यह ख़बर 10 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

टीयूसीसी : जैन यूनिवर्सिटी बनी टोयोटा यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैंपियन

खास बातें

  • टोयोटा यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप के फाइनल में बैंगलुरू की जैन यूनिवर्सिटी ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी को दो रन से हरा दिया।
नई दिल्ली:

टोयोटा यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप के फाइनल में बैंगलुरू की जैन यूनिवर्सिटी ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी को दो रन से हरा दिया। बेंगलुरु की टीम ने दिल्ली की टीम के सामने 123 रन का लक्ष्य रखा था।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का जैन यूनिवर्सिटी बैंगलुरु का फैसला पहले ओवर से ही खराब लगने लगा। पांच गेंदों के भीतर ही जैन यूनिवर्सिटी के दो और बल्लेबाज़ पवैलियन लौट चुके थै और बैंगलुरु के तीन विकेट बिना खाता खोले ही गिर गए।

पहले पांच ओवर में बैंगलुरु ने सिर्फ़ नौ रन बनाए लेकिन उसके बाद श्रेयस गोपाल और कप्तान कुनैन अब्बास ने साझेदारी खड़ी करनी शुरू की।

कप्तान अब्बास यहां खुशकिस्मत थे कि यहां अंपायर से चूक हुई हैं और उन्हें यहां एक जीवनदान मिल गया। दूसरे छोर पर गोपाल अखेल जामिया के गेंदबाज़ों से लोहा लेते रहे। 15 ओवरों में बैंगलुरु का स्कोर 78 रन था और अब कप्तान अब्बास भी लय में आने लगे थे।

जामिया में फैन्स की मौजूदगी पूरे टूर्नामेंट में शानदार रही और फ़ाइनल में अपनी टीम का समर्थन में मैदान फुल था। स्कोर बोर्ड को बढ़ाने की फिराक में अब्बास 33 रनों पर आउट हो गए।

जैन यूनिवर्सिटी बैंगलुरु की पारी के असली हीरो रहे श्रेयस गोपाल जिन्होंने 83 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम के स्कोर को 122 तक पहुंचाया।

घरेलू दर्शकों के सामने जामिया की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। अमित वर्मा महज चार रन पर आउट हुए। इसके बाद प्रवीण यादव अपना खाता भी नहीं खोल पाए।

महज पांच रन पर दो विकेट गिरने के बाद जामिया के मैदान में सन्नाटा पसर गया। सुरेंद्र दहिया ने टीम की ओर से मुकाबला जारी रखा।

टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में शिवम शर्मा का बल्ला यहां भी रन बटोरता दिखा।

जामिया यूनिवर्सिटी ने चार में से तीन मैच में पीछा करते हुए जीत हासिल की थी लेकिन यहां मुकाबला कांटे का लग रहा था। श्रेयस गोपाल ने शिवम शर्मा को 35 रन पर आउट कर बेंगलुरु को मुकाबले में वापस ला दिया। इसके बाद श्रेयस गोपाल ने सुरेंदर दहिया को 31 रन पर पवेलियन भेज दिया।

साजिद जमाली के आउट होने के बाद अंतिम तीन ओवरों में जामिया को 27 रन बनाने थे। दूसरी तरफ विकेट लगतार गिर रहे थे।

अंतिम ओवर में जामिया को 14 रन बनाने थे। अभय नेगी ने पहले चार गेंदों पर 2−2 रन लिए।

आखिरी गेंद पर जामिया को पांच रन बनाने थे, जो नहीं बने।

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टीम के बल्लेबाज़ कूनेन अब्बास ने 33 रनों की पारी खेली। वह पूरे टूर्नामेंट के सबसे स्टार बल्लेबाज के तौर पर उभरे। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट आंका गया।