छलांग लगाते धोनी
भारत के वनडे और टी20 क्रिकेट के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों सेना के साथ वक्त गुजार रहे हैं और पैराजंपिंग की ट्रनिंग ले रहे हैं। बुधवार सुबह उन्होंने ट्रेनिंग के बाद अपनी पहली छलांग लगाई। धोनी ने सुबह 7 बजे एएन-32 विमान से 1250 फीट की ऊंचाई से देसी पैराशूट के सहारे छलांग लगाई। उन्हें आसमान से जमीन पर आने में करीब 70 सेकंड का समय लगा। माही अभी ऐसी चार छलांगे और लगाएंगे, जिनमें से एक छलांग उन्हें रात में लगानी होगी।
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गौरतलब है कि भारतीय वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सेना की पैरा रेजीमेंट के साथ दो सप्ताह का शुरुआती प्रशिक्षण ले रहे हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित धोनी ने प्रशिक्षण लेने के लिए खुद ही सेना को लिखा था। इसके तहत उन्हें आगरा स्थित पैरा प्रशिक्षण स्कूल (पीटीएस) में पैराग्लाइडिंग तथा स्काई डाइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। धोनी का यह प्रशिक्षण शुक्रवार तक खत्म हो जाएगा।
गौरतलब है कि धोनी को 2011 में पैराशूट रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान खेलों के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान और विभिन्न अवसरों पर सेना के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता के लिए दिया गया था।
मानद पद मिलने के बाद धोनी ने कहा था, 'यह वास्तविक सम्मान है, क्योंकि मैं हमेशा भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहता था। जब मैं बच्चा था तो सेना से जुड़ना चाहता था। अब मुझे यह वर्दी पहनने को मिल गई है, तो मेरा सपना सच हो गया है।' इसके बाद धोनी ने कई बार कहा है कि खेल से विदा लेने के बाद वह निश्चित तौर पर सेना में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने आगरा पहुंचने पर यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वे देश के लिए लड़ने के लिये भी तैयार हैं।
सेना के अधिकारियों का मानना है कि धोनी के इस कदम से कई युवा प्रेरणा लेंगे। अधिकारियों के मुताबिक धोनी के लिए ना तो कमांडो ट्रेनिंग जरूरी है और न ही छलांग, लेकिन उन्होंने खुद अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है।
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गौरतलब है कि भारतीय वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सेना की पैरा रेजीमेंट के साथ दो सप्ताह का शुरुआती प्रशिक्षण ले रहे हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित धोनी ने प्रशिक्षण लेने के लिए खुद ही सेना को लिखा था। इसके तहत उन्हें आगरा स्थित पैरा प्रशिक्षण स्कूल (पीटीएस) में पैराग्लाइडिंग तथा स्काई डाइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। धोनी का यह प्रशिक्षण शुक्रवार तक खत्म हो जाएगा।
गौरतलब है कि धोनी को 2011 में पैराशूट रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान खेलों के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान और विभिन्न अवसरों पर सेना के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता के लिए दिया गया था।
मानद पद मिलने के बाद धोनी ने कहा था, 'यह वास्तविक सम्मान है, क्योंकि मैं हमेशा भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहता था। जब मैं बच्चा था तो सेना से जुड़ना चाहता था। अब मुझे यह वर्दी पहनने को मिल गई है, तो मेरा सपना सच हो गया है।' इसके बाद धोनी ने कई बार कहा है कि खेल से विदा लेने के बाद वह निश्चित तौर पर सेना में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने आगरा पहुंचने पर यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वे देश के लिए लड़ने के लिये भी तैयार हैं।
सेना के अधिकारियों का मानना है कि धोनी के इस कदम से कई युवा प्रेरणा लेंगे। अधिकारियों के मुताबिक धोनी के लिए ना तो कमांडो ट्रेनिंग जरूरी है और न ही छलांग, लेकिन उन्होंने खुद अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है।
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