छोटे से इंटरनेशनल करियर में ही बुमराह ने यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल कर ली है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत में यॉर्कर गेंद फेंकने वाले गेंदबाज गिनती के ही रहे हैं. क्रिकेट, खासकर शार्टर फॉर्मेट के क्रिकेट में इस गेंद को बेजोड़ हथियार माना जाता है. इस गेंद के जरिये गेंदबाज अकसर न सिर्फ विकेट हासिल करने में सफल रहता है बल्कि रनों का प्रवाह रोकने के लिहाज से भी यह गेंद कारगर साबित होती है.
शार्टर फॉर्मेट के क्रिकेट के डेथ ओवर्स में कप्तान अपने तेज गेंदबाजों से यही उम्मीद करता है कि वे यॉर्कर लेंथ की गेंद फेंककर बल्लेबाजों को 'हाथ खोलने' का मौका नहीं दें, साथ ही विकेट भी झटकें. बदकिस्मती से भारतीय टीम में कम ही गेंदबाज (तेज) गेंदबाज ऐसा करने में सफल रहे हैं. पूर्व में अकसर यही देखने में आता था कि आखिरी के ओवर्स में भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुलाई हो रही है और वे यॉर्कर गेंद नहीं फेंक रहे हैं. कई बार गेंदबाज इस लेंथ की गेंद का प्रयास करते भी थे तो यह फुलटॉस हो जाती थी. ऐसे में बल्लेबाजों के लिए तो मानो 'रनों का जैकपॉट' हाथ लग जाता था. लंबे समय से यॉर्कर और स्लोअर गेंद फेंकने में हमारे बॉलर्स की सीमितता को हमारे खराब प्रदर्शन का कारण माना जाता रहा.(देखें कुछ बेस्ट यॉर्कर्स का वीडियो..)
भारत के लिए सबसे पहले यॉर्कर का चतुराई से इस्तेमाल करने वाले गेंदबाज कपिल देव रहे. वर्ष 1985 में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट (वहीं टूर्नामेंट, जिसमें रवि शास्त्री ने ऑडी कार जीती थी) के फाइनल में कपिल ने पाकिस्तान के कासिम उमर को यॉर्कर पर ही बोल्ड किया था. कपिल के क्रिकेट परिदृश्य से ओझल होने के बाद यह 'खास गेंद' भारत के लिहाज से 'दुर्लभ' ही बन गई.
आईसीसी ट्रॉफी में जहीर ने यॉर्कर पर ही किया था स्टीव वॉ को आउट
कपिल के रिटायरमेंट के बाद अजित आगरकर और जहीर खान ने भी इस गेंद को रनों का फ्लो रोकने और विकेट हासिल करने में इस्तेमाल किया. आईसीसी ट्रॉफी 2000 में युवा जहीर खान ने यॉर्कर पर ही ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ का आउट करके वाहवाही लूटी थी. इस तरह शार्टर फॉर्मेट के क्रिकेट के एक और हथियार, स्लोअर बॉल को कर्नाटक के तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद चतुराई से इस्तेमाल करते हैं.
वकार यूनुस को वह खास यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल थी
22 वर्षीय जसप्रीत बुमराह के रूप में टीम इंडिया को यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल करने वाला एक और गेंदबाज मिल गया है. आमतौर पर ऐसे क्षण कम ही देखने में आते हैं कि किसी गेंदबाज की यॉर्कर का सामना करते हुए बल्लेबाज लड़खड़ाकर क्रीज पर ही गिर जाए (भारत के लिहाज से तो शायद बिल्कुल नहीं). लसित मलिंगा की ही तरह स्लिंगर गेंदबाज माने जा रहे जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को यह दुर्लभ मौका उपलब्ध कराया. पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वकार यूनुस और वसीम अकरम को ऐसी यॉर्कर (जिसमें बल्लेबाज लड़खड़ा संतुलन ही न बना पाए) फेंकने में महारत हासिल थी. पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और श्रीलंका के लसित मलिंगा भी यॉर्कर फेंककर कई बल्लेबाजों को आउट कर चुके हैं.
