90 के दशक में भारतीय तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट के अहम गेंदबाज जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) का जन्म 31 अगस्त साल 1969 को कर्नाटक के मैसूर जिले में हुआ था. अपने करियर में श्रीनाथ ने कई कारनामें किए. श्रीनाथ भारत की ओर से वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले गेंदबाज हैं. श्रीनाथ ने इंटरनेशनल करियर में कुल 551 विकेट हासिल किए हैं. श्रीनाथ साल 1992, 1996, 1999 और 2003 के वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने अपने करियर में श्रीनाथ ने अपने करियर में 67 टेस्ट और 229 वनडे मैच खेले. टेस्ट में श्रीनाथ ने 236, वनडे में 315 विकेट अपने नाम करने में सफल रहे थे. श्रीनाथ ने 1989 में हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था. उन्होंने पहली पारी में हैट्रिक विकेट लेकर धमाल मचा दिया था. एहतेशामुद्दीन अली खान, एमवी रामनमूर्ति और राजेश यादव को आउट कर उन्होंने अपनी पहली हैट्रिक विकेट पूरी की थी.
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श्रीनाथ ने प्रथम श्रेणी पदार्पण में कुल सात विकेट अपने नाम करने का कमाल कर दिखाया था. श्रीनाथ ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच खेलकर किया था. इसी साल तेज गेंदबाज को टेस्ट में भी डेब्यू करने का मौका मिला था. उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1991 में ब्रिस्बेन टेस्ट मैच में खेला था.
श्रीनाथ की वह गेंद जिसने बल्लेबाज को जमीन पर पटक दिया था.
श्रीनाथ अपने करियर में कभी भी बल्लेबाजों को स्लेजिंग करते हुए नहीं पाए गए. यह गेंदबाज अपनी गेंद से ही करतब दिखाकर बल्लेबाज को ज्यादा से ज्यादा परेशान करता था. अपनी शुरूआती करियर में ही श्रीनाथ ने अपनी गेंदबाजी से खुद को साबित कर दिया था कि वो विरोधी बल्लेबाजों के लिए कितना बड़ा खतरा साबित होने वाले हैं. इसका प्रमाण उन्होंने साल 1992 में जोहान्सबर्ग टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिया था.
One of his finest bowling efforts came v SA in Ahmedabad (6/21) in 1996. Picked 13 wickets v Pakistan at Eden Gardens in 1999
— Sarang Bhalerao (@bhaleraosarang) August 31, 2021
In 1992, one of his deliveries hit SA pacer Meryck Pringle on the left eye. Hit the helmet of Ponting at MCG; Jayasuriya & Lanka de Silva in Mumbai (1997)
नवंबर 1992 में मेजबान साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग टेस्ट मैच में जवागल श्रीनाथ ने अपनी खतरनाक गेंदबाजी के लिए सुर्खियां बटोरीं, उस टेस्ट के दूसरे दिन, श्रीनाथ की एक घातक गेंद साउथ अफ्रीका बल्लेबाज मेरिक प्रिंगल की आंख पर जाकर लग गई थी. श्रीनाथ की वह गेंद इतनी खतरनाक थी कि बल्लेबाज चोट खाकर मैदान पर ही गिर गया. इससे प्रोटियाज टेलेंडर को बहुत चोट लगी, जिसके बाद तुरंत उन्हें इलाज के लिए स्ट्रेचर की मदद से मैदान से बाहर ले जाया गया. चोट इतनी घातक थी कि वह बल्लेबाज पूरे टेस्ट में मैदान पर नहीं दिखा और शेष मैच के लिए अनुपलब्ध रहा.
सौरव गांगुली ने विश्व कप खेलने के लिए बुलाया
क्रिकेटर की जिन्दगी में ऐसा काफी कम ही देखने को मिलता है जब संन्यास लेने के बाद उस टीम का कप्तान खिलाड़ी को फिर से टीम के लिए खेलने के लिए कहता है. जवागल श्रीनाथ उन खिलाड़ियों में भी शामिल है.
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श्रीनाथ ने 2002 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन उस समय भारतीय टीम के कप्तान गांगुली चाहते थे कि वह 2003 का विश्व कप खेले. कप्तान गांगुली के कहने पर श्रीनाथ ने अपनी रिटायरमेंट वापस ली और साउथ अफ्रीका में वर्ल्ड कप खेला था. 2003 विश्व कप में श्रीनाथ ने कमाल की गेंदबाजी की और 23.06 की औसत से 16 विकेट चटकाए और उनका इकोनमी रेट 4.04 की रही थी. वह इस इस विश्प कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने थे.
मैसूर एक्सप्रेस के नाम से जाने गए
श्रीनाथ अपने करियर में मैसूर एक्सप्रेस के नाम से जाने गए. क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने मैच रेफरी की भूमिका निभाई, और वर्तमान में वो मैच रेफरी के तौर पर एक्टिव हैं. बता दें कि उनके पास इंस्ट्रूमेंटेशन में बैचलर आफ इंजीनियरिंग की डिग्री भी है.
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