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This Article is From Jan 05, 2017

बर्थडे स्पेशल : लॉर्ड्स में इस महान भारतीय क्रिकेटर ने लिया था बदला, जड़े थे लगातार 4 छक्के, 10 खास बातें

बर्थडे स्पेशल : लॉर्ड्स में इस महान भारतीय क्रिकेटर ने लिया था बदला, जड़े थे लगातार 4 छक्के, 10 खास बातें
कपिल देव ने तीसरे टेस्ट में 59 रनों की तूफानी से ऑलराउंडर होने का परिचय दे दिया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने की चर्चा के बीच हम अपने एक पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडर कपिल देव (Kapil Dev) का जन्मदिन मना रहे हैं. एक ऐसा ऑलराउंडर जिससे पहले न तो टीम में कोई वैसा खिलाड़ी आया था और न ही अब तक आया है. वैसे टीम इंडिया में स्पिन ऑलराउंडर तो कई आए और अब भी हैं, लेकिन जब बात तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की होती है, तो हमारे सामने उसके अलावा किसी और का नाम नहीं आता. रफ्तार कम होने के बावजूद अपनी स्विंग गेंदबाजी से अच्छे से अच्छे बल्लेबाज के पसीने छुड़वा देने वाले और बल्ले से कहर बरपाने के लिए कपिल देव मशहूर थे.

कपिल देव को भारत की निर्जीव पिचों पर विकेट निकालने में महारत हासिल थी, तभी तो वह एक समय टेस्ट मैचों में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों के बीच वर्ल्ड में नंबर एक थे. आप कपिल देव की धमक को इसी बात से समझ सकते हैं कि उन्होंने एक बार लगातार 4 छक्के जड़ करके टीम इंडिया को फॉलोऑन से बचा लिया था. आइए जानते हैं टीम इंडिया को 1983 में पहला वनडे वर्ल्ड कप दिलाने वाले कपिल देव के इस कमाल के बारे में... नीचे के भाग में पढ़िए उनके जीवन से जुड़ी 10 खास बातें...

हेमिंग्स के ओवर में जड़ दिए लगातार छक्के...
बात भारत के 1990 के इंग्लैंड दौरे की है. लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर सीरीज का पहला टेस्ट खेला जा रहा था. इंग्लैंड ने टीम इंडिया के सामने पहली पारी में 653 रन बनाए थे. टीम इंडिया को फॉलोऑन बचाने के लिए 454 रन चाहिए थे. भारत के 9 विकेट 430 रन पर ही गिर गए थे, जब कपिल देव का साथ दे रहे संजीव शर्मा शून्य पर ही आउट हो गए. अंतिम विकेट के रूप में बल्लेबाजी करने स्पिनर नरेंद्र हिरवानी आए, जिनसे कोई भी उम्मीद नहीं थी. मतलब वह कभी भी आउट हो सकते थे. संयोग से स्ट्राइक कपिल देव के पास थी और सामने थे गेंदबाज एडी हेमिंग्स. टीम इंडिया को फॉलोऑन टालने के चाहिए थे 24 रन. कपिल ओवर की पहली दो गेंदों पर कोई रन नहीं लिया और अंतिम 4 गेंदों पर 4 शानदार छक्के जड़ दिए. इसी के साथ टीम इंडिया ने फॉलोऑन बचा लिया और जैसा कि डर था हिरवानी अगले ही ओवर में आउट हो गए. हालांकि फॉलोऑन बचने के बावजूद टीम इंडिया यह मैच 247 रन से हार गई, लेकिन कपिल देव की 75 गेंदों में खेली गई 77 रन की पारी अमर हो गई.
 
kapil dev, world cup 1983
कपिल देव ने वर्ल्ड कप 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रनों की तूफानी पारी खेली थी (फाइल फोटो)

