टीम इंडिया के ज़िम्बाब्वे दौरे पर प्लानिंग की कमी?

टीम इंडिया के ज़िम्बाब्वे दौरे पर प्लानिंग की कमी?

अजिंक्‍या रहाणे की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

1982 में रिलीज़ हुई मशहूर फ़िल्म 'सत्ते पे सत्ता' तो आपको याद ही होगी। सात भाइयों की ये कहानी बॉक्स ऑफ़िस पर सुपर हिट हुई। इस फ़िल्म में ये सातों भाई तब तक ख़ुशी-ख़ुशी रहे जब तक कहानी में ट्विस्ट नहीं आ गया।

टीम इंडिया की कहानी में भी पिछले दिनों ट्विस्ट आया है। बांग्लादेश से पहली बार वनडे सीरीज़ हारने के बाद टीम-इंडिया के सात बड़े खिलाड़ियों को ज़िम्बाब्वे दौरे से छुट्टी मिली है। लेकिन सवाल ये है कि ये फ़ैसला ठीक बॉलीवुड की कहानी जैसा अंत लाएगा या फ़िल्म फ़्लॉप हो जाएगी।

युवाओं की सीरीज़?
चयनकर्ताओं ने इस टीम में रॉबिन उथप्पा, केदार जाधव और अम्बाटी रायुडू को चुना है। ये सभी हाशिए पर खड़े बल्लेबाज़ हैं जिन्हें युवा नहीं कहा जा सकता। ऐसे में क्या ये वाक़ई युवाओं की सीरीज़ साबित होगी?

कहां हैं तेज़ गेंदबाज़?
बांग्लादेश दौरे पर सबसे ज़्यादा आलोचना भारत के तेज़ गेंदबाज़ों की हुई। आलम ये था कि बांग्लादेश के तेज़ गेंदबाज़ भारत पर बुरी तरह हावी हो रहे थे। लेकिन ज़िम्बाब्वे दौरे पर भी टीम इंडिया में मीडियम पेसर्स ही मौजूद हैं। क्या इस सीरीज़ के दौरान भी भारतीय गेंदबाज़ अपना जादू चला पाएंगे?

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थक गए हैं धोनी?
लेकिन इस कहानी का सबसे बड़ा सवाल है: कहानी के नायक एमएस धोनी। पिछले साल टेस्ट क्रिकेट छोड़ने वाले माही के लिए अब ये वक़्त वनडे पर फ़ोकस करने का था। लेकिन वर्ल्ड कप और बांग्लादेश दौरे के बाद उन्होंने आराम करना बेहतर समझा। इस सबके बीच अजिंक्य रहाणे के लिए कप्तानी का ये सरप्राइज कितना बड़ा चैलेंज साबित होगा ये जल्द ही पता चल जाएगा।