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This Article is From Feb 16, 2019

Irani Trophy: फिर भी विदर्भ ने लगातार दूसरे साल जीती ईरानी ट्रॉफी, लेकिन...

Irani Trophy: फिर भी विदर्भ ने लगातार दूसरे साल जीती ईरानी ट्रॉफी, लेकिन...
खिताबी जीत के बाद विदर्भ टीम के सदस्य और कोच चंद्रकांत पंडित
  • अक्षय कारनेवर बने मैन ऑफ द मैच
  • अक्षय ने दूसरी पारी में बनाए थे महत्वपूर्ण 202 रन
  • बिना जाफर और उमेश यादव के बना विदर्भ चैंपियन
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नागपुर:

गणेश सतीश (87) और अर्थवा टाइडे (72) के अर्धशतकों की मदद से रणजी चैंपियन विदर्भ ने शेष भारत एकादश को पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर हराकर शनिवार को ईरानी कप का खिताब लगातार दूसरी बार अपने नाम कर लिया. मैच के पांचवें दिन शनिवार को दोनों टीमों के बीच मुकाबला ड्रॉ रहा, लेकिन विदर्भ ने पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर खिताब अपने नाम किया. विदर्भ ने लगातार दूसरी बार यह गोल्डन डबल पूरा किया है. बीते सीजन में भी उसने यह खिताब जीता था. वैसे विदर्भ की खिताबी जीत के बाद भी टीम के प्रशंसकों और क्रिकेटप्रेमियों के जह़न में सवाल रह-रहकर उमड़ रहा है. 

शेष भारत एकादश ने अपनी पहली पारी में 330 रन का स्कोर बनाया था. विदर्भ ने अक्षय कारनेवार के शानदार शतक की बदौलत पहली पारी में 425 रन बनाकर 95 रनों की बढ़त बना ली थी. इसके बाद शेष भारत एकादश ने तीन विकेट पर 374 रन बनाकर अपनी दूसरी पारी घोषित कर दी थी और मैच जीतने के लिए विदर्भ को 280 रनों का लक्ष्य दिया था. विदर्भ ने अपनी दूसरी पारी में पांच विकेट पर 269 रन बना लिए थे और उसे मैच जीतने के लिए 11 रन और बनाने थे कि तभी मैच ड्रॉ होने की घोषणा कर दी गई. और पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर विदर्भ लगातार दूसरी बार चैंपियन बनने में सफल रहा. 

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विदर्भ ने अपने कल के स्कोर एक विकेट के नुकसान पर 37 रन से आगे खेलना शुरू किया. संजय रघुनाथ 17 और अर्थवा टाइडे ने अपनी पारी को 16 रन से आगे बढ़ाया. दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 116 रन की शतकीय साझेदारी की. संजय 131 गेंदों का सामना करने के बाद 42 के निजी स्कोर पर आउट हुए. उनके आउट होने के बाद टाइडे भी अपना अर्धशतक पूरा कर टीम के 146 के स्कोर पर तीसरे बल्लेबाज के रूप में प्वेलियन लौटे. उन्होंने 185 गेंदों पर आठ चौके और एक छक्का लगाया. 

सतीश ने फिर से यहां से मोहित काले (37) के साथ चौथे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया. काले के आउट होने के बाद सतीश भी टीम के 269 के स्कोर पर पांचवें बल्लेबाज के रूप में आउट हो गए. सतीश ने 168 गेंदों पर नौ चौके और एक छक्का लगाया. सतीश जब आउट हुए तो टीम को मैच जीतने के लिए 11 रन बनाने थे. लेकिन मैच ड्रॉ की घोषणा कर दी गई. अक्षय वाडकर 10 रन बनाकर नाबाद लौटे.इसी के साथ विदर्भ ने लगातार दूसरे साल ईरानी ट्रॉफी जीत ली. शेष भारत की टीम में कई सितारा खिलाड़ी थे, जबकि विदर्भ को इस मैच में वसीम जाफर और उमेश यादव की सेवाएं नहीं मिली. बावजूद इसके विदर्भ अपने से कहीं शेष भारत को मात देने में कामयाब रहा. 

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शेष भारत एकादश की ओर से राहुल चहर ने दो और अंकित राजपूत, धर्मेद्रसिंह जडेजा तथा दोनों पारियों में शतक लगाने वाले हनुमा विहारी ने एक-एक विकेट लिए. मैच में पहली पारी में 102 रन बनाने वाले हरफनमौला खिलाड़ी अक्षय को मैन ऑफ द मैच चुना गया. वैसे विदर्भ की खिताबी जीत के बाद क्रिकेटप्रेमियों के ज़हन में सवाल कौंध रहा है कि जब विदर्भ सीधी जीत से सिर्फ 11 रन ही दूर था, तो उसे सीधी जीत से वंचित क्यों किया गया. 
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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