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This Article is From Jun 25, 2022

मुंबई के लिए Ranji Trophy जीतना हुआ बड़े चमत्कार जैसा, ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ मुंबई के साथ

Ranji Trophy Final: मैच के चौथे दिन मुंबई ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट  के नुकसान पर 113 रन बना लिए हैं और वह अभी भी पहली पारी में मध्य प्रदेश से 49 रन पीछे है.

मुंबई के लिए Ranji Trophy जीतना हुआ बड़े चमत्कार जैसा,  ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ मुंबई के साथ
Ranji Trophy Final: रजत पाटीदार ने शतक बनाकर दिखाया कि वह इनिंग क्रिकेट खेलना भी बखूबी जानते हैं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मुंबई दूसरी पारी में 2 विकेट पर 113 रन
अभी भी 49 रन का कर्ज है मुंबई पर
रविवार को है फाइनल का आखिरी दिन
बेंगलुरु:

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल (Ranji Trophy Final) मुकाबला लगभग उसके हाथ से निकल गया है. मैच के चौथे दिन मध्य प्रदेश का शिकंजा कस चला है, जो पहली बार इतिहास में सबसे ज्यादा 41 बार रणजी ट्रॉफी जीतने के लिए तैयार है. इसमें से मुंबई ने साल 1958-1972-73 तक तो इस टूर्नामेंट को लगातार जीता, लेकिन इस बार अब बाजी उसके हाथ से निकल गयी है. और अगर वह आखिरी दिन रविवार को खिताब जीत लेता है, तो यह उसके लिए बड़े  चमत्कार से कम नहीं होगा. मैच के चौथे दिन मुंबई ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट  के नुकसान पर 113 रन बना लिए हैं और वह अभी भी पहली पारी में मध्य प्रदेश से 49 रन पीछे है.

मध्य प्रदेश की पहली पारी चौथे दिन 536 रनों पर खत्म हुयी. जहां तीसरे दिन एमपी के लिए यश दुबे (133) और शुभम शर्मा (116) ने शतक जड़े थे, तो चौथे दिन पिछले दिनों आईपीएल में अपने प्रचंड प्रहारों से सभी का दिल जीतने वाले रजत पाटीदार (122) ने दिखाया कि उनमें दीर्घकालिक क्रिकेट के लिए भी जरूरी धैर्य है. इसी शतक के साथ मुंबई के साथ ऐसा सिर्फ दूसरी बार जब रणजी ट्रॉफी फाइनल में उसके खिलाफ तीन शतक  जड़े गए. इससे पहले साल 1963-64 में उसके खिलाफ राजस्थान के लिए सलीम दुर्रानी (118), विजय मांजरेकर (105) और हनुमंत सिंह (128) ने शतक जड़े थे. हालांकि, उस समय तीन शतक खाने के बावजूद  मुंबई खिताब जीत गया था. 
 
अब क्या रास्ता है मुंबई के सामने आखिरी दिन

चौथे दिन की समाप्ति पर मुंबई पहली पारी के आधार पर मध्य प्रदेश से अभी भी  49 रन पीछे है. ऐसे में मुंबई के बल्लेबाजों को आखिरी दिन रविवार को सुबह से ही न केवल तेज बल्लेबाजी करनी होगी, बल्कि अच्छी खासी बढ़त लेने के बाद राजस्थान को लक्ष्य से पहले आउट करना होगा. 

अगर मुंबई ऐसा नहीं कर सका तो....

अगर 41 बार रणजी ट्रॉफी टाइटल जीतने वाली मुंबई ऐसा करने में नाकाम रही, तो नियमों के हिसाब से पहली पारी में 162 रन की बढ़त लेने वाली मध्य प्रदेश की टीम इसी बढ़त के आधार पर पहली बार रणजी चैंपियन बन जाएगी. अगर मुंबई तेज बल्लेबाजी करके राजस्थान के सामने अच्छा लक्ष्य रख भी देता है, तो पहली पारी में लगे तीन शतक और पांच सौ से ऊपर के स्कोर को देखते हुए लगता नहीं कि मुंबई के गेंदबाज एमपी को लक्ष्य के भीतर आउट कर भी पाएंगे. अगर ऐसा हुआ, तो यह क्रिकेट इतिहास के बड़े चमत्कारों में से एक होगा.

अगर पूरे दिन हुई बारिश, तो...

अगर आखिरी दिन का खेल बारिश से धुल जाता है. और एक भी गेंद नहीं फेंकी जाती है, तो पहली पारी की बढ़त के आधार पर मध्य प्रदेश चैंपियन बन जाएगा. कुल मिलाकर मुंबई की राह में कांटे ही कांटे हैं. 

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