कपिल ने लिया था हेमिंग्स से बदला!
भारत में खेले गए 1987 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने टीम इंडिया के सामने 255 रन का लक्ष्य रखा था. उस दौर के क्रिकेट में यह बड़ा लक्ष्य माना जाता था. टीम इंडिया की ओर से पांचवें विकेट के लिए कपिल देव और मोहम्मद अजहरुद्दीन के बीच 47 रनों की साझेदारी हो चुकी थी और लग रहा था कि दोनों मैच को टीम इंडिया की ओर मोड़ देंगे, तभी 22 गेंदों में 30 रन बनाकर खेल रहे कपिल को एडी हेमिंग्स ने कप्तान माइक गेटिंग के हाथों कैच करा दिया और अंत में टीम इंडिया 35 रन से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई. बाद में कहा गया कि 1990 में लॉर्ड्स टेस्ट में कपिल देव ने हेमिंग्स से इसी का बदला निकालते हुए लगातार 4 छक्के जड़ दिए.
 
kapil dev
कपिल देव ने टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए थे, जो कुछ समय तक रिकॉर्ड रहा था.

कपिल देव के बारे में 10 खास बातें :
  • कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था. कपिल देव ने रोमी से शादी की थी. उनकी रोमी से मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी. वे रोमी को एक साल तक प्रपोज नहीं कर पाए थे. बाद में दोस्तों के साथ एक ट्रिप पर कपिल ने रोमी को प्रपोज किया. इस बारे में रोमी का कहना था, "कपिल तब बहुत शर्मीले थे. उनका आत्मविश्वास जैसा आज है, वैसा उस समय नहीं था." अंततः कपिल देव ने रोमी से 1980 में शादी कर ली.
  • 17 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट में डेब्यू किया. कपिल देव ने टेस्ट करियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में 1978 में किया था. उन्होंने पहले तीन टेस्ट मैचों में 7 विकेट चटकाए थे. उन्होंने ऑलराउंडर होने का सबूत उस समय दिया, जब उन्होंने इसी सीरीज के कराची में खेले गए तीसरे टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ 33 गेंदों पर 2 छक्कों की मदद से भारत का सबसे तेज अर्धशतक लगाया. इस मैच में उन्होंने 48 गेंदों में 59 रन बनाए थे, जिसमें 8 चौके और 2 छक्के जड़े थे.
  • इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें भारतीय धरती पर 17 विकेट मिले, जो भारतीय विकेटों के मिजाज के लिहाज से अच्छा प्रदर्शन था. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर उसी के खिलाफ 16 विकेट झटके.
  • कपिल को असली पहचान 1979 में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलते हुए मिली, जब उन्होंने 6 टेस्ट मैचों में 28 विकेट चटका दिए. इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत में ही 32 विकेट लेकर तहलका मचा दिया.
  • कपिल ने महज 21 वर्ष और 27 दिन की आयु में 1000 रन और 100 टेस्ट विकेट पूरा कर दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. उन्होंने 2000 रन और 200 विकेट का डबल भी सबसे कम उम्र में ही पूरा किया.
  • कपिल देव की कप्तानी में ही भारत ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप, 1983 जीता था. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने फाइनल में दो बार की विजेता वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम को अप्रत्याशित रूप से हराया था.  कपिल की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने टेस्ट में 1986 में लॉर्ड्स में पहली टेस्ट जीत दर्ज की थी.
  • 1983 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 17 रन पर पांच विकेट गिर गए थे. कपिल देव ने इस मैच में 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी. कप्तान कपिल देव ने सैय्यद किरमानी के साथ नौवें विकेट के लिए नाबाद 126 रनों की साझेदारी निभाई थी, जिसमें किरमानी का योगदान 24 रन का था.
  • कपिल देव ने भारतीय टीम की कप्तानी 1982 में संभाली थी. कपिल देव ने 131 टेस्ट में 23 बार पारी में पांच विकेट लिए थे, जिसे हाल ही में रविचंद्रन अश्विन ने पार किया था.
  • कपिल देव ने 131 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए थे और एक समय वह वर्ल्ड में टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. बाद में उनको कर्टनी वॉल्‍श, मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न, अनिल कुंबले जैसे गेंदबाजों ने पीछे छोड़ा.
  • साल 1999 में उन्होंने टीम इंडिया के कोच पद की कमान भी संभाली थी और 2000 तक इस पद पर रहे. उनके क्रिकेट में योगदान को देखते हएु 24 सितंबर, 2008 को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का दर्जा दिया गया था.

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