दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते हुए युवराज सिंह
नई दिल्ली:
'अपने घर में बिल्ली भी शेर होती है', कहावत पुरानी है, लेकिन दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम पर फिट नहीं बैठ रही, क्योंकि बिल्ली भले ही शेर हो जाए, लेकिन दिल्ली नहीं हो पा रही।
अपने घर में दिल्ली ने आखिरी जीत 21 अप्रैल 2013, यानी पूरे दो साल पहले मुंबई इंडियंस को नौ विकेट से हरा कर पाई थी, जिसमें वीरेन्द्र सहवाग ने 95* रनों की पारी खेली थी।
कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मिली हार फिरोजशाह कोटला में खेलते दिल्ली की लगातार 9वीं हार है। इतना खराब रिकॉर्ड अपने घर में खेलते हुए इससे पहले सिर्फ़ डेक्कन चार्जर्स का था, जो अपने घर हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम (उप्पल) में लगातार आठ मैच हारा था।
हर साल दिल्ली करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाकर नई टीम खड़ी करती है, लेकिन नतीजे बिलकुल नहीं बदलते। दिल्ली ने इस बार भी पूरी टीम बदली है और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी को खरीदने के लिए टीम ने 16 करोड़ रुपये तक खर्च कर दिए, लेकिन टीम है कि जीतने का फॉर्मूला खोज ही नहीं पर रही।
अपने घर में दिल्ली ने आखिरी जीत 21 अप्रैल 2013, यानी पूरे दो साल पहले मुंबई इंडियंस को नौ विकेट से हरा कर पाई थी, जिसमें वीरेन्द्र सहवाग ने 95* रनों की पारी खेली थी।
कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मिली हार फिरोजशाह कोटला में खेलते दिल्ली की लगातार 9वीं हार है। इतना खराब रिकॉर्ड अपने घर में खेलते हुए इससे पहले सिर्फ़ डेक्कन चार्जर्स का था, जो अपने घर हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम (उप्पल) में लगातार आठ मैच हारा था।
हर साल दिल्ली करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाकर नई टीम खड़ी करती है, लेकिन नतीजे बिलकुल नहीं बदलते। दिल्ली ने इस बार भी पूरी टीम बदली है और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी को खरीदने के लिए टीम ने 16 करोड़ रुपये तक खर्च कर दिए, लेकिन टीम है कि जीतने का फॉर्मूला खोज ही नहीं पर रही।
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