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This Article is From Dec 01, 2016

कैफ-युवी : नैटवेस्ट ट्रॉफी की ऐतिहासिक जीत, सचिन के आउट होते ही सहम गए सब, पर इन्हें था भरोसा...

कैफ-युवी : नैटवेस्ट ट्रॉफी की ऐतिहासिक जीत, सचिन के आउट होते ही सहम गए सब, पर इन्हें था भरोसा...
मोहम्मद कैफ युवी की शादी में भी पहुंचे...
नई दिल्ली: साल 2002, तारीख 13 जुलाई. इस दिन क्रिकेट का 'मक्का' कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया था. सौरव गांगुली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने असंभव से लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान इंग्लैंड के हाथों से नेटवेस्ट ट्रॉफी आखिरी पलों में छीन ली थी. पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा कैसे संभव हो पाया. यदि नहीं, तो हम आपको बता रहे हैं. इस जीत में टीम के दो युवा बल्लेबाजों ने पहली बार अपनी अमिट छाप छोड़ी थी. इससे पहले दोनों को अच्छी फील्डर के रूप में अधिक जाना जाता था, लेकिन इस फाइनल के बाद दोनों ने खुद को टीम में स्थापित कर लिया. यह दो बल्लेबाज थे मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह. संयोग देखिए जहां कैफ जन्मदिन मना रहे हैं, वहीं युवी शादी के जश्न में हैं और हां, कैफ युवी को बधाई देने भी पहुंचे. हो भी क्यों न दोनों ने जूनियर लेवल से ही साथ-साथ काफी क्रिकेट खेला है और गहरे मित्र भी हैं. हम आपको इस मौके पर इन दोनों की जुगलबंदी वाली उस पारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने इन्हें टीम में पक्की जगह दिलाई...  

1 दिसंबर, 1980 को जन्मे मोहम्मद कैफ ने साल 2000 में अंडर-19 टीम इंडिया को बतौर कप्तान वर्ल्ड कप जिताया था. इस टीम में युवराज सिंह भी थे और टूर्नामेंट जिताने में उनकी भी अहम भूमिका रही थी. कैफ और युवराज की गिनती भारत के टॉप फील्डर्स में है. हालांकि दोनों ही वर्तमान में टीम इंडिया में शामिल नहीं हैं. जहां कैफ अब टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद छोड़ चुके हैं, वहीं युवराज अब भी चयन का दावा ठोक रहे हैं.

भारतीय क्रिकेट इतिहास में विदेशी धरती पर मिली सबसे शानदार जीतों में शुमार की जाने वाली नैटवेस्ट ट्रॉफी अगर किसी ने दिलाई, तो वह थे मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह. इंग्लैंड की ओर से फाइनल में रखे गए 325 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेहद शानदार रही थी, लेकिन 15 ओवर में बिना किसी नुकसान के 106 रन बना लेने वाली टीम इंडिया के 24वें ओवर तक 146 रन पर 5 विकेट गिर गए थे. सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद नंबर 7 पर मोहम्मद कैफ उतरे और साथ थे युवराज सिंह. दोनों ही युवा और नए थे. सचिन के जाते ही सबने मान लिया कि अब मैच हाथ से गया और टीम एक और फाइनल हारने जा रही है, लेकिन कैफ और युवी ने कुछ और ही ठान रखा था.

हथियार यूं ही नहीं डाल देने का दृष्टिकोण...
मोहम्मद कैफ ने कहा था कि उन्हें कभी हथियार नहीं डालने के दृष्टिकोण से संबल मिला और हां जीत के प्रति उनमें भूख भी थी. उनके अनुसार युवराज के साथ उन्होंने काफी क्रिकेट खेला था और एक-दूसरे को समझते थे. इससे भी उन्हें मदद मिली.
फिर क्या था दोनों ने इतिहास रचने की ओर कदम बढ़ा दिए. दोनों ने 6.84 के रनरेट से 121 रन जोड़े और इंग्लैंड के हर गेंदबाज की जमकर पिटाई की. युवराज सिंह 63 गेंदों में 69 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन कैफ ने सफर जारी रखा. उन्होंने युवी के बाद हरभजन के साथ भी 47 रन जोड़े. टीम इंडिया के 9 विकेट गिर गए थे, लेकिन कैफ ने हार नहीं मानी और अंतिम विकेट के लिए जहीर खान के साथ 12 की साझेदारी करते हुए जीत दिला दी. अंतिम ओवर में जीत के लिए 2 रन चाहिए थे, जो जहीर के बल्ले से निकले. कैफ 75 गेंदों में 87 रन बनाकर नाबाद लौटे और 6 चौके व 2 छक्के लगाए.
 
लॉर्ड्स में ऐतिहासिक जीत के बाद कप्तान सौरव गांगुली ने कुछ इस तरह जश्न मनाया था (फाइल फोटो)

वर्ष 2002 में टीम इंडिया के लिए खेलना शुरू करने वाले कैफ ने बल्लेबाज के साथ-साथ एक शानदार फील्डर के रूप में भी नाम कमाया, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा दिन नहीं चल पाया. 2006 वह आखिरी साल था, जब वह टीम इंडिया के लिए खेले, लेकिन उसके बाद वह टीम में कभी चुने नहीं गए. कैफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 एक-दिवसीय मैच खेले हैं. कैफ ने राजनीति में भी किस्मत आजमाई, लेकिन सफल नहीं हो पाए. 2014 में उन्होंने उत्तरप्रदेश की फूलपुर सीट से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए.

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कैफ ने पूरे किए 10,000 रन...
छत्तीसगढ़ की कप्तानी करते हुए कैफ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10,000 रन पूरे किए हैं. इस मैच के शुरू होने से पहले कैफ को इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए 26 रन की ज़रूरत थी, और कैफ मैच में 27 रन बनाने में कामयाब रहे. कैफ ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 182 मैच खेलकर करीब 40 के औसत से 10,093 रन बनाए हैं, जिनमें 19 शतक और 58 फिफ्टी शामिल हैं.

युवराज ने हेजल से की शादी, कैफ भी पहुंचे
जहां कैफ जन्मदिन मना रहे हैं, वहीं युवराज ने हेजल कीच से बुधवार को शादी की है. दोनों के लिए जश्न का अवसर है. कैफ ने युवराज की शादी में शामिल होकर उन्हें बधाई दी और इस अवसर की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की. दोनों की दोस्ती को इसी से समझ सकते हैं कि उन्होंने लिखा, 'मेरे यार की शादी है...'
 
कैफ ने जर्नलिस्ट को बनाया हमसफर
मोहम्मद कौफ ने 2011 में नोएडा की जर्नलिस्ट पूजा यादव से शादी की थी. लगभग 4 साल की डेटिंग के बाद इस कपल ने शादी का फैसला किया था.

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