कराची:
आलोचनाओं से घिरे पाकिस्तानी कप्तान मिसबाह-उल-हक ने साफ किया कि वह कप्तानी गंवाने से चिंतित नहीं हैं और किसी भी तरह राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं।
मिसबाह ने जोर दिया कि पाकिस्तानी टीम के निचली रैंकिंग पर काबिज जिम्बाब्वे से हरारे में दूसरे टेस्ट में हारने के बाद दो मैचों की शृंखला में 1-1 बराबरी के बाद आई प्रतिक्रियाओं से वह दबाव में नहीं हैं। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी की काफी आलोचना हो रही है।
पाकिस्तानी घरेलू टी20 चैम्पियन फैसलाबाद वोल्व्स के चैम्पियंस लीग टी20 में निराशाजनक अभियान के बाद मिसबाह ने भारत से लाहौर पहुंचने के बाद कहा, मैंने कभी भी कप्तानी के लिए नहीं कहा और न ही इसकी मांग की। अब भी कप्तानी के मुद्दे पर फैसला करना पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड का काम है। वे जो कुछ भी फैसला करते हैं, मुझे स्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा, मुझे राष्ट्रीय टीम की कप्तानी के लिए कहा गया और मेरे लिए ऐसा करना सम्मान की बात थी तथा मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया है। इसलिए मैं कोई दबाव नहीं ले रहा हूं। बोर्ड जो भी फैसला करता है, मैं उसे स्वीकार करूंगा।
मिसबाह ने जोर दिया कि पाकिस्तानी टीम के निचली रैंकिंग पर काबिज जिम्बाब्वे से हरारे में दूसरे टेस्ट में हारने के बाद दो मैचों की शृंखला में 1-1 बराबरी के बाद आई प्रतिक्रियाओं से वह दबाव में नहीं हैं। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी की काफी आलोचना हो रही है।
पाकिस्तानी घरेलू टी20 चैम्पियन फैसलाबाद वोल्व्स के चैम्पियंस लीग टी20 में निराशाजनक अभियान के बाद मिसबाह ने भारत से लाहौर पहुंचने के बाद कहा, मैंने कभी भी कप्तानी के लिए नहीं कहा और न ही इसकी मांग की। अब भी कप्तानी के मुद्दे पर फैसला करना पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड का काम है। वे जो कुछ भी फैसला करते हैं, मुझे स्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा, मुझे राष्ट्रीय टीम की कप्तानी के लिए कहा गया और मेरे लिए ऐसा करना सम्मान की बात थी तथा मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया है। इसलिए मैं कोई दबाव नहीं ले रहा हूं। बोर्ड जो भी फैसला करता है, मैं उसे स्वीकार करूंगा।
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