बुमराह ने डेथ ओवर्स में साउदी को यॉर्कर पर आउट किया
न्यूजीलैंड की पारी के 24वें ओवर में बुमराह ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन को ऐसी ही गेंद फेंकी. इस गेंद की लेंथ इतनी सटीक थी कि यह कीवी कप्तान लड़खड़ाकर क्रीज पर ही गिर गए. हालांकि गेंद पर एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील को अंपायर ने ठुकरा दिया, लेकिन भारतीय क्रिकेट के लिहाज से तो यह बेहद दिलकश नजारा ही माना जाएगा. अब तक 5 वनडे मैचों में 11 विकेट हासिल करने वाले बुमराह ने इसके बाद डेथ ओवर्स में एक और यॉर्कर फेंककर टिम साउदी (0) को बोल्ड किया.
धर्मशाला के वनडे में साउदी ने बनाया था आतिशी अर्धशतक
यह जिक्र करना जरूरी है कि धर्मशाला में हुए पहले वनडे में लॉथम के अलावा साउदी के तेजतर्रार अर्धशतक की बदौलत ही न्यूजीलैंड 190 के स्कोर तक पहुंच पाया था. केन विलियम्सन के शतक (118 रन) और कीवी कप्तान की टॉम लाथम के साथ तेज साझेदारी के कारण एक समय न्यूजीलैंड टीम के 300 के स्कोर तक पहुंचने की पूरी संभावना लग रही थी लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी के ओवरों ने विपक्षी टीम की रनगति पर ब्रेक लगा दिया. बुमराह ने अपने 10 ओवर में 35 रन देकर तीन विकेट लिए. कीवी टीम का कोई भी बल्लेबाज उनके खिलाफ खुलकर नहीं खेल पाया.
न्यूजीलैंड टीम को 50 ओवर्स में 242 रन पर सीमित करने में बुमराह का भी खास योगदान रहा. बुमराह का मानना है कि उनका एक्शन यॉर्कर फेंकने के लिहाज से सूट करता है. न्यूजीलैंड की पारी के बाद उन्होंने कहा कि यॉर्कर पर मैंने काफी मेहनत की है. मैं काफी टेनिस बॉल क्रिकेट खेला और इसमें काफी यॉर्कर फेंकीं..
शार्टर फॉर्मेट के क्रिकेट के डेथ ओवर्स में कप्तान अपने तेज गेंदबाजों से यही उम्मीद करता है कि वे यॉर्कर लेंथ की गेंद फेंककर बल्लेबाजों को 'हाथ खोलने' का मौका नहीं दें, साथ ही विकेट भी झटकें. बदकिस्मती से भारतीय टीम में कम ही गेंदबाज (तेज) गेंदबाज ऐसा करने में सफल रहे हैं. पूर्व में अकसर यही देखने में आता था कि आखिरी के ओवर्स में भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुलाई हो रही है और वे यॉर्कर गेंद नहीं फेंक रहे हैं. कई बार गेंदबाज इस लेंथ की गेंद का प्रयास करते भी थे तो यह फुलटॉस हो जाती थी. ऐसे में बल्लेबाजों के लिए तो मानो 'रनों का जैकपॉट' हाथ लग जाता था. लंबे समय से यॉर्कर और स्लोअर गेंद फेंकने में हमारे बॉलर्स की सीमितता को हमारे खराब प्रदर्शन का कारण माना जाता रहा.(देखें कुछ बेस्ट यॉर्कर्स का वीडियो..)
भारत के लिए सबसे पहले यॉर्कर का चतुराई से इस्तेमाल करने वाले गेंदबाज कपिल देव रहे. वर्ष 1985 में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट (वहीं टूर्नामेंट, जिसमें रवि शास्त्री ने ऑडी कार जीती थी) के फाइनल में कपिल ने पाकिस्तान के कासिम उमर को यॉर्कर पर ही बोल्ड किया था. कपिल के क्रिकेट परिदृश्य से ओझल होने के बाद यह 'खास गेंद' भारत के लिहाज से 'दुर्लभ' ही बन गई.
