल करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए और एक रन ही संतोष करना पड़ा. अब तक धोनी 11 गेंदों में 11 रन बना चुके थे. दूसरी गेंद स्मिथ ने खेली और सिंगल लिया. धोनी के पास एक बार फिर स्ट्राइक आई, लेकिन वह सिंग ही ले सके. जरूरत तीन गेंदों पर 10 रनों की थी. फिर अगली दो गेंदो पर स्मिथ ने वह किया, जिसके लिए धोनी जाने जाते हैं. स्मिथ पोलार्ड को लॉन्गऑन और मिडविकेट पर लगातार दो छक्के जड़ते हुए एक गेंद बाकी रहते ही जीत दिला दी.
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