मोहम्मद शमी को बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की सूची में शामिल किया जा सकता है.
नई दिल्ली:
खबरों की माने तो जल्दी ही भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की सूची में शामिल किया जा सकता है. खबरों के मुताबिक बीसीसीआई एंटी करप्शन युनिट के चीफ़ नीरज कुमार ने बोर्ड के कोड ऑफ़ एथिक्स को देखते हुए उन्हें किसी भी तरह की फ़िक्सिंग के आरोप से मुक्त कर दिया है और जहां तक घरेलू हिंसा का मामला है बीसीसीआई ने साफ़ किया है कि वो पुलिस का मामला है. आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने साफ़ किया है कि अगर रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट मिली तो वो आईपीएल खेल सकते हैं, अगर नहीं तो वो नहीं खेल सकते.
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आपको एक बार फिर से ध्यान दिला दें कि इस तेज गेंदबाज के खिलाफ पत्नी हसीन जहां ने धारा 307 (हत्या की कोशिश का आरोप), 498 ए (घरेलू हिंसा), 506 (आपराधिक धमकी), 328 (जहर के जरिए नुकसान पहुंचाना), 34 (कई लोगों द्वारा किसी अपराध को अंजाम देने के लिए साझा साजिश) और 376 (बलात्कार) की धाराओं सहित कुल सात मामले शमी के खिलाफ दर्ज कराए हैं. शनिवार को ही हसीन ने कोलाकता स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय जाकर पुलिस को मामले से जुड़े सारे सबूत सौंपे. साथ ही, उन्होंने पुलिस के समक्ष अपना बयान भी दर्ज कराया.
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बहरहाल अब शमी ने कहा है कि अगर यह मामला बातचीत के जरिए सुलझ सकता है, तो इससे बेहतर दूसरी बात कोई और नहीं है. इस तेज गेंदबाज ने यह भी कहा कि वह इस मामले को सुलझाने के लिए कोलकाता भी जाने को तैयार हैं. केवल मामले का निपटान ही हम दोनों और हमारी बेटी के लिए बेहतर होगा.
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शमी ने कहा कि वह अपनी बेटी आयरा की भलाई के लिए हसीन के साथ मामला खत्म करने को राजी हैं. उन्होंने कि हसीन जब भी चाहेगी, वह उससे बातचीत करने के लिए कोलकाता जाऊंगा. मैं उससे बात करने के लिए तैयार हूं. ध्यान दिला दें कि इस विवाद के बाद बीसीसीआई ने शमी को सालना अनुबंध प्रदान नहीं किया था, तो वहीं दिल्ली डेयर डेविल्स प्रबंधन भी उनके बारे में कोई निर्णय लेने के लिए बोर्ड से कानूनी सलाह के जवाब की बाट जोह रहा था. अब इन्हीं दोनों के असर ने शमी पर दबाव बनाया है.
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आपको एक बार फिर से ध्यान दिला दें कि इस तेज गेंदबाज के खिलाफ पत्नी हसीन जहां ने धारा 307 (हत्या की कोशिश का आरोप), 498 ए (घरेलू हिंसा), 506 (आपराधिक धमकी), 328 (जहर के जरिए नुकसान पहुंचाना), 34 (कई लोगों द्वारा किसी अपराध को अंजाम देने के लिए साझा साजिश) और 376 (बलात्कार) की धाराओं सहित कुल सात मामले शमी के खिलाफ दर्ज कराए हैं. शनिवार को ही हसीन ने कोलाकता स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय जाकर पुलिस को मामले से जुड़े सारे सबूत सौंपे. साथ ही, उन्होंने पुलिस के समक्ष अपना बयान भी दर्ज कराया.
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बहरहाल अब शमी ने कहा है कि अगर यह मामला बातचीत के जरिए सुलझ सकता है, तो इससे बेहतर दूसरी बात कोई और नहीं है. इस तेज गेंदबाज ने यह भी कहा कि वह इस मामले को सुलझाने के लिए कोलकाता भी जाने को तैयार हैं. केवल मामले का निपटान ही हम दोनों और हमारी बेटी के लिए बेहतर होगा.
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