पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान मिस्बाह उल हक वर्ल्ड कप के बाद वन-डे क्रिकेट और टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। हालांकि पाकिस्तान के सबसे लंबे समय तक कप्तान रहे मिस्बाह उल हक टेस्ट क्रिकेट खेलते रहेंगे।
मिस्बाह उल हक ने पाकिस्तानी मीडिया से कहा है, “मैंने काफी सोच विचार कर वन-डे क्रिकेट से संन्यास लेने का फ़ैसला लिया है, 2015 का वर्ल्ड कप मेरा अंतिम वन-डे टूर्नामेंट होगा।”
मिस्बाह उल हक का वन-डे करियर 2002 में शुरू हुआ था। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से अब तक 153 वन-डे मैचों में 42.83 की औसत से 4,669 रन बनाए हैं। वर्ल्ड कप में उनके सामने वन-डे क्रिकेट में पांच हजार रन पूरे करने का मौका होगा।
करीब 12 साल के वन-डे करियर में शाहिद आफरीदी के नाम एक दुर्भाग्यपूर्ण रिकॉर्ड से भी जुड़ा है टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ होने के बावजूद वह वन-डे क्रिकेट में अब तक कोई शतक नहीं बना पाए हैं। आफ़रीदी के नाम बिना किसी शतक के सबसे ज़्यादा वन-डे रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड है।
मिस्बाह उल हक को साल 2010 में पाकिस्तान का कप्तान बनाया गया। तब पाकिस्तानी क्रिकेट फिक्सिंग के साये में डूबा हुआ था, लेकिन मिस्बाह उल हक ने बड़ी जिम्मेदारी से पाकिस्तानी क्रिकेट की कमान को संभाले रखा। उन्होंने 78 वन-डे मैचों में पाकिस्तान की कप्तानी की। इन मैचों में 50 फीसदी से ज्यादा मैचों में उन्होंने पाकिस्तान को जीत दिलाई है। मिस्बाह की कप्तानी में पाकिस्तान ने 41 वन-डे मैच जीते और 34 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है।
इस दौरान मिस्बाह ने 39 टी-20 मैच खेले और उसमें 788 रन बनाए। मिस्बाह उल हक ने अब तक 53 टेस्ट मैच खेले हैं। 53 टेस्ट मैचों में मिस्बाह ने 3736 रन बनाए हैं। इसमें 33 टेस्ट मैचों में उन्होंने पाकिस्तान की कप्तानी भी की है।
40 साल के मिस्बाह उल हक पाकिस्तान के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान भी हैं। अबूधाबी में नवंबर, 2014 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मिली जीत मिस्बाह उल हक की कप्तानी में 15वीं टेस्ट जीत थी। इस जीत के साथ उन्होंने जावेद मियांदाद और इमरान ख़ान को भी कामयाबी के लिहाज से पीछे छोड़ दिया।
मिस्बाह उल हक से पहले पाकिस्तान के जोरदार ऑलराउंडर शाहिद आफ़रीदी भी वर्ल्ड कप के बाद वन-डे क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं।
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