आईसीसी ट्रॉफी में जहीर ने यॉर्कर पर ही किया था स्टीव वॉ को आउट
कपिल के रिटायरमेंट के बाद अजित आगरकर और जहीर खान ने भी इस गेंद को रनों का फ्लो रोकने और विकेट हासिल करने में इस्तेमाल किया. आईसीसी ट्रॉफी 2000 में युवा जहीर खान ने यॉर्कर पर ही ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ का आउट करके वाहवाही लूटी थी. इस तरह शार्टर फॉर्मेट के क्रिकेट के एक और हथियार, स्लोअर बॉल को कर्नाटक के तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद चतुराई से इस्तेमाल करते हैं.
वकार यूनुस को वह खास यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल थी
22 वर्षीय जसप्रीत बुमराह के रूप में टीम इंडिया को यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल करने वाला एक और गेंदबाज मिल गया है. आमतौर पर ऐसे क्षण कम ही देखने में आते हैं कि किसी गेंदबाज की यॉर्कर का सामना करते हुए बल्लेबाज लड़खड़ाकर क्रीज पर ही गिर जाए (भारत के लिहाज से तो शायद बिल्कुल नहीं). लसित मलिंगा की ही तरह स्लिंगर गेंदबाज माने जा रहे जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को यह दुर्लभ मौका उपलब्ध कराया. पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वकार यूनुस और वसीम अकरम को ऐसी यॉर्कर (जिसमें बल्लेबाज लड़खड़ा संतुलन ही न बना पाए) फेंकने में महारत हासिल थी. पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और श्रीलंका के लसित मलिंगा भी यॉर्कर फेंककर कई बल्लेबाजों को आउट कर चुके हैं.
बुमराह ने डेथ ओवर्स में साउदी को यॉर्कर पर आउट किया
न्यूजीलैंड की पारी के 24वें ओवर में बुमराह ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन को ऐसी ही गेंद फेंकी. इस गेंद की लेंथ इतनी सटीक थी कि यह कीवी कप्तान लड़खड़ाकर क्रीज पर ही गिर गए. हालांकि गेंद पर एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील को अंपायर ने ठुकरा दिया, लेकिन भारतीय क्रिकेट के लिहाज से तो यह बेहद दिलकश नजारा ही माना जाएगा. अब तक 5 वनडे मैचों में 11 विकेट हासिल करने वाले बुमराह ने इसके बाद डेथ ओवर्स में एक और यॉर्कर फेंककर टिम साउदी (0) को बोल्ड किया.
धर्मशाला के वनडे में साउदी ने बनाया था आतिशी अर्धशतक
यह जिक्र करना जरूरी है कि धर्मशाला में हुए पहले वनडे में लॉथम के अलावा साउदी के तेजतर्रार अर्धशतक की बदौलत ही न्यूजीलैंड 190 के स्कोर तक पहुंच पाया था. केन विलियम्सन के शतक (118 रन) और कीवी कप्तान की टॉम लाथम के साथ तेज साझेदारी के कारण एक समय न्यूजीलैंड टीम के 300 के स्कोर तक पहुंचने की पूरी संभावना लग रही थी लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी के ओवरों ने विपक्षी टीम की रनगति पर ब्रेक लगा दिया. बुमराह ने अपने 10 ओवर में 35 रन देकर तीन विकेट लिए. कीवी टीम का कोई भी बल्लेबाज उनके खिलाफ खुलकर नहीं खेल पाया.
न्यूजीलैंड टीम को 50 ओवर्स में 242 रन पर सीमित करने में बुमराह का भी खास योगदान रहा. बुमराह का मानना है कि उनका एक्शन यॉर्कर फेंकने के लिहाज से सूट करता है. न्यूजीलैंड की पारी के बाद उन्होंने कहा कि यॉर्कर पर मैंने काफी मेहनत की है. मैं काफी टेनिस बॉल क्रिकेट खेला और इसमें काफी यॉर्कर फेंकीं..
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