खास बातें
- इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन 41 रन के लक्ष्य को तीन विकेट गंवाकर हासिल करते हुए चार मैचों की शृंखला में 2-1 की अजेय बढ़त बना ली।
कोलकाता: इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन 41 रन के लक्ष्य को तीन विकेट गंवाकर हासिल करते हुए चार मैचों की शृंखला में 2-1 की अजेय बढ़त बना ली।
भारत को घरेलू सरजमीं पर लगातार दूसरी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। सुबह नौ विकेट पर 239 रन से खेलने उतरी भारतीय पारी दिन के दूसरे ओवर में ही 247 रन पर सिमट गई। टीम ने सिर्फ 10 गेंद में आठ जोड़कर अपना अंतिम विकेट भी गंवा दिया। भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन ने सर्वाधिक नाबाद 91 रन बनाए।
अश्विन ने काफी धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और वह अपने दूसरे टेस्ट शतक की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन दूसरे छोर पर अन्य बल्लेबाज उनका बखूबी साथ नहीं निभा पाए। इंग्लैंड की ओर से जेम्स एंडरसन ने 38, जबकि फिन ने 45 रन देकर तीन-तीन विकेट चटकाए। ग्रीम स्वान ने दो, जबकि मोंटी पनेसर ने एक विकेट हासिल किया।
भारत ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 523 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। पहली पारी में 207 रन की बढ़त हासिल करने वाले इंग्लैंड को इस तरह जीत के लिए सिर्फ 41 रन का लक्ष्य मिला। इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने आठ रन तक ही कप्तान एलिस्टेयर कुक (1), जोनाथन ट्राट (3) और केविन पीटरसन (0) के विकेट गंवा दिए थे।
इयान बेल (नाबाद 28) और सलामी बल्लेबाज निक काम्पटन (नाबाद 9) ने इसके बाद टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया। इंग्लैंड ने इसके साथ ही 28 साल में भारत में पहली शृंखला जीतने की ओर मजबूत कदम बढ़ाए। इंग्लैंड ने भारत में पिछली शृंखला 1984-85 में जीती थी, जब डेविड गावर की अगुवाई वाली टीम ने 2-1 से शृंखला अपने नाम की थी।
दूसरी तरफ, भारत ने 1999-2000 सत्र के बाद अपनी सरजमीं पर पहली बार लगातार दो टेस्ट मैच गंवाए हैं। तब दक्षिण अफ्रीका ने भारत को मुंबई और बेंगलुरु में हराकर दो टेस्ट मैचों की शृंखला 2-0 से जीती थी। भारत को इससे पहले मुंबई में दूसरे टेस्ट में भी 10 विकेट की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। मुंबई और कोलकाता दोनों जगह भारतीय बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों नाकाम रहे, जिससे कुछ खिलाड़ियों को बदलने की मांग तेज हो गई है।
दोनों टीमें अब शृंखला के चौथे और अंतिम टेस्ट के लिए नागपुर रवाना होंगी। यह टेस्ट 13 दिसंबर से खेला जाएगा। इंग्लैंड को भारतीय सरजमीं पर शृंखला में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए सिर्फ अंतिम टेस्ट में ड्रॉ की जरूरत है, जबकि भारत को अगर शृंखला में हार से बचना है, तो इस टेस्ट में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
भारत ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में सिर्फ अश्विन और प्रज्ञान ओझा की स्पिन जोड़ी से गेंदबाजी कराई और उसे शुरुआती सफलता भी मिली, लेकिन इसके बाद इंग्लैंड ने लक्ष्य को हासिल कर लिया। अश्विन ने पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर ही कुक को पैवेलियन भेज दिया, जो इस ऑफ स्पिनर की गेंद को आगे बढ़कर खेलने की कोशिश में स्टंप हो गए। इंग्लैंड का कप्तान काफी आगे निकल आया था और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने उनके स्टंप उखाड़ने में कोई गलती नहीं की।
ओझा ने इसके बाद ट्राट को पगबाधा आउट किया, जबकि अश्विन ने पीटरसन को धोनी के हाथों कैच कराया, जिससे इंग्लैंड का स्कोर तीन विकेट पर आठ रन हो गया। बेल और काम्पटन ने हालांकि इसके बाद 33 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को जीत दिला दी। बेल ने स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी की और 28 गेंद की अपनी पारी में चार चौके जड़े। भारत की ओर से अश्विन ने 31 रन देकर दो, जबकि ओझा ने 10 रन देकर एक विकेट चटकाया।
इससे पहले अश्विन ने अपनी पारी को 83 रन से आगे बढ़ाया और स्टीवन फिन के दिन के पहले ओवर की अंतिम दो गेंदों पर दो चौके जड़कर अपना स्कोर 90 रन के पार पहुंचाया। जेम्स एंडरसन ने हालांकि अगले ओवर की चौथी गेंद पर ही प्रज्ञान ओझा (3) को बोल्ड करके भारतीय पारी का अंत किया। अश्विन ने अपनी नाबाद पारी के दौरान 157 गेंद का सामना करते हुए 15 चौके जड़े। अश्विन ने इशांत शर्मा (10) के साथ नौवें विकेट के लिए 38 और ओझा के साथ अंतिम विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी करके भारत को पारी की हार से बचाया, जिसने सिर्फ 159 रन आठ विकेट गंवा दिए थे।