यह ख़बर 23 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बीसीसीआई बॉस है, वह जो चाहता है करे : कपिल

खास बातें

  • कपिल देव को बीसीसीआई की एकमुश्त लाभार्थ सूची से हटाया गया है या नहीं इसको लेकर अभी जहां अनिश्चितता बनी हुई है, वहीं इस पूर्व कप्तान ने कहा कि बोर्ड के अधिकारी बॉस हैं और यह उनका फैसला है।
नई दिल्ली:

कपिल देव को बीसीसीआई की एकमुश्त लाभार्थ सूची से हटाया गया है या नहीं इसको लेकर अभी जहां अनिश्चितता बनी हुई है, वहीं इस पूर्व कप्तान ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी बॉस हैं और यह उनका फैसला है। कपिल ने कहा, वे बॉस हैं। उन्हें वही करने दो, जो वे चाहते हैं। इस मसले पर बात करने का क्या मतलब बनता है।

भारत की 1983 की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान कपिल को बीसीसीआई ने आईपीएल के उन चार स्थानों पर आमंत्रित नहीं किया है, जहां पूर्व क्रिकेटरों को भारतीय क्रिकेटर की सेवा के लिए चेक देकर सम्मानित किया जा रहा है। कपिल ने 131 टेस्ट और 225 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और उन्हें क्रिकेट जगत के सर्वकालिक महान ऑलराउंडरों में गिना जाता है। बीसीसीआई की योजना के अनुसार उन्हें डेढ़ करोड़ रुपये मिलने चाहिए।

कपिल ने कहा, मैं संतोषी व्यक्ति हूं और इस तरह की बातें मुझे परेशान नहीं करती। मैंने भारत की तरफ से खेलने का लुत्फ उठाया और यह महत्वपूर्ण है। मैं इसके अलावा कुछ नहीं कर सकता। मैं नकारात्मक बातें करके सहज महसूस नहीं करता। मैं बेहद सकारात्मक इंसान हूं और मैं नकारात्मक चीजों के बारे में बात नहीं करता।

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माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने कपिल को इसलिए, नजरअंदाज किया क्योंकि वह इंडियन क्रिकेट लीग में शामिल थे और उन्होंने बोर्ड की माफी स्वीकार नहीं की थी। बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने जहां कहा कि कपिल का नाम लाभ पाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल है, वहीं कुछ अन्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नजरअंदाज किया गया।