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This Article is From Mar 17, 2018

IRANI TROPHY: विदर्भ का खिताब पर कब्जा तय, पृथ्वी शॉ 'गोल्डन हैट्रिक' से चूके

ईरानी ट्रॉफी में विदर्भ का 800 रन बनाने का अर्थ है कि बीसीसीआई को कुछ ऐसा रास्ता निकालना होगा, जहां सामने वाली टीमों और गेंदबाजों के लिए भी उम्मीदें जिंदा रहें

IRANI TROPHY: विदर्भ का खिताब पर कब्जा तय, पृथ्वी शॉ 'गोल्डन हैट्रिक' से चूके
पृथ्वी शॉ की फाइल फोटो
नई दिल्ली: रणजी विजेता विदर्भ के बल्लेबाजों द्वारा 800 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद उसके गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने ईरानी ट्रॉफी के चौथे दिन शनिवार को शेष भारत की परेशानियों में और इजाफा कर दिया. विदर्भ ने अपनी पहली पारी सात विकेट के नुकसान पर 800 रनों पर घोषित कर दी और दिन का खेल खत्म होने तक उसने शेष भारत के छह विकेट 236 रनों पर ही गिरा दिए.
  गुरबानी ने चार विकेट अपने नाम किए हैं, तो वहीं उमेश यादव और आदित्य ठाकरे को एक विकेट मिला. शेष भारत की स्थिति और भी बुरी हो सकती थी, लेकिन हुनमंत विहारी और जयंत यादव ने सातवें विकेट के लिए 138 रनों की साझेदारी कर उसे किसी तरह संभाले रखा है. दिन का खेल खत्म होने तक विहारी 81 रन बनाकर तो वहीं जयंत 62 रन बनाकर खेल रहे हैं. बहरहाल सभी की निगाहें पृथ्वी शॉ पर थीं, लेकिन वह 'गोल्डन हैट्रिक' बनाने से चूक गए. 

विहारी ने अभी तक 171 गेंदों का सामना किया है और 10 चौके लगाए हैं. वहीं जयंत ने 147 गेंदों की पारी में नौ चौके जड़े हैं. विदर्भ के विशाल स्कोर के सामने अपनी पहली पारी खेलने उतरी शेष भारत को चार के कुल स्कोर पर ही पहला झटका लगा. रविकुमार समर्थ को गुरबानी ने खाता भी नहीं खोलने दिया. रणजी के इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज मंयक अग्रवाल को उमेश ने आउट कर शेष भारत को दूसरी सफलता दिलाई. 

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इसके बाद कप्तान करुण नायर (21) और पृथ्वी शॉ (51) ने टीम को 77 के स्कोर तक पहुंचा दिया. 64 गेंदों में सात चौके और एक छक्का मारने वाले पृथ्वी को ठाकरे ने अपना शिकार बनाया. 98 तक आते-आते शेष भारत ने अपने कुल छह विकेट खो दिए थे. इसके बाद दिन का खेल खत्म होने तक विहारी और जयंत ने टीम को कोई और झटका नहीं लगने दिया. इससे पहले, अपने तीसरे दिन के स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 702 रनों से आगे खेलने उतरी विदर्भ ने चौथे दिन अपने खाते में 98 रन जोड़े. तीसरे दिन अपने शतक से एक रन दूर रहते हुए पैवेलियन लौटने वाले अपूर्व वानखेड़े ने अपना शतक पूरा किया. वह 157 रन पर नाबाद लौटे. इसके लिए उन्होंने 221 गेंदें लीं और 16 चौके और छह छक्के लगाए.  

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विदर्भ की शेष भारत पर जीत अब सिर्फ महज औपचारिकता भर बची है. बहरहाल, पृथ्वी शॉ गोल्डन हैट्रिक बनाने और सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए. बता दें कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर ही ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर के पहले ही रणजी, दलीप और ईरान ट्रॉफी मैच में शतक बनाया. पृथ्वी के पास यह मौका था क्योंकि वह रणजी और दलीप ट्रॉफी में यह कारनामा कर चुके हैं, लेकिन वह 51 रन ही बना सके. 
